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विवादों के तीरथ: उत्तराखंड के CM ने पहले अमेरिका के भारत को गुलाम बनाने की बात कही, फिर बोले- कम अनाज मिलने की शिकायत करने वालों ने ज्यादा बच्चे क्यों नहीं पैदा किए

सीएम रावत ने लॉकडाउन के दौरान सरकार द्वारा बांटे गए अनाज को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा कि लोगों में सरकार द्वारा बांटे गए चावल को लेकर जलन भी होने लगी कि दो सदस्यों वालों को 10 किलो जबकि 20 सदस्य वालों को एक क्विंटल अनाज क्यों दिया गया? उन्होंने कहा की ‘भैया इसमें दोष किसका है, उसने 20 पैदा किए, आपने दो पैदा किए, तो उसको एक क्विंटल मिल रहा है, इसमें जलन काहे का। जब समय था तब आपने दो ही पैदा किए, 20 क्यों नहीं किए।’

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देहरादून। फटी हुई जींस पर विवादित बयान देकर माफी मांगने वाले उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत एक बार फिर विवादों में हैं। रविवार को रामनगर में आयोजित एक कार्यक्रम में रावत ने दो बाते कहीं। पहले बयान में उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने ज्यादा बच्चे पैदा किए उन्हें लॉकडाउन के दौरान सरकार से ज्यादा राशन मिला। वहीं, दूसरे बयान में रावत ने कहा कि भारत को अमेरिका ने 200 साल तक गुलाम बनाकर रखा था। तीरथ ब्रिटेन की जगह अमेरिका बोल गए।

जब समय था तब आपने दो ही पैदा किए, 20 क्यों नहीं किए
सीएम रावत ने लॉकडाउन के दौरान सरकार द्वारा बांटे गए अनाज को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा कि लोगों में सरकार द्वारा बांटे गए चावल को लेकर जलन भी होने लगी कि दो सदस्यों वालों को 10 किलो जबकि 20 सदस्य वालों को एक क्विंटल अनाज क्यों दिया गया? उन्होंने कहा की ‘भैया इसमें दोष किसका है, उसने 20 पैदा किए, आपने दो पैदा किए, तो उसको एक क्विंटल मिल रहा है, इसमें जलन काहे का। जब समय था तब आपने दो ही पैदा किए, 20 क्यों नहीं किए।’

पीएम मोदी का नेतृत्व न होता तो हम बेहाल हो जाते
वहीं, दूसरे बयान में उन्होंने कहा कि अमेरिका ने भारत को 200 साल तक गुलाम बनाकर रखा। दरअसल रावत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लीडरशिप की तारीफ करते हुए ये बताना चाहते थे कि उनकी वजह से ही भारत में कोरोना के हालात काबू में रहे। रविवार को एक कार्यक्रम में कोरोना के हालात पर बोलते हुए रावत ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अलख जगाई। मैं कह सकता हूं कि अगर उनकी जगह कोई और नेतृत्व होता तो भारत का न जाने क्या हाल होता। हम बेहाल हो जाते। उन्होंने हमें राहत देने का काम किया।

130-35 करोड़ की आबादी का देश भारत आज राहत महसूस करता है। अन्य देशों की अपेक्षा। जहां अमेरिका के हम 200 साल गुलाम थे। पूरे विश्व पर उसका राज था। सूरज छुपता नहीं था, यह कहा जाता था। आज के समय वह डोल गया, बोल गया। पौने 3 लाख से ज्यादा मृत्यु दर चला गया। 12 करोड़ की आबादी का देश, स्वास्थ्य में नंबर 1, हालत खस्ता है। फिर लॉकडाउन की ओर बढ़ रहा है।’ नरेंद्र मोदी ने हमें बचाने का काम किया है, लेकिन हमने उसका पालन भी किया। उन्होंने कहा कि मास्क लगाओ, सैनिटाइजर लगाओ, हाथ धोओ, सोशल डिस्टेंसिंग रखो तो लोगों ने किया।

पहले मोदी की तुलना भगवान राम से कर चुके हैं तीरथ
तीरथ सिंह रावत ने हरिद्वार में नेत्र कुंभ का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना भगवान राम से की थी। उन्होंने कहा था कि आने वाले समय में हम नरेंद्र मोदी को भी राम की तरह मानने लगेंगे। द्वापर और त्रेता में राम-कृष्ण हुए हैं। राम ने भी समाज के लिए काम किया था, इसलिए लोग उन्हें भगवान मानने लग गए। वही काम प्रधानमंत्री इस देश के अंदर कर रहे हैं। आने वाले समय में हम नरेंद्र मोदी को भी उसी रूप (भगवान राम) में मानने लगेंगे।

फटी जींस वाला बयान देकर माफी मांग चुके हैं रावत
तीरथ सिंह रावत ने मंगलवार को देहरादून में एक वर्कशॉप में महिलाओं के रिप्‍ड जींस पहनने पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा था, “आजकल महिलाएं भी फटी जींस पहनती हैं। उनके घुटने दिखते हैं, ये कैसे संस्कार हैं? ये संस्कार कहां से आ रहे हैं। इससे बच्चे क्या सीख रहे हैं और महिलाएं आखिर समाज को क्या संदेश देना चाहती हैं। फटी जींस हमारे समाज के टूटने का मार्ग प्रशस्त कर रही है। इससे हम बच्चों को बुरे उदाहरण दे रहे हैं, जो उन्हें नशीले पदार्थों के सेवन की ओर लेकर जाते हैं। अब हम अपने बच्चों को ‘कैंची से संस्कार’ दे रहे हैं।’

जब पूरे देश में इस बयान पर बवाल मचना शुरू हुआ तो इसे थामने के लिए शुक्रवार शाम उन्हें इस पर माफी मांगनी पड़ी। उन्होंने कहा कि ये बयान संस्कारों को लेकर था। अगर किसी को फटी जींस पहननी ही है, तो वह पहने। उनके बयान से किसी का दिल दुखा है तो वह उसके लिए माफी मांगते हैं।

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