स्टूडेंट्स को PM का सरप्राइज:शिक्षा मंत्रालय की वीडियो कॉन्फ्रेंस में अचानक जुड़े मोदी, छात्रों-अभिभावकों से परेशानियों पर बात की
शिक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को CBSE छात्रों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मीटिंग में अचानक जुड़ गए। उन्होंने छात्रों और अभिभावकों से परीक्षाओं को लेकर परेशानियों पर चर्चा की। बताया जाता है कि वे काफी कम वक्त के लिए मीटिंग से जुड़े। इस दौरान उन्होंने छात्रों से मार्किंग करने के तरीके के बारे में भी पूछा।
प्रधानमंत्री ने 1 जून को हुई एक हाईलेवल मीटिंग के बाद CBSE की 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं रद्द करने की घोषणा की थी। इसके बाद महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश ने भी अपने राज्य बोर्ड की परीक्षाएं रद्द कर दी हैं।
12वीं बोर्ड एग्जाम रद्द करने के बाद मोदी ने कही थी 5 बड़ी बातें
- छात्रों के हित को ध्यान में रखकर ही 12वीं की परीक्षा रद्द करने का फैसला लिया गया है।
- छात्रों की सुरक्षा और सेहत हमारे लिए सबसे बड़ी प्राथमिकता है। इस पर किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता है।
- परीक्षा को लेकर छात्र, पेरेंट्स और टीचर्स सभी परेशान थे। इस फिक्र को खत्म किया जाना जरूरी था।
- ऐसे दबाव भरे माहौल में छात्रों को परीक्षा देने के लिए बाध्य किया जाना ठीक नहीं होगा।
- परीक्षा से जुड़े सभी पक्षों को इस समय छात्रों के प्रति संवेदनशीलता दिखाने की जरूरत है।
रिजल्ट किस आधार पर आएगा, ये तय करने में 2 हफ्ते लगेंगे: CBSE
CBSE के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने बुधवार को बताया था कि स्टूडेंट्स के मूल्यांकन के लिए स्ट्रक्चरिंग क्राइटेरिया पर काम चल रहा है, इसे पूरा करने में करीब 2 हफ्ते का समय लगेगा। फिर इस पर फैसला होगा। प्रक्रिया पूरी होते ही इसे पब्लिक डोमेन में लाया जाएगा।
त्रिपाठी ने कहा कि पेरेंट्स, टीचर्स, प्रिंसिपल और स्टूडेंट्स को इसके लिए थोड़ा इंतजार करने की जरूरत है। साथ ही सभी से अनुरोध है कि घबराएं नहीं।
12वीं के रिजल्ट के लिए इंटरनल असेसमेंट के खिलाफ एक्सपर्ट
12वीं से पहले 10वीं की परीक्षाएं रद्द की जा चुकी हैं। 10वीं का रिजल्ट तैयार करने के लिए 5 सदस्यीय शिक्षकों की टीम का गठन हर स्कूल में किया गया है। ये टीम भी इंटरनल असेसमेंट के आधार पर 10वीं का रिजल्ट तैयार करेगी।
अब 12वीं के लिए भी इंटरनल अससेसमेंट के फॉर्मूले पर ही फोकस किया जा रहा है, लेकिन एक्सपर्ट का कहना है कि 12वीं के रिजल्ट में 10वीं के पैटर्न को लागू नहीं किया जा सकता। इससे हायर स्टडी के लिए प्लान बना रहे स्टूडेंट्स को काफी नुकसान हो सकता है।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि सभी स्कूलों में यूनिट टेस्ट और मिड टर्म एग्जाम के लिए एक समान आधार नहीं हैं। कुछ स्कूलों में बोर्ड परीक्षा की तुलना में ज्यादा सख्ती से यूनिट टेस्ट और प्री-बोर्ड एग्जाम कराए जाते हैं, जबकि कई स्कूल इनमें रियायत बरतते हैं।