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ब्रेक के कारण खिलाड़ी कम दिन में अधिक मैच खेलेंगे, ऐसे में इंजरी की आशंका 25% बढ़ी

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फुटबॉल की वापसी के बाद से खिलाड़ियों के चोटिल होने की आशंका बढ़ गई है। मार्च में कोरोनावायरस की वजह से सभी प्रमुख इवेंट स्थगित कर दिए गए थे। 16 मई को जर्मन लीग बुंदेसलीगा की वापसी हुई। पहले दिन 6 मैच खेले गए और 8 खिलाड़ी चोटिल हुए। उसके बाद भी खिलाड़ी लगातार चोटिल हो रहे हैं क्योंकि वे महीनों तक मैदान से दूर थे।

जर्मन क्लब बायर्न म्यूनिख को एक महीने में 7 मैच खेलने हैं। सामान्य परिस्थिति में एक टीम महीने में 4 से 5 मैच खेलती है।

कोरोना के बाद खिलाड़ियों के चोटिल होने की आशंका ज्यादा

अमेरिकी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म जोन 7 ने 35 क्लबों पर रिसर्च में पाया कि 30 दिनों में 7 से 8 मैच खेलने वाले खिलाड़ियों के चोटिल होने की आशंका 4 से 5 मैच खेलने वालों की तुलना में 25% तक बढ़ जाती है।

प्री-सीजन छोटा रखने से भी खिलाड़ी ज्यादा चोटिल हुए 

रिसर्च में यह भी कहा गया है कि पिछले दो सीजन में जिन क्लबों ने इंटरनेशनल मैचों की वजह से छोटा प्री-सीजन रखा था, पहले हाफ में अन्य क्लब के मुकाबले उनके खिलाड़ी 75% ज्यादा चोटिल हुए थे।

ब्रेक की वजह से खिलाड़ियों की फिटनेस में कमी

लंदन की एक्सरसाइज फिजियोलॉजिस्ट फ्लेमिनिया रोनका ने कहा, ‘ब्रेक की वजह से खिलाड़ी 15% तक फिटनेस खो चुके हैं। उन्हें कम समय में इसे हासिल करना पड़ रहा है, ऐसे में चोट की संभावना बढ़ जाती है।’

11 जून से ला लिगा शुरू होगी

स्पेनिश लीग ला लिगा 11 जून से, इंग्लिश प्रीमियर लीग (ईपीएल) 17 जून से और इटैलियन लीग सीरी ए 20 जून से शुरू हो रही है।

इटैलियन लीग सीरी ए के सभी क्लब को 40 दिन में 13 मैच खेलने हैं
ईपीएल क्लब मैनचेस्टर सिटी, आर्सनल और शेफील्ड यूनाइटेड को करीब 15 दिनों में 5-5 मैच खेलने हैं। ऐसे में इंजरी के अलावा प्रदर्शन में भी गिरावट देखने को मिल सकती है।

वाटफोर्ड के मैनेजर निगेल पीयर्सन और न्यूकैसल के बॉस स्टीव ब्रूस इसपर चिंता जाहिर कर चुके हैं। इटैलियन लीग सीरी ए की वापसी 20 जून से हो रही है। टीमों को करीब 40 दिनों में लीग के 12-13 मैच खेलने हैं।

क्लबों की मांग दोबारा सीरी-ए रद्द हो तो रेलिगेशन न हो
वहीं, सीरी ए के क्लबों ने मांग की है कि अगर लीग के शुरू होने पर किसी कारण से उसे फिर से स्थगित या रद्द किया जाता है तो किसी को विजेता नहीं घोषित किया जाए।रेलिगेशन भी ना हो।

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