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सब्जी-अखबार-चाय की दुकान पर पेमेंट फ्यूचर:बीते 5 सालों में 550% बढ़ गया डिजिटल ट्रांजैक्‍शन, अगले 5 साल में चेहरे और आवाज से होने लगेगा पेमेंट

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गूगल पे, पेटीएम, फोन-पे और भीम जैसे UPI प्लेटफॉर्म पर औसतन हर महीने 1.22 बिलियन यानी करीब 122 करोड़ का लेनदेन होने लगा है। 5 साल पहले की तुलना में अब इसमें 550% की बढ़ोतरी हो गई है। 2016-17 में 1,004 करोड़ डिजिटल ट्रांजैक्शन होते थे। ये आंकड़ा 2020-2021 में 5,554 करोड़ पर पहुंच गया है। 2021 के अप्रैल-मई महीने में डिजिटल ट्रांजैक्शन 2020 की तुलना में 100% से ज्यादा बढ़े हैं।

दरअसल, अब नाई, सब्जी, किराना शॉप से लेकर अखबार वाले और चाय की दुकान से लेकर फाइव स्टार होटल तक डिजिटल पेमेंट हो रहे हैं। इसके पीछे खास बात है तकनीक। QR कोड से होने वाली UPI पेमेंट की सुविधा के बाद ये बदलाव हो रहे हैं। मार्च 2020 में 2.06 लाख करोड़ रुपए का UPI ट्रांजैक्‍शन हुआ, जो मार्च 2021 में 5.04 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया। आने वाले 5 सालों में तकनीक और बदलने वाली है। आइए समझते हैं कि इसमें किस तरह के बदलाव आ रहे हैं….

1. अंगूठे में छिपी है बैंक की चाबी ‌‌(Biometric Authentication)
स्मार्टफोन की दुनिया में बायोमेट्रिक टेक्नोलॉजी कोई नई बात नहीं है। आप अपना स्मार्टफोन या लैपटॉप फिंगर प्रिंट के जरिए अनलॉक करते होंगे। अब इसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल पेमेंट की दुनिया में करने की कोशिश हो रही है। बायोमेट्रिक के इस्तेमाल से दो बातें होंगी। पहला, आपको पिन याद रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। दूसरा, कोई दूसरा फ्रॉड करके आपकी जगह पेमेंट नहीं कर सकेगा। इससे पेमेंट करते वक्त आपको आसानी होगी, सुरक्षा महसूस होगी और ये अन्य माध्यमों की अपेक्षा तेज भी होगा।

भारत में स्थितिः फिलहाल भारत में पेमेंट करने के लिए बायोमेट्रिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल नहीं हो रहा है। इसके लिए आपको पिन डालना ही पड़ता है। UK में कुछ बैंक ट्रॉयल मोड पर बायोमेट्रिक कार्ड जारी कर रहे हैं। पेमेंट गेटवे कंपनी रेजर पे के हर्षिल माथुर का कहना है कि इस दिशा में बड़ी कंपनियां इनोवेशन कर रही हैं। जल्द ही पेमेंट की दुनिया में पिन की जगह बायोमेट्रिक जैसी टेक्नोलॉजी ले सकती है।

2. आवाज ही पहचान है (Voice Payments)
आपको याद होगा वॉयस असिस्टेंस का इस्तेमाल कैसे जोक बनाने के लिए किया जाता था। अलेक्सा से कोई उल्टा-सीधा सवाल पूछो और मजेदार जवाब मिलता था, लेकिन उस वक्त कहां अंदाजा था कि फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आपकी आवाज को काफी गंभीरता से लिया जा रहा है। सभी की आवाज में एक खूबी होती है। इसी खूबी और अनोखेपन का इस्तेमाल पेमेंट की दुनिया में करने की तैयारी है। अमेजन पे और गूगल पे जैसी बड़ी कंपनियां इस दिशा में ध्यान केंद्रित कर रही हैं। अगर यह प्रयोग सफल हो जाता है तो वॉयस पेमेंट का यह तरीका बेहद सहूलियत भरा और तेज साबित होगा।

भारत में स्थितिः भारत में वॉयस पेमेंट अभी दूर की कौड़ी है। US में इस पर काम किया जा रहा है। हालांकि इसके साथ सबसे बड़ी चुनौती सुरक्षा और प्राइवेसी को लेकर है।

3. चेहरे में वो जादू है (Face Recognition)
अब तक तमाम फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी स्मार्टफोन के इर्द-गिर्द ही इनोवेशन कर रही हैं, लेकिन फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी को ऐसे डिजाइन किया जा रहा है, जिसमें मोबाइल फोन की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। आपका चेहरा ही आपका बैंक अकाउंट और पासवर्ड बन जाएगा। पेमेंट के इस तरीके से कैश, कार्ड, मोबाइल का सारा झंझट ही खत्म हो जाएगा।

चीन ने पेमेंट के इस तरीके को अपना भी लिया है। इसमें ग्राहक को POS (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीन के सामने खड़ा किया जाता है। मशीन में एक कैमरा लगा होता है जिसमें ग्राहक की तस्वीर ली जाती है और पहचान के बाद पेमेंट ट्रांसफर हो जाता है। पेमेंट का यह तरीका बेहद तेज और आसान है।

भारत में स्थितिः भारत में फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी अभी नहीं आई है। लेकिन कुछ बातें हैं जो उम्मीदें जगाती हैं। मसलन भारत में आधार कार्ड में फिंगर प्रिंट, चेहरे और आंख की जानकारी मौजूद होती है। फिनटेक कंपनियां इस डेटा का इस्तेमाल करके जल्द ही कोई तरीका निकाल सकती हैं, जिससे पेमेंट बेहद आसान और सुरक्षित हो जाएगा।

4. कार्ड भी हो रहे एडवांस (Tap-and-go Payment)
कार्ड से पेमेंट करने का तरीका क्या है? पहले कार्ड को POS मशीन में स्वैप करो। पिन एंटर करके ऑथेंटिकेट करो। तीसरे स्टेप में आपका पेमेंट हो जाता है, लेकिन जल्द ही ये गुजरे जमाने की बात हो सकती है। अब टैप एंड गो पेमेंट का जमाना आने वाला है। यानी अब आपको अपना कार्ड मशीन में स्वैप कराने या पिन डालने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

सिर्फ कार्ड को मशीन में टैप करो और सामान लेकर घर जाओ। बाकी काम कार्ड में लगे ईएमवी चिप और आरएफआईडी एंटिना के जरिए सिस्टम खुद ब खुद कर लेगा। फिलहाल सिंगापुर और दक्षिण कोरिया में टैप एंड गो पेमेंट का चलन तेजी से बढ़ रहा है।

भारत में स्थितिः भारत में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने वीजा, मास्टरकार्ड और एनपीसीआई को टैप एंड गो पेमेंट के लिए हरी झंडी दे दी है। कई शॉपिंग स्टोर पर इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल भी किया जा रहा है। कई जगह पेमेंट सिस्टम में जरूरी अपग्रेड की प्रक्रिया चल रही है। हालांकि कई बैंकों ने अभी टैप पेमेंट के लिए 2000 रुपए तक की सीमा तय कर रखी है।

5. जादू से हो जाएगा पेमेंट (Invisible Payments)
डिजिटल पेमेंट से एक कदम आगे की टेक्नोलॉजी है इनविजिबल पेमेंट। इसमें आपको सामान या सेवा के बदले तत्काल कोई पेमेंट नहीं करना है। आपके खाते से एक तय समय सीमा के अंदर पैसे काट लिए जाएंगे। इसके लिए आपको पहले से सहमति देनी होगी। इसको एक उदाहरण से समझते हैं।

जैसे आपने नेटफ्लिक्स का सब्सक्रिप्शन लिया। उसके बाद आपको हर महीने पेमेंट करने की जरूरत नहीं। आपके अकाउंट से इनविजिबल तरीके से पैसे काट लिए जाएंगे और आपकी सर्विस रिन्यू हो जाएगी। इनविजिबल पेमेंट को कैब सर्विस कंपनी ऊबर कई देशों में इस्तेमाल कर रही है।

भारत में स्थितिः भारत में भी इनविजिबल पेमेंट आंशिक रूप से इस्तेमाल की जा रही है। हालांकि भारत में इसे लेकर कई तरह की चुनौतियां भी हैं। इस सेक्टर के जानकार नवीन सूर्या का कहना है कि पेमेंट पूरी तरह से इनविजिबल कभी नहीं होगी। ये जरूर हो सकता है कि पेमेंट का तरीका बिल्कुल आसान हो जाए और पिन या कार्ड की जरूरत भी ना पड़े।

मोबाइल पेमेंट की दुनिया में पेटीएम अव्वल
मोबाइल पेमेंट की दुनिया में फिलहाल पेटीएम सबसे आगे है। इसके पास 1 करोड़ 60 लाख व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में पेमेंट सहयोगी हैं। यही वजह है कि कंपनी 2021 के अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में करीब 22 हजार करोड़ का IPO लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। अगर LIC इससे पहले अपना IPO नहीं लाती है, तो ये अब तक का भारत का सबसे बड़ा IPO हो सकता है। इसके मायने ये निकाले जा रहे हैं कि अब डिजिटल पेमेंट वाली कंपनियां बड़े बिजनेस की ओर बढ़ चुकी हैं।

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