यूपी में 8 पुलिसवालों का हत्यारा कब तक बचेगा? / विकास दुबे का घर उसी जेसीबी से गिराया, जिससे रास्ता रोका गया था; 2 दिन से फरार चल रहे गैंगस्टर की तलाश में 100 टीमें लगीं
गुरुवार रात पुलिस के साथ मुठभेड़ के बाद विकास दुबे फरार हो गया था शनिवार सुबह से बिकरु गांव में घर गिराने की कार्रवाई शुरू की गई मुखबिरी के शक में चौबेपुर थानाध्यक्ष विनय तिवारी को सस्पेंड कर दिया गया
कानपुर. उत्तर प्रदेश के कानपुर में 8 पुलिसवालों की हत्या करने वाले गैंगस्टर विकास दुबे के किलेनुमा घर को ध्वस्त कर दिया गया है। जिला प्रशासन ने उसी जेसीबी से विकास के घर को गिराया, जिससे उसने पुलिस का रास्ता राेका था। इसके साथ ही विकास के घर में खड़े ट्रैक्टर और दो एसयूवी कारों को भी तोड़ दिया। शनिवार सुबह से पुलिस और प्रशासन की टीमें बिकरु गांव पहुंच गई थीं। इधर, विकास की तलाश में पुलिस की 100 टीमें अलग-अलग इलाकों में दबिश दे रही हैं। इन सभी इलाकों में विकास के रिश्तेदार रहते हैं। वहीं, मुखबिरी के शक में चौबेपुर थानाध्यक्ष विनय तिवारी को सस्पेंड कर दिया गया है। एसटीएफ उनसे पूछताछ कर रही है।
12 हिरासत में, संदिग्धों को भी ट्रेस कर रहे
पुलिस ने अब तक इस मामले में पूछताछ के लिए 12 लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस को विकास के नेपाल भागने की भी आशंका है। लिहाजा, लखीमपुर खीरी जिले की पुलिस भी अलर्ट मोड पर है। विकास को लेकर नेपाल बॉर्डर पर अलर्ट कर दिया गया है। यहां नेपाल से जुड़ी 120 किमी की सीमा है। हर जगह फोटो चस्पा कर दी गई है।एसएसबी के अधिकारियों से बातचीत की जा रही है। पुलिस को आशंका है कि विकास सरेंडर के लिए कोर्ट में एप्लिकेशन डाल सकता है। इसके चलते सभी जिलों की पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, मोबाइल कॉल डिटेल के आधार पर संदिग्धों को ट्रेस किया जा रहा है। उन लोगों की लिस्ट भी तैयार की जा रही है, जिन्होंने पिछले 24 घंटे में विकास दुबे से फोन पर बात की थी। करीब 250 नंबरों को सर्विलांस पर लिया गया है। इस बात की भी आशंका जताई जा रही है कि जब पुलिस की टीम विकास से पूछताछ के लिए निकली थी, तब किसी ने फोन कर जानकारी दे दी थी।
घटनास्थल पर बाहरी लोगों के जाने पर रोक
विकास के घर के पास किसी को भी फटकने नहीं दिया जा रहा है। घटनास्थल पर बाहरी लोगों के जाने पर पुलिस ने रोक लगा दी है। घर गिराने से पहले पुलिस ने विकास दुबे के पिता रामकुमार को और उनकी नौकरानी रेखा को बच्चों समेत घर से बाहर निकाल लिया था।
यह है मामला
चौबेपुर इलाके के राहुल तिवारी के ससुर लल्लन शुक्ला की जमीन पर विकास ने जबरन कब्जा कर लिया था। राहुल ने कोर्ट में विकास के खिलाफ केस दर्ज कराया। बीती 1 जुलाई को विकास ने साथियों के साथ मिलकर राहुल को रास्ते से उठा लिया और बंधक बनाकर पीटा। जान से मारने की धमकी भी दी। राहुल ने इसकी थाने में शिकायत की। पूछताछ के लिए थानाध्यक्ष आरोपी विकास के घर पहुंचे। यहां विकास ने थाना प्रभारी के साथ हाथापाई कर दी। इसके बाद थानाध्यक्ष ने राहुल की शिकायत पर ध्यान नहीं दिया और खुद के साथ हुई बदसलूकी की चर्चा भी किसी से नहीं की। बाद में अधिकारियों के आदेश पर चौबेपुर थाने में विकास दुबे पर केस दर्ज हो गया। गुरुवार देर रात सीओ देवेंद्र मिश्रा के नेतृत्व में शिवराजपुर, चौबेपुर, बिठूर थाने की पुलिस बिकरु गांव में विकास दुबे के घर पर दबिश देने के लिए पहुंची थी।
दबिश में चौबेपुर थाना प्रभारी विनय तिवारी सबसे पीछे थे
यहां पुलिस के पहुंचते ही विकास के गुर्गों ने फायरिंग शुरू कर दी। इसमें सीओ, तीन एसआई, चार कांस्टेबल शहीद हो गए थे। इसके अलावा, दो ग्रामीण, एक होमगार्ड और 4 पुलिसवाले घायल हो गए थे। बताया जाता है कि दबिश देते वक्त चौबेपुर थाना प्रभारी रास्ते में खड़ी जेसीबी के पास ही रुक गए और बाकी के पुलिसकर्मी आगे बढ़ गए। जबकि उनको गांव की भौगोलिक स्थिति की जानकारी अच्छी तरह से थी, उन्हे आगे होना चाहिए था। बदमाशों ने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू की तो वे मौके से नदारद हो गए। घटना की जांच जारी है।
#####################
8 पुलिसवालों की हत्या वाली रात की कहानी / विकास दुबे ने थानाध्यक्ष से बदसलूकी की, फिर अपने अहाते में बैठकर पुलिस का इंतजार कर रहा था, टीम पहुंची तो गुर्गों से फायरिंग कराई
- चौबेपुर के थानाध्यक्ष विनय तिवारी से गुरुवार दोपहर हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने की थी बदसलूकी, तभी से बनने लगी थी दबिश की प्लानिंग
- उसके शुभचिंतकों ने घर में ही रहने की दी थी सलाह, इसी के बाद से उसने पुलिस से मोर्चा लेने की बनाई रणनीति
कानपुर. कानपुर जिला मुख्यालय से करीब 40 किमी की दूरी पर बिकरु गांव है। इसी गांव में गुरुवार रात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे उर्फ पंडितजी को पकड़ने गई पुलिस टीम पर अंधाधुंध फायरिंग की गई। इसमें डीएसपी बिल्हौर समेत आठ पुलिसकर्मियों की जान गई। लेकिन, इस रात बिकरु गांव में ऐसा क्या हुआ? यह अभी तक रहस्य बना हुआ है। पड़ताल में अब यह सामने आ गया है कि गुरुवार दोपहर से इस विवाद के अंत की स्क्रिप्ट लिखने की शुरुआत हो गई थी, जो रात 1 बजे तक 8 पुलिसवालों की मौत के बाद खत्म हुई। एक रिपोर्ट…
विकास ने चौबेपुर थानाध्यक्ष के साथ की थी बदसलूकी
पड़ोसी गांव जादेपुर के राहुल तिवारी ने एक जुलाई को बिकरु गांव के विकास दुबे के खिलाफ अपहरण, जान से मारने का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी। बिकरु गांव में घूमने के बाद स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, गुरुवार दोपहर चौबेपुर थानाध्यक्ष विनय तिवारी अपने तीन सिपाहियों के साथ विकास दुबे के पास मामले की जानकारी लेने पहुंचे थे।
बताया जाता है कि इस दौरान विकास नाराज हो गया और उसने चौबेपुर थानाध्यक्ष से बदसलूकी भी की थी। जिसके बाद चौबेपुर थानाध्यक्ष ने इसकी शिकायत अपने आलाधिकारियों से की। विकास कई दिनों से पुलिस की हिट लिस्ट में शामिल था। इस घटना के बाद पुलिस अधिकारियों का भी पारा चढ़ गया और इसे दबोचने की प्लानिंग शुरू हो गई।
विकास को दबिश की सूचना मिल गई थी
सूत्र बताते हैं कि गुरुवार शाम तक विकास दुबे को सूचना मिल गई थी कि पुलिस उसे पकड़ने आने वाली है। उसने अपने कई शुभचिंतकों से बात की, जिसके बाद उसे यही सलाह मिली कि घर में ही रहे। बाहर पकड़ा गया तो एनकाउंटर हो सकता है। उसे यह भी सलाह दी गई कि पुलिस टीम में आलाधिकारी रहेंगे। उनसे बात कर समझौता या सरेंडर भी कर सकता है। विकास ने इसी हिसाब से अपनी प्लानिंग पर काम शुरू कर दिया था।
रात 9 बजे बीच रास्ते में खड़ी की गई जेसीबी, अपने आदमियों को सतर्क रहने को कहा
पुलिस रेड की सूचना मिलने के बाद विकास प्लानिंग पर लग गया। गांववालों से बातचीत में पता चला कि रात 9 बजे जेसीबी बीच रास्ते में खड़ी करवाई गई। जेसीबी किराए पर मंगाई गई थी, जिससे पुलिसवाले गाड़ियां लेकर उसके घर तक नहीं पहुंच पाएं और अलग-अलग हिस्सों में बंट जाएं।
साथ ही अपनी छत और आसपास के घरों की छत पर उसने अपने आदमी असलहों के साथ बिठा दिए। जबकि, खुद घर के अहाते के पड़े तख्त पर अपने कुछ साथियों के साथ बैठकर पुलिस टीम का इंतजार करने लगा।
रात 12 बजे के आसपास तकरीबन 5 थानों की फोर्स बिल्हौर डीएसपी देवेंद्र कुमार के नेतृत्व में पहुंची। इस टीम में लगभग 25 से 35 लोग रहे होंगे। बीच सड़क जेसीबी देख देवेंद्र कुमार का पारा चढ़ गया और वह जेसीबी के पास खड़े होकर विकास के घर की ओर देखकर चिल्लाने लगे। जेसीबी का मुंह विकास के ममेरे भाई शशिकांत के घर के सामने था।
वहीं, शिवराजपुर थानाध्यक्ष महेश चंद्र यादव सीधे विकास के अहाते में चले गए। वहां उनकी विकास से कहासुनी होने लगी। जब विकास के साथियों को लगा कि पुलिसवाले भारी पड़ रहे हैं तो विकास के इशारे पर उसके गुर्गों ने पुलिस पर चौतरफा गोलियां चलानी शुरू कर दी, जिसमें 8 पुलिसवालों की जान चली गई।
पुलिसवालों ने गांव में दरवाजे खटखटाए, लेकिन मदद नहीं मिली
जानकारी के मुताबिक, ताबड़तोड़ फायरिंग के बाद पुलिसवाले अलग-अलग ग्रुप्स में बंट गए। लेकिन, हमलावरों की संख्या ज्यादा थी। वे लाठी डंडों और असलहों से भी लैस थे। कहा तो यह भी जा रहा है कि कुछ पुलिसवालों को दौड़ा-दौड़ाकर लाठी डंडों से पीटा गया। इस दौरान उन्होंने भागकर गांववालों का दरवाजा खटखटाया, लेकिन वहां से भी उन्हें मदद नहीं मिली।
करीब 3 गुर्गों के साथ बोलेरो से भागा है विकास
सूत्रों के मुताबिक, जब पुलिसवाले तितर-बितर हो गए तो विकास मौके का फायदा उठाकर अपने दो-तीन खास साथियों के साथ बोलेरो से फरार हो गया है। हालांकि, पुलिस उसे ढूंढने के लिए लगातार कॉम्बिंग कर रही है।
एसटीएफ कर रही है चौबेपुर थानाध्यक्ष से पूछताछ
स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मामले की जांच में लगी एसटीएफ चौबेपुर थानाध्यक्ष विनय तिवारी से भी पूछताछ कर रही है। यही नहीं एसटीएफ को शक है कि विकास के पास पुलिस रेड की सूचना भी विकास के कुछ करीबी पुलिसवालों ने ही पहुंचाई थी।
शिकायतकर्ता राहुल तिवारी भी हुआ फरार
शिकायतकर्ता राहुल तिवारी को जब खबर मिली कि विकास 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर फरार हो गया है तो इसके बाद ही राहुल भी अपने गांव जादेपुर से फरार हो गया। राहुल के परिजन को डर है कि कहीं विकास उसे भी मारने की कोशिश न करे।