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भारत में कोई दमदार निवेशक मौजूद नहीं है, इसी का लाभ उठाकर चीन ने भारतीय स्टार्टअप्स में लगाया है भारी भरकम पैसा

भारत में वेंचर कैपिटल फंडिंग करने वाले अधिकतर निवेशक कोई धनी व्यक्ति या धनी परिवार होते हैं। ये शुरुआती नुकसान से गुजर रहे स्टार्टअप्स को 10 करोड़ डॉलर दे पाने का वादा नहीं कर सकते चीन के निवेशकों ने भारतीय स्टार्टअप्स में करीब 4 अरब डॉलर का निवेश कर लिया है आज देश के 30 यूनीकॉर्न स्टार्टअप्स में से 18 में चीन के निवेशकों का पैसा लगा हुआ है

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नई दिल्ली. भारत में कोई बड़ा संस्थागत निवेशक मौजूद नहीं है। इसी का लाभ उठाकर चीन के निवेशकों ने भारतीय स्टार्टअप्स में हाल के वर्षों में भारी भरकम पैसा लगाया है। यह बात गेटवे हाउस की एक ताजा रिपोर्ट में कही गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के निवेशकों ने भारतीय स्टार्टअप्स में करीब 4 अरब डॉलर का निवेश कर लिया है। आज देश की 30 यूनीकॉर्न कंपनियों में से 18 में चीन के निवेशकों का पैसा लगा हुआ है। एक अरब डॉलर का मूल्य हासिल करने वाली कंपनी को यूनीकॉर्न कहा जाता है।

भारत में चीन के भारी-भरकम निवेश के तीन प्रमुख कारण हैं

गेटवे हाउस के मुताबिक भारत के टेक्नोलॉजी बाजार में चीन के भारी भरकम निवेश के तीन प्रमुख कारण हैं। पहला, भारत में कोई मजबूत संस्थागत निवेशक मौजूद नहीं है। दूसरा, चीन लंबी अवधि के लिए पूंजी उपलब्ध कराता है, जो स्टार्टअप्स के लिए जरूरी होता है। तीसरा, भारत के विशाल बाजार का रिटेल के साथ-साथ रणनीतिक महत्व भी है।

भारत में चीन का अधिकांश निवेश टेक स्टार्टअप्स में

रिपोर्ट के मुताबिक चीन के निवेशकों ने अन्य उभरते बाजारों में फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश किया है। जबकि भारत में चीन से आए एफडीआई का अधिकांश हिस्सा टेक स्टार्टअप्स में लगा है। ये निवेश चीन के करीब दो दर्जन टेक कंपनियों और फंड ने किए हैं। इनमें सबसे आगे हैं अलीबाबा, बाइटडांस और टेंसेंट, जिन्%

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