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लागत घटाने के लिए पैसाबाजार ने 1500 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला, यह कुल वर्कफोर्स का करीब 50 फीसदी

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नई दिल्ली.

डिजिटल लैंडिंग मार्केटप्लेस पैसाबाजार ने करीब 1500 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। कोविड-19 के कारण कमाई प्रभावित होने के बाद लागत घटाने के मकसद से कंपनी ने यह फैसला किया है। इस मामले से वाकिफ 3 लोगों के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

कुल वर्कफोर्स के करीब 50 फीसदी कर्मचारी निकाले गए

पैसाबाजार में करीब 3000 कर्मचारी कार्य करते हैं। इस हिसाब से कंपनी ने अपनी कुल वर्कफोर्स में से करीब 50 फीसदी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। जिन कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है वे ऑपरेशंस और कारोबार अधिग्रहण डिविजन में कार्य करते थे। कोरोना संकट के कारण पैसाबाजार के नए लोन कारोबार में करीब 90 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।

30 जून को खत्म हो रही है नोटिस की अवधि

लाइव मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, पैसाबाजार ने नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों से 30 दिन का नोटिस देने को कहा था। इस नोटिस की अवधि 30 जून तो समाप्त हो रही है। एक सूत्र के मुताबिक, कुछ सीनियर एक्जीक्यूटिव समेत करीब 100 कर्मचारियों को पॉलिसीबाजार में समायोजित किया गया है। पॉलिसीबाजार, पैसाबाजार की इंश्योरेंस सेवा देने वाली सब्सिडियरी है। हालांकि, पैसाबाजार ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

कोरोना महामारी से डिजिटल लैंडिंग इंडस्ट्री बुरी तरह प्रभावित

कोरोनावायरस महामारी के कारण पिछले दो महीनों में डिजिटल लैंडिंग इंडस्ट्री बुरी तरह से प्रभावित हुई है। इस इंडस्ट्री की प्रमुख कंपनियों के नए लोन अप्रूवल में बड़ी गिरावट आई है। महामारी के कारण अधिकांश डिजिटल लैंडिंग कंपनियां बैंकों और एनबीएफसी से नकदी जुटाने के लिए संघर्ष कर रही हैं। इस कारण कंपनियों ने उधार पर ब्याज दरें भी बढ़ा दी हैं। आरबीआई की ओर से मोराटोरियम बढ़ा देने से इन कंपनियों को कर्ज वापस मिलने में भी दिक्कत हो रही है।

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