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गांधीजी का चश्मा 2.55 करोड़ रु. में बिका:ब्रिटेन के नीलामीघर ने डेढ़ लाख रु. मिलने की उम्मीद जताई थी, चश्मे के मालिक ने कहा था- पसंद न आए तो फेंक देना

महात्मा गांधी ने 1920 या 1930 के दशक में ब्रिटिश पेट्रोलियम में काम करने वाले एक व्यक्ति को चश्मा दे दिया था 4 हफ्ते पहले ऑक्शन हाउस के लैटरबॉक्स में गांधीजी का चश्मा रखा मिला था

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ब्रिटेन में महात्मा गांधी का सोने की परत चढ़ा चश्मा नीलामी में 2.6 लाख पाउंड (करीब 2.55 करोड़ रुपए) में बिका। बेचे जाने के बाद शुक्रवार को ईस्ट ब्रिस्टल ऑक्शन हाउस ने इंस्टाग्राम पर बताया कि हमें 4 हफ्ते पहले अपने लेटरबॉक्स में ये चश्मा मिला। इसे कोई व्यक्ति रख गया था। चश्मा रखकर जाने वाले शख्स के अंकल को खुद गांधीजी ने चश्मा तोहफे में दिया था।

गांधीजी अपनी चीजें उन लोगों को दे देते थे, जिन्हें उन चीजों की ज्यादा जरूरत होती थी। ऑक्शन हाउस के मुताबिक, गांधीजी ने यह चश्मा 1920 या 1930 के दशक में साउथ अफ्रीका में ब्रिटिश पेट्रोलियम में काम करने वाले एक व्यक्ति को दे दिया था। चश्मे की नीलामी से 15 हजार पाउंड (करीब डेढ़ लाख रुपए) मिलने की उम्मीद जताई गई थी।

‘अगर पसंद न आए, तो फेंक दें’
जिस व्यक्ति के पास चश्मा था, नीलामीकर्ता एंड्रयू स्टोव ने उनसे हुई बातचीत का खुलासा किया। व्यक्ति ने कहा था कि अगर उन्हें चीज (चश्मा) अच्छी न लगे तो उसे फेंक भी सकते हैं। स्टोव के मुताबिक, जब मैंने उन्हें बताया कि चश्मे की नीलामी से 15 हजार पाउंड तक मिल सकते हैं तो वे चौंक गए।

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