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निजी कंपनियां भी रॉकेट बनाएंगी / इसरो चीफ सिवन ने कहा- प्राइवेट कंपनियों के आने से हमारा स्पेस सेक्टर मजबूत होगा, टेक्नोलॉजी का बेहतर इस्तेमाल हो सकेगा

इसरो प्रमुख सिवन ने कहा- स्पेस सेक्टर में सरकार के हालिया सुधारों का असर लंबे समय तक नजर आएगा सिवन ने कहा- भारत दुनिया के ऐसे देशों में शामिल होगा, जहां स्पेस सेक्टर में प्राइवेट कंपनियों के लिए भी बेहतर मैकेनिज्म मौजूद होगा

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बेंगलुरु. इसरो प्रमुख के सिवन ने गुरुवार को सरकार के स्पेस सेक्टर को निजी कंपनियों के लिए खोलने के फैसले की तारीफ की। उन्होंने कहा- सरकार ने स्पेस सेक्टर में नए सुधार किए हैं। अब प्राइवेट कंपनियों को रॉकेट और सैटेलाइट बनाने की मंजूरी मिलेगी। वे लॉन्चिंग से जुड़े कामों में भी शामिल हो सकेंगी। दूसरे ग्रहों की जानकारी जुटाने के लिए इसरो के स्पेस मिशन में भी इन्हें शामिल किया जा सकेगा। इससे न सिर्फ इंडियन स्पेस सेक्टर मजबूत होगा बल्कि देश की आर्थिक तरक्की में भी काफी मदद मिल सकेगी।

केंद्र सरकार ने बुधवार को भारतीय स्पेस सेक्टर को प्राइवेट कंपनियों के लिए खोलने का ऐलान किया था। इसके लिए एक नया संस्थान बनाया जाएगा। इसका नाम इंडियन नेशनल स्पेस, प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर होगा। यह संस्थान स्पेस एक्टिविटीज में प्राइवेट कंपनियों की मदद करेगा।

इसरो के काम पर नहीं होगा असर

सिवन ने कहा- भारतीय स्पेस सेक्टर में हुए इस बदलाव का इसरो पर कोई असर नहीं होगा। हम पहले की तरह रिसर्च और डेवलपमेंट, दूसरे ग्रहों तक स्पेसक्राफ्ट भेजने और ह्यूमन यानी मानव मिशन पर काम जारी रखेंगे। स्पेस सेक्टर में सरकार के हालिया सुधारों का असर देश पर लंबे समय तक नजर आएगा। भारत दुनिया के ऐसे देशों शामिल होगा, जहां स्पेस सेक्टर में प्राइवेट कंपनियों के लिए बेहतर और कारगर मैकेनिज्म मौजूद है।

रोजगार के मौके भी बढ़ेंगे
इसरो प्रमुख के मुताबिक, सरकार के इस कदम से रोजगार भी बढ़ेगा। भारत दुनिया के उन देशों में शामिल है जिनके पास स्पेस सेक्टर में लेटेस्ट टेक्नोलॉजी मौजूद है। हमने इसरो की कामयाबियों को आगे बढ़ाने के लिए नया डिपार्टमेंट शुरू करने का फैसला किया है। इससे काफी लोगों को रोजगार मिल सकेगा। यह कमर्शियल सर्विस के तौर पर काम करेगा।

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