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चीन की चालाकी:एटमी क्षमता वाली पनडुब्बियों को दुनिया से छिपा रहा चीन, सैटेलाइट इमेज से खुलासा; नेवल बेस में समुद्र में तहखाने बनाए

सैटेलाइट इमेज में यूलिन नेवल बेस पर एक चीनी पनडुब्बी तहखाने की ओर बढ़ती नजर आ रही है, इसके आसपास दो चीनी पोत भी नजर आ रहे हैं यूलिन नेवल बेस की इमेज में चीन की टाइप 093 पनडुब्बी होने का अंदाजा लगाया जा रहा है, चीन की ऐसी कुछ पनडुब्बियां एटमी हथियारों से लैस हैँ

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चीन की चालाकी:एटमी क्षमता वाली पनडुब्बियों को दुनिया से छिपा रहा चीन, सैटेलाइट इमेज से खुलासा; नेवल बेस में समुद्र में तहखाने बनाए

बीजिंग2 घंटे पहले
रेडियो फ्री एशिया (आरएफपी) ने अपने ट्विटर अकाउंट से 18 अगस्त को यूलिन नेवल बेस की यह फोटो ट्वीट की थी। इसमें चीनी पनडुब्बी तहखाने के सामने नजर आ रही है।

चीन साउथ चाइना सी में अपना सैन्य दबदबा गुपचुप तरीके से बढ़ाने की कोशिशों में जुटा है। इसके लिए चीन ने हैनान आईलैंड स्थित अपने यूलिन नेवल बेस पर एक ऐसा तहखाना तैयार किया है, जिसमें पनडुब्बियों को भी छुपाया जा सकता है। अमेरिकन इमेजिंग कंपनी प्लेनेट लैब्स की ओर से जारी कुछ सैटेलाइट तस्वीरों से चीन की यह कारगुजारी उजागर हुई है। इस फोटो को सबसे पहले 18 अगस्त को रेडियो फ्री एशिया (आरएफपी) ने अपने ट्विटर अकाउंट से पोस्ट किया गया था।

सामने आई इमेज में यूलिन नेवल बेस पर एक चीनी पनडुब्बी तहखाने की ओर बढ़ती नजर आ रही है। इसके आसपास दो पोत भी नजर आ रहे हैं। इसके टाइप 093 पनडुब्बी होने का अंदाजा लगाया जा रहा है। 093 पनडुब्बियां तीन तरीके की होती हैं। चीन के पास एटमी हथियारों, टॉरपीडो और मिसाइलों से लैस ऐसी कई पनडुब्बियां हैं।

पनडुब्बियों को तहखाने में छिपाने की यह पहली फोटो
रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक पहले भी ऐसी खबरें आ चुकी हैं कि चीन अपनी मिसाइलों और हथियारों को तहखाने में छिपाकर रखता है। हालांकि,चीनी पनडुब्बियों को तहखाने में छिपाने की फोटो पहली बार सामने आई है। ऐसी फोटो लेना मुश्किल है। ऐसा तभी मुमकिन है, जब पनडुब्बी को तहखाने में छिपाने से पहले कोई कमर्शियल सैटेलाइट ठीक उसके ऊपर मौजूद हो। फोटो स्पष्ट है, जिससे पता चलता है कि जिस समय यह सैटेलाइट के कैमरे में कैद हुई, उस समय आसमान साफ रहा होगा।

अब यूलिन बेस पर नजर रखना मुश्किल होगा

चीन का यूलिन नेवल बेस हॉन्गकॉन्ग से करीब 470 किमी दक्षिण-पश्चिम में है। इसे हैनान आईलैंड के दक्षिण किनारे पर बनाया गया है। चीन हमेशा किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अपने पोतों को यहां तैनात रखता है। चीन के इस नेवल बेस पर अमेरिका की भी नजर होती है। सीएनएन न्यूज के मुताबिक, अमेरिका नौसेना की खुफिया इकाई साल में एक बार इस आईलैंड के पास अपने जेट भेजता है, जिससे चीन की हरकतों का पता चलता रहे। हालांकि, अब तहखाना तैयार करने के बाद चीन आसानी से अपने जहाजों और पनडुब्बियों को इनमें छिपा सकेगा। ऐसे में चीन वहां क्या कर रहा है, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल होगा।

साउथ चाइना सी में अमेरिका और चीन के बीच तनाव

साउथ चाइना सी में अमेरिका और चीन के बीच पिछले कुछ सालों में कई बार तनाव की स्थिति पैदा हुई है। इस साल 6 अप्रैल को चीन और अमेरिका के पोत 100 मीटर की दूरी पर आमने सामने आए थे। अक्टूबर 2018 में भी एक चीनी पोत अमेरिकी जंगी जहाज के 41 मीटर करीब पहुंच गया था। जून 2018 में अमेरिका के विमानों ने दक्षिण चीन सागर में उड़ान भरी थी, इस पर चीन ने आपत्ति जताई थी। साउथ चाइना सी विवादित समुद्री क्षेत्र है। चीन, वियतनाम, फिलिपींस और ताइवान यहां अपना हिस्सा होने का दावा करते हैं। फिलहाल यहां चीन का दबदबा है। उसने यहां आर्टिफिशियल आईलैंड भी बनाए हैं

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