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व्यापारियों को इस दिवाली 1 लाख करोड़ के कारोबार की उम्मीद, लेकिन ग्राहक को नहीं मिलेगा कोई भी ऑफर

चीन को राखी पर करीब 5,000 करोड़ का नुकसान तो गणेश चतुर्थी में 500 करोड़ की चपत खानी पड़ी है अब ये रकम इस साल त्योहार में भारतीय बाजारों में ही रहेगी और इसका फायदा 7 करोड़ व्यापारियों को होगा ko

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त्योहारी सीजन है, लेकिन बाजारों में रौनक गायब है। दिल्ली के चांदनी चौक, करोलबाग, खान मार्केट तो कोलकाता का न्यू मार्केट, धर्मतल्ला सब कुछ सुना है। बाजार में ना ग्राहक हैं, ना कोई त्योहारी तामझाम। अगर कुछ है, तो बिक्री की आस में बैठे कारोबारी और इन कारोबारियों को है दिवाली का बेसब्री से इंतजार। क्योंकि, कोविड-19 के चलते मंदी की मार झेल रहे देश भर के बाजार को अब इस दीवाली से काफी उम्मीदें हैं।

कोरोना महामारी से कारोबार में आई सुस्ती को फेस्टिव सीजन में रफ्तार मिलने की आस से व्यापारी स्टॉक जुटाने में लगे हैं। ताकि, जब ग्राहक आएं तो निराश होकर दुकान से वापस ना चले जाएं। कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने भास्कर को बताया कि इस साल दिवाली में करीब एक लाख करोड़ रुपए तक का कारोबार हो सकता है। पिछले साल 60-70 हजार करोड़ के करीब यह आंकड़ा था।

ऑफलाइन खरीदारी को लेकर इतनी उम्मीदें कैसे?

प्रवीण खंडेलवाल की मानें तो पिछले सात माह से लोगों ने सिर्फ जरूरत का ही सामान खरीदा है। ऐसे में ग्राहकों के पास सेविंग्स हुई है। और तो और, वो मेंटली भी खरीदारी के लिए तैयार हुए हैं। वे बताते हैं कि सालभर ग्राहक दिवाली का इंतजार करते हैं। ऐसे में अधिक शॉपिंग ना भी करें, तब भी खरीदारी तो करेंगे ही। दूसरी तरफ, लॉकडाउन में बढ़े ऑनलाइन फ्रॉड के मामले और ई-कॉमर्स पर फेक सामान के चलते ग्राहकों का भरोसा अब भी ऑफलाइन दुकानों पर भी है।

सरकार के फैसले का भी पड़ेगा असर

ग्राहकों द्वारा खर्च बढ़ाने के लिए सरकार की नई एलटीसी कैश वाउचर योजना के चलते गिरते बाजार को मजबूती मिलेगी। इससे पिछले कई महीनों से निराश बैठे और नुकसान उठा रहे व्यापारियों को थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। लोगों द्वारा पिछले सात महीनों में की गई बचत, केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में सरकारी कर्मचारियों को एलटीसी को नकद में बदलने की सुविधा और व्यापारियों द्वारा चीन से त्योहारी सीजन पर हर साल होने वाली खरीद का सारा पैसा देश में ही खर्च करने के चलते 31 मार्च 2021 तक देश के बाजारों में लगभग 2 लाख करोड़ रुपए खर्च होने की सम्भावना है। इसको लेकर देश भर के व्यापारी उत्साहित हैं।

चीनी सेंटीमेंट्स का फायदा भारतीय कारोबारियों को होगा

पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के प्रधान अमित कपूर मुताबिक, भारत-चीन के बीच हुई सैन्य झड़प के बाद चीनी सामान के बहिष्कार की मुहिम देशभर में चलाई गई। इसका व्यापक समर्थन और असर देश भर में दिखाई दे रहा है। हर साल राखी से लेकर दीवाली तक चलने वाले फेस्टिवल सीजन में त्योहारी सामानों का तकरीबन 40 हजार करोड़ का एक्सपोर्ट चीन भारत में करता है। पर इस बार चीन को लेकर भारतीय ग्राहक की सोच पूरी तरह बदल गई है। जिसकी बानगी हाल ही में गुजरे रक्षाबंधन और गणेश चतुर्थी जैसे त्योहारों में देखने को मिली है।

चीन को राखी पर करीब 5,000 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा, तो वहीं गणेश चतुर्थी में 500 करोड़ की चपत खानी पड़ी है। अब ये रकम इस साल त्योहार में भारतीय बाजारों में ही रहेगी। इसका फायदा 7 करोड़ व्यापारियों को होगा।

इस साल दिवाली पर ज्यादातर रिटेलर्स ऑफर्स देने के मूड में नहीं

दिल्ली के चांदनी चौक के एक कारोबारी भरत आहूजा ने बताया कि इस साल दिवाली के लिए खास तैयारी कर रहे हैं। लॉकडाउन के चलते जो सामान बिक नहीं पाया, उसे सस्ते दामों पर बेचना होगा। हालांकि, नए स्टाॅक पर कोई डिस्काउंट नहीं मिलेगा। दुकानदारों को पिछले सात माह में काफी नुकसान झेलना पड़ा है। वे बताते हैं कि ऑनलाइन मार्केट पर ना तो हमारे पीछे किसी निवेशक का हाथ होता है, ना किसी बैंक का सपोर्ट। ऐसे में हम ऑफर्स कहां से दें?

ऑफलाइन कारोबार में 30-40 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई

खान मार्केट (दिल्ली) संगठन के अध्यक्ष संजीव मेहरा ने बताया कि कोरोना के चलते बाजार और व्यापार पूरी तरह से बंद पड़े थे। लॉकडाउन खुलने के बाद से अब तक व्यापार में 30-40 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। देश भर में व्यापार अभी तक पटरी पर नहीं लौट पाया है। अब इस दीवाली फेस्टिवल सीजन से बाजार में फुटफॉल और खरीदारी बढ़ने की पूरी संभावना है। हालांकि, खान मार्केट में इस साल दिवाली पर पिछले साल के मुकाबले करीब 40 फीसदी कम सेल होने की आशंका है। रही बात ऑफर्स की तो संजीव बताते हैं कि इस साल फर्नीचर, कपड़े, होम अप्लायंसेस की डिमांड बढ़ेगी, लेकिन ऑफर्स देना संभव नहीं है।

पिछले साल के मुकाबले इस फेस्टिवल में दोगुने फायदे में रहेगा ई-कॉमर्स

रेडसीर (Redseer) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल फेस्टिव सीजन में ई-कॉमर्स की ग्रॉस मर्चेंडाइज वॉल्यूम 7 बिलियन डॉलर (51.52 हजार करोड़ रु.) तक पहुंच सकती है। यह पिछले साल के मुकाबले लगभग दोगुनी होगी। ई-कॉमर्स सेक्टर की बात की जाए तो इस समय दिग्गज कंपनियां अमेजन और फ्लिपकार्ट बिक्री बढ़ाने के लिए ग्राहकों को आकर्षक ऑफर्स दे रही हैं। इसमें अमेजन का ग्रेट इंडियन शॉपिंग फेस्टिवल और फ्लिपकार्ट का बिग बिलियन डेज सेल ऑफर्स मुख्य हैं। फेस्टिव सेल इवेंट में 4 बिलियन डॉलर (करीब 30 हजार करोड़ रुपए) तक की बिक्री हो सकती है।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्केट में सस्ता 4जी डेटा होने के कारण ऑनलाइन मार्केट में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई है। इसमें सबसे बड़ी हिस्सेदारी रिलायंस जियो की है। जियो ने ग्राहकों को सबसे कम कीमत में इंटरनेट डेटा देने की शुरुआत की थी। जिसका कारण है कि वर्तमान में भारतीय ई-कॉमर्स मार्केट 50 बिलियन डॉलर (3.68 लाख करोड़ रु.) का हो गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 तक भारत में 48 करोड़ लोगों तक इंटरनेट की पहुंच थी। इसमें से नौ करोड़ लोग ऑनलाइन शॉपर्स हैं।

इस बार लगभग सभी ई-कॉमर्स कंपनियों ने टीयर-2 और टीयर-3 शहरों पर ज्यादा फोकस किया है। इसमें अमेजन, फ्लिपकार्ट, स्नैप डील जैसे दिग्गज शामिल हैं। रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि 2020 तक ऑनलाइन शॉपर्स की संख्या 16 करोड़ के पार जा सकती है, जबकि टोटल ई-कॉमर्स बिक्री 38 बिलियन डॉलर (2.80 हजार करोड़ रु.) तक पहुंच सकता है।

इस बार हम दिवाली पर खर्च करेंगे 1.3 लाख करोड़ रुपए, अनलॉक के बाद सबसे बड़ा फेस्टिव सीजन शुरू

  • 1 लाख करोड़ रुपए का घरेलू सामान, वाहन और सोना बिकेगा
  • 30 हजार करोड़ रुपए घर और जमीन खरीदी पर खर्च होंगे

कोरोना काल की मंदी के बाद बाजारों में रौनक लौट रही है। खरीदार आने लगे हैं। बाजार में कारोबार कोरोना के पहले की तुलना में 60 फीसदी तक पहुंच चुका है। दीपावली तक स्थिति और बेहतर हाे जाएगी। कंफडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) का अनुमान है कि लोगों ने पिछले सात महीनों में खर्चों में भारी कटौती की, नतीजतन देश में आम लोगों के पास करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपए की बचत है।

नवरात्र से दीपावली तक एक महीने में 1 लाख करोड़ रुपए की खरीदी होगी। इसमें वाहन, सोना और घरेलू सामान शामिल हैं। वहीं विशेषज्ञों के अनुसार रियल इस्टेट में भी करीब 30 हजार करोड़ रुपए की खरीदी होगी। कैट का अनुमान है कि अब से 31 मार्च, 2021 तक बाजार में 2 लाख करोड़ रुपए की चाल आएगी। कैट के अध्यक्ष बीसी भरतिया कहते हैं कि बीते सात महीनों में लोगों ने बेहद जरूरी चीजों की ही खरीदारी की लेकिन दीपावली जैसे बड़े त्यौहार पर लोग खर्च करेंगे। दीपावली की मांग को देखते हुए पिछले दो महीने से ही फैक्टरियों में दो-दो शिफ्ट में उत्पादन कार्य चल रहा है।

इलेक्ट्राॅनिक : लोग घरों में हैं इसलिए मांग बढ़ी

ऑल इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मितेश मोदी कहते हैं कि दीपावली में इस बार पिछले साल की तुलना में टीवी, टैब, मोबाइल सरीखे आइटम में 20 से 30 फीसदी तक ज्यादा बिक्री की संभावना है। कोरोना के खत्म न होने के चलते लोगों को लग रहा है कि अभी आने वाले महीनों में भी उन्हें घर में ही मनोरंजन के साधनों के साथ रहना होगा तो वे बड़ा टीवी लेने पर खर्चा करना चाहेंगे।

कपड़े : अब त्योहार पर बिक्री अच्छी रहेगी

वी मार्ट के सीएमडी ललित अग्रवाल ने बताया कि तमाम संकट के बावजूद पिछली दीपावली की तुलना में इस बार कपड़ों की बिक्री 80-90 फीसदी तक रहेगी। दीपावली की खरीदारी पर गांवों के सेंटिमेंट्स का खासा असर रहता है और इस बार किसानों की फसल पर अच्छी आमदनी हुई है, इसका असर शहरों की खरीदारी पर नजर आएगा। सरकार हाल में एलटीसी वाउचर स्कीम लेकर आई है, इसका असर भी रहेगा।

सोना : पिछले साल के मुकाबले 80% व्यवसाय

इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के एसके जिंदल व पृथ्वीराज कोठारी ने कहा कि दीपावली पर सर्राफा बाजार में भारी उत्साह रहेगा। हो सकता है कि वजन में सोना पिछले साल दीपावली की तुलना में इस बार 70-80% ही खरीदा जाए लेकिन मूल्य में यह खरीदारी पिछले साल की दीपावली के कमोबेश बराबर ही रहने के अनुमान है। लोग ज्यादा जेवर न बनवाकर बार व बिस्किट के रूप में ही सोना खरीदेंगे।

ऑनलाइन भी दोगुना खर्च कर सकते हैं

फ्लिपकार्ट, अमेजॉन, स्नैपडील जैसी ई-कॉमर्स साइट्स पर सालाना फेस्टिवल सेल शुरू है। कंसल्टेंसी एजेंसी रेडशीर की सितंबर में आई रिपोर्ट के मुताबिक 2020 के दीपावली के मौके पर करीब 51 हजार करोड़ रु. से अधिक की खरीदारी होगी, जो 2019 में दीपावली पर हुई खरीदारी से दो गुना ज्यादा होगी।

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