मणिपुर वाॅटर प्रोजेक्ट:प्रधानमंत्री ने मणिपुर वॉटर सप्लाई प्रोजेक्ट की नींव रखी, कहा- नॉर्थ ईस्ट में अब पीस, प्रोग्रेस और प्रॉस्परिटी का मंत्र गूंज रहा है
3054 करोड़ के प्रोजेक्ट से 2.80 लाख घरों को नल कनेक्शन देने का लक्ष्य मार्च 2019 तक ग्रामीण इलाकों के 18.33% घरों तक नल कनेक्शन पहुंचे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेे गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मणिपुर वाॅटर सप्लाई प्रोजेक्ट की नींव (फाउंडेशन स्टोन) रखी। इस अवसर पर मोदी ने कहा- कोरोना के खिलाफ हमें मजबूती से लड़ते रहना है, विजयी होना है। इसके साथ ही विकास के कार्यों को भी पूरी ताकत से आगे बढ़ाना है। प्रधानमंत्री ने नॉर्थ ईस्ट के लिए तीन ‘पी’ का जिक्र किया। कहा, “नॉर्थ ईस्ट में शांति की स्थापना हो रही है। पीस, प्रोग्रेस और प्रॉस्परिटी का मंत्र गूंज रहा है।”
केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए जल जीवन मिशन के तहत फंड दिया है। इस प्रोजेक्ट पर 3,054.58 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। नींव रखने के प्रोग्राम में मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला, मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह, उनके कैबिनेट मंत्री, सांसद और विधायक भी शामिल हुए।
दोहरी चुनौती
प्रोजेक्ट की शुरुआत करते हुए मोदी ने भाषण में कहा, “पूर्वी और उत्तर-पूर्वी भारत को दोहरी चुनौतियों से निपटना पड़ रहा है। भारी बारिश से काफी नुकसान हो रहा है। अनेक लोगों की मृत्यु हुई है। कई को घर छोड़ने पड़े हैं। सभी परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। पूरा देश आपके साथ खड़ा है। भारत सरकार सभी राज्य सरकारों के साथ मिलकर जरूरतें पूरी करने की लगातार कोशिश कर रहा है।”
कोरोना संकट का जिक्र
प्रधानमंत्री ने कोरोना से निपटने में राज्य सरकार की तारीफ की। कहा, “मणिपुर में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार दिन रात जुटी हुई है। लॉकडाउन में लोगों को वापस लाने समेत राज्य सरकार ने हर जरूरी कदम उठाए। संकट के इस समय गरीबों की इसी तरह मदद करनी है। आज इम्फाल समेत मणिपुर के लाखों साथियों के लिए विशेषकर बहनों के लिए बहुत बड़ा दिन है। राखी का त्योहार आने वाला है, उससे पहले मणिपुर की बहनों को ये बहुत बड़ी सौगात की शुरुआत होगी। 3000 करोड़ की लागत से पूरे होने वाले वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट से यहां के लोगों को पानी की दिक्कतें कम होंगी।”
दो दशक से ज्यादा की जरूरत का ध्यान रखा
प्रधानमंत्री ने कहा, “1700 से ज्यादा गांवों के लिए इस प्रोजेक्ट से जो जलधारा निकलेगी, वो जीवनधारा का काम करेगी। ये प्रोजेक्ट आज ही नहीं बल्कि अगले 20-22 साल की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इससे लाखों लोगों को पीने का साफ पानी मिलेगा और हजारों लोगों रोजगार भी मिलेगा। शुद्ध पानी से इम्युनिटी को ताकत मिलती है। नल से पानी आएगा इतना विषय नहीं है। इस प्रोजेक्ट से हर घर जल के मिशन को भी बल मिलेगा। मणिपुर के लोगों विशेषकर माता बहनों को बहुत बधाई देता हूं।”
लॉकडाउन में भी जारी रहा काम
मोदी ने आगे कहा, “पिछले साल देश में जब जल जीवन मिशन की शुरूआत हो रही थी तब मैंने कहा था कि हमें पिछली सरकारों से तेजी से काम करना है। जब 15 करोड़ घरों में तेजी से पाइप से पानी पहुंचाना हो तो रुक नहीं सकते। इसीलिए लॉकडाउन में भी गांव-गांव में पाइप लाइन बिछाने का काम जारी रहा। देश में करीब 1 लाख पानी कनेक्शन रोज दिए जा रहे हैं। लोगों का जीवन आसान बना रहे हैं। ये तेजी इसलिए संभव हो पा रही है क्योंकि जल जीवन मिशन एक जन आंदोलन के रूप में आगे बढ़ रहा है।”
मणिपुर वाॅटर सप्लाई प्रोजक्ट क्या है?
ग्रेटर इम्फाल प्लानिंग एरिया के घरों, 25 कस्बों और मणिपुर के 16 जिलों के 1,731 गांवों के 2,80,756 घरों तक नल कनेक्शन पहुंचाने के लिए यह प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर इसका खर्च उठाएंगी। केंद्र ने 1,185 गांवों के 1,42,749 घरों तक कनेक्शन पहुंचाने के लिए फंड दिया है। 2024 तक ‘हर घर जल’ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए ये एक अहम प्रोजेक्ट है।
ईज ऑफ लिविंग पर सबका हक
मोदी ने ईज ऑफ लिविंग, गरीबों और आदिवासियों का जिक्र किया। कहा, “सरकार की व्यवस्था में इतना बड़ा डिसेंट्रलाइजेशन, आप कल्पना कर सकते हैं ये पानी कितनी बड़ी ताकत बनकर आ रहा है। ईज ऑफ लिविंग, जीवन जीने में आसानी के लिए ये जरूरी है। पैसा कम-ज्यादा हो सकता है, लेकिन ईज ऑफ लिविंग पर सबका हक है। खासकर, गरीब, आदिवासियों का हक है। इसलिए ईज ऑफ लिविंग का भी बड़ा आंदोलन चल रहा है। बीते 6 साल में हर स्तर पर वो कदम उठाए गए हैं जो गरीब को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर सकें।”
मणिपुर खुले में शौच से मुक्त
मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत खुले में शौच से मुक्त होने वाले मणिपुर का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “आज मणिपुर समेत पूरा भारत खुले में शौच से मुक्त होने की घोषणा कर चुका है। हर परिवार बिजली के कनेक्टेड है। एलपीजी गैस गरीब से गरीब के किचन तक पहुंच चुकी है। हर गांव को अच्छी सड़क से जोड़ा जा रहा है। हर गरीब-बेघर को रहने के लिए अच्छे घर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। एक बड़ी कमी रह गई थी साफ पानी की, उसे पूरी करने के लिए भी मिशन मोड़ पर काम चल रहा है।”
नॉर्थ ईस्ट पूर्वी एशिया का गेट वे
प्रधानमंत्री ने उत्तर-पूर्व भारत को पूर्वी एशिया का गेट वे बताया। कहा, “बेहतर जीवन का सीधा संबंध कनेक्टिविटी से है। नॉर्थ ईस्ट की कनेक्टिविटी यहां के लोगों के ईज ऑफ लिविंग के लिए तो जरूरी है ही। साथ ही सुरक्षित और आत्मनिर्भर भारत के लिए भी जरूरी है। नॉर्थ ईस्ट, पूर्वी एशिया के साथ सांस्कृतिक रिश्तों का गेटवे है। पूरे नॉर्थ ईस्ट में कनेक्टिविटी से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर पर लगातार काम हो रहा है।”
तीन हजार किमी सड़कें तैयार
मोदी ने नॉर्थ ईस्ट में विकास कार्यों की जानकारी दी। कहा, “बीते 6 साल में पूरे नॉर्थ ईस्ट के इन्फ्रास्ट्रक्टर पर हजारों करोड़ का निवेश किया है। कोशिश है कि नॉर्थ ईस्ट के राज्यों की राजधानियों को फोर लेन और गांवों को प्रमुख सड़कों से जोड़ा जाए। इसके लिए करीब 3000 किमी सड़कें तैयार हो चुकी हैं और 7000 किमी के प्रोजेक्ट्स पर काम तेजी से चल रहा है। रेल कनेक्टिविटी में बहुत बड़ा परिवर्तन दिख रहा है। नॉर्थ ईस्ट के नेटवर्क को ब्रॉडगेज में बदला जा रहा है। 14000 करोड़ की लागत के प्रोजेक्ट से मणिपुर में बहुत बड़ा बदलाव आने वाला है।”
आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर से टूरिज्म को भी फायदा
मोदी ने कहा, “आज नॉर्थ ईस्ट में छोटे-बड़े करीब 13 ऑपरेशनल एयरपोर्ट हैं। वहां आधुनिक सुविधाएं तैयार करने के लिए 3000 करोड़ से ज्यादा खर्च किए जा रहे हैं। नॉर्थ ईस्ट के लिए एक और बड़ा काम हो रहा है। इन लैंड वॉटरवेज के क्षेत्र में बड़ा रिवॉल्यूशन दिख रहा है। भविष्य में यहां की कनेक्टिविटी सिर्फ सिलीगुड़ी कॉरिडोर तक सीमित नहीं रहेगी। सीमलेस कनेक्टिविटी पर काम हो रहा है। इससे उद्योगपतियों के लिए भी फायदा हो रहा है। नॉर्थ ईस्ट के गांवों को, किसानों को दूध, सब्जी और दूसरे मिनरल को सीधे पहुंच मिली है। नॉर्थ ईस्ट देश की नैचुरल और कल्चरल डायवर्सिटी का बहुत बड़ा प्रतीक है। आन-बान-शान है। ऐसे में आधुनिक इन्फ्रा बनने से टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलता है।”
अमन की ओर नॉर्थ ईस्ट
मोदी ने नॉर्थ ईस्ट के लिए तीन ‘पी’ का जिक्र किया। कहा, “नॉर्थ ईस्ट में देश के विकास का ग्रोथ इंजन बनने की क्षमता है। मेरा ये विश्वास इसलिए गहरा हो रहा है क्योंकि पूरे नॉर्थ ईस्ट में शांति की स्थापना हो रही है। पीस, प्रोग्रेस और प्रॉस्परिटी का मंत्र गूंज रहा है। नॉर्थ-ईस्ट, विशेषकर मणिपुर के नागरिकों का दिल के आभार करता हूं कि आपने हमारा साथ दिया। दशकों से चला आ रहा हिंसा का दौर अब थम चुका है। त्रिपुरा और मिजोरम में भी हिंसा का दौर थम गया है। बेहतर इन्फ्रा, कनेक्टिविटी और शांति तीनों एक साथ बढ़ते हैं तो उद्योगों और निवेश के लिए संभावनाएं बढ़ जाता हैं।”
ऑर्गेनिक कैपिटल बनने की क्षमता
पीएम ने भाषण में आगे कहा, “मैं लगातार कहता आया हूं कि नॉर्थ ईस्ट देश का ऑर्गेनिक कैपिटल बन सकता है। पिछले दिनों कुछ कृषि वैज्ञानिकों से मिलना हुआ। उन्होंने कहा कि नॉर्थ ईस्ट के किसान अगर पामोलिन की खेती करें तो उन्हें और देश को बहुत बड़ी मदद मिलेगी। मैं राज्य सरकारों से भी आग्रह करता हूं कि किसानों को जागरुक करें। नॉर्थ ईस्ट की एक विशेषता है कि उनको लोकल के लिए गर्व होता है। नॉर्थ ईस्ट को समझाने की जरूरत नहीं कि लोकल के प्रति वोकल बनो। आप तो पहले ही चार कदम आगे हैं। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत लोकल प्रोडक्ट में वैल्यू एडिशन और मार्केटिंग के लिए क्लस्टर बनाए जा रहे हैं।”
बैम्बू इंडस्ट्री के लिए पार्क को मंजूरी
मोदी ने आगे कहा, “नॉर्थ ईस्ट के बैम्बू में बहुत सामर्थ्य है। नॉर्थ ईस्ट में बैम्बू इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए पहले दी एक पार्क की अनुमति दी जा चुकी है। नुमालीगढ़ में बायो फ्यूल बनाने पर भी काम हो रहा है। इससे युवाओं, स्टार्टअप को बहुत फायदा मिलेगा। जो राज्य ज्यादा सक्रिय होगा वह लाभ उठाएगा। मुझे भरोसा है कि मणिपुर पूरा फायदा उठाएगा। हमारी कोशिश है कि मणिपुर के युवाओं को रोजगार के अवसर यहीं पर मिलें।”
आखिर में कोरोना का जिक्र
भाषण के आखिर में पीएम ने कोरना संकट का जिक्र भी किया। कहा, “विकास और विश्वास के रास्ते को हमें मजबूत करते रहना है। हमारे सपने में कहीं कोई रुकावट नहीं आए। समय सीमा से पहले हम काम कर पाएं। माता-बहनें हमें ऐसा आशीर्वाद दें। रक्षाबंधन का पर्व आने वाला है, ऐसे में आपसे आशीर्वाद का आग्रह करता हूं। अपना ध्यान रखिए। स्वच्छता में तो नॉर्थ ईस्ट पहले ही रोल मॉडल का काम कर रहा है, लेकिन कोरोना को देखते हुए दो गज की दूरी, सैनिटाइजेशन और थूकने की आदत छोड़ना अहम है। यह कोरोना के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार है।”