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सुप्रीम कोर्ट ने कहा- मजदूरों के वेतन के लिए NHRC तय करे दिशा-निर्देश

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का मानना है कि कोरोना (Corona) के बाद जो आर्थिक स्थिति बनी है उसमें शंका है कि ठेकेदार मजदूरों का और शोषण करेंगे.

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नई दिल्ली. कोरोना (Corona) के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (National Human Rights Commission) को आदेश दिया है कि वह मजदूरों के वेतन के लिए एक दिशा-निर्देश तैयार करे. कई बार मजदूरों को सरकार द्वारा निर्धारित वेतन से कम पैसा दिया जाता है. कोरोना के बाद जो आर्थिक स्थिति बनी है उसमें शंका है कि ठेकेदार मजदूरों का और शोषण करेंगे, इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने आयोग से कहा है की एक ऐसा दिशा-निर्देश बनाया जाए जिसका सभी राज्य पालन करें. कई बार राज्यों के बीच कानून में विरोधाभास होता है तो कई बार अधिकारी इस मसले को संजीदगी से नहीं लेते.

ऐसा ही एक मामला सुप्रीम कोर्ट में आया जिसमें याचिकाकर्ता ने शिकायत की कि बिहार के मुजफ्फरपुर और यूपी के संभाल में मजदूरों को कम पैसा दिया जा रहा है और बंधुआ मजदूरी कराई जा रही है. राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के दखल के बाद भी इसमें कोई कार्रवाई राज्य सरकार की तरफ से नहीं की गई. आज सुप्रीम कोर्ट के सामने दोनों सरकारों ने कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया.

इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को दिशानिर्देश बनाने को कहा है जिसमें सरकार और संबंधित अधिकारियों को ज़िम्मेदारी तय होगी. साथ ही मजदूरों की सुरक्षा और पुनर्वास की प्रक्रिया भी बताई जाएगी.

ठेकेदारों का किया जाएगा रजिस्ट्रेशन

गौरतलब है ​कि सुप्रीम कोर्ट ने इस सुनवाई से अगल कहा कि बच्चों की तस्करी रोकने कर लिए ठेकेदारों पर लगाम कसना बेहद जरूरी हो गया है. ठेकेदार सस्ती कीमत पर बच्चों को काम पर लगा देते हैं. ऐसे में जरूरी है कि अब ठेकेदारों का रजिस्ट्रेशन कराया जाए. इस तरह सरकार उन पर नजर रख पाएगी की वह किसको काम दे रहे हैं.

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