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भारत की ओलिंपिक तैयारी को झटका:नेशनल डोप टेस्टिंग लेबोरेटरी का सस्पेंशन 6 महीने के लिए बढ़ा, वाडा ने कहा- कमियों को दूर कर बहाली के लिए अप्लाई करें

पिछले साल वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) ने 6 महीने का प्रतिबंध लगाया, जो फरवरी में खत्म हो चुका था भारत 11 महीने में भी अपनी कमियों को दूर नहीं पाए, एनडीटीएल पर नया प्रतिबंध 17 जुलाई से लागू हो गया है

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पिछले अगस्त में जब नेशनल डोप टेस्टिंग लैब की मान्यता रद्द की गई थी तब वाडा के आदेश को चुनौती नहीं दी गई थी। अब देखना होगा कि क्या खेल मंत्रालय इसे चुनौती देगा। -फाइल फोटो

अगले साल होने वाले टोक्यो ओलिंपिक की तैयारी को लेकर भारत को झटका लगा है। खिलाड़ियों को लेकर प्रतिबंधित दवाओं पर नजर रखने वाली वैश्विक संस्था वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) ने भारत की नेशनल डोप टेस्टिंग लैब (एनडीटीएल) के सस्पेंशन को 6 महीने के लिए बढ़ा दिया है। हालांकि, भारत इस आदेश के खिलाफ 21 दिन के अंदर स्विट्जरलैंड स्थित कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन में कर सकता है।

पिछले साल अगस्त में की गई थी मान्यता रद्द
वाडा ने पिछले साल 23 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय मानक पूरे नहीं होने के कारण 6 महीने के लिए प्रतिबंध लगाया था। इस दौरान खेल मंत्रालय और एनडीटीएल को अपनी कमियों को दूर करना था, लेकिन भारत इसमें सफल नहीं हुआ।

फरवरी में खत्म हो गया था प्रतिबंध
एनडीटीएल पर लगा प्रतिबंध फरवरी में ही खत्म हो गया था। वाडा के एक्सपर्ट ने सिफारिश की थी, कि एनडीटीएल में कुछ कमियां हैं, जिसे वह पूरा नहीं कर पाया है। ऐसे में एनडीटीएल के प्रतिबंध को 6 महीने के लिए बढ़ा दिया जाए। एनडीटीएल पर यह प्रतिबंध 17 जुलाई से लागू हो गया है।

कमियां दूर कर 6 महीने के अंदर भी मान्यता के लिए अप्लाई कर सकते हैं
वाडा ने एक बयान में कहा, ‘‘वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी ने नई दिल्ली में स्थित नेशनल डोप टेस्टिंग लेबोरेटरी की मान्यता को 6 महीने के लिए खत्म कर दिया है। इस बीच अगर एनडीटीएल अपनी कमी को पूरा कर लेता है, तो वह मान्यता की बहाली के लिए आवेदन कर सकता है।’’

अभी दोहा में टेस्टिंग हो रही, जिसे खर्च बढ़े हैं
डोपिंग से संबंधित मामलों के वकील पार्थ गोस्वामी ने कहा, ‘‘यह खेल मंत्रालय और एनडीटीएल के लिए बहुत बड़ा झटका है। किसी को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। पिछले 11 महीनों से नाडा एक मान्यता प्राप्त लैब के बिना काम कर रहा है और अब इसे 6 महीने के लिए और बढ़ा दिया गया है। कतर लैब में जांच के लिए नमूने भेजने में लागत ज्यादा आती है और उसके रिजल्ट आने में भी देरी होती है।’’ उन्होंने कहा कि पिछले अगस्त में जब मान्यता रद्द की गई थी तब वाडा के आदेश को चुनौती नहीं दी गई थी। अब देखना होगा कि क्या मंत्रालय इसे चुनौती देगा।

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