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क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में भारी गिरावट:इथेरियम, पोलकाडाट और युनिस्वैप की कीमतें 6% तक गिरीं, सबसे कम रिटर्न बिटकॉइन का

अमेरिकी रेगुलेटर ने बिटकॉइन ETF की मंजूरी में देरी कर दी है, इससे गिरावट आई है मई से अब तक क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में 40-50% की गिरावट आई है

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सोना का विकल्प बनने जा रही क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में आज भारी गिरावट आई है। इसकी तीन करेंसी पोलकाडाट, युनिस्वैप और इथेरियम की कीमतें 6-6% गिरी हैं। साथ ही पिछले 1 साल में रिटर्न के मामले में बिटकॉइन फिसड्‌डी साबित हुआ है। यानी सबसे कम रिटर्न इसी का रहा है, जबकि यह सबसे ज्यादा लोकप्रिय है।

अमेरिकी रेगुलेटर की वजह से आई गिरावट

क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में गिरावट का प्रमुख कारण अमेरिकी रेगुलेटर का मामला रहा है। रेगुलेटर ने बिटकॉइन ETF की मंजूरी में देरी कर दी है। इससे क्रिप्टो के निवेशकों का सेंटीमेंट बिगड़ गया है। टॉप 10 डिजिटल करेंसी की कीमतों में गिरावट दिखी है। अमेरिकी रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा है कि बिटकॉइन ETF की लिस्टिंग के लिए जनता से कमेंट मंगाया जाएगा और फिर फैसला होगा। हालांकि इससे पहले भी कई बार रेगुलेटर ने इसकी मंजूरी में देरी की है।

UK के भी रेगुलेटर को है चिंता

अमेरिकी रेगुलेटर की तरह ही UK के भी रेगुलेटर फाइनेंशियल कंडक्ट अथॉरिटी ने कहा कि ज्यादा लोग अब क्रिप्टो के मुख्य निवेश के रूप में एक असेट जैसा देख रहे हैं। जबकि यह एक गैंबल है क्योंकि बिटकॉइन और इस तरह की क्रिप्टो करेंसी लेने वालों की संख्या ब्रिटेन में इस साल बढ़कर 23 लाख हो गई है। रेगुलेटर ने अलग से निवेशकों को चेतावनी दी है कि बड़े पैमाने पर यह अनरेगुलेटेड यानी रेगुलेट नहीं की जाने वाली क्रिप्टो असेट्स है। यह मई में अपनी कीमतों से अब तक 40-50% टूट चुकी है।

बिटकॉइन की कीमत 2.32% गिरी

आज बिटकॉइन की कीमतें 2.32% टूट कर 28 लाख रुपए पर पहुंच गई हैं। एक साल में इसका रिटर्न 283% रहा है। इथेरियम की कीमत 3.65% टूट कर 1.73 लाख रुपए पर आ गई है। इसका रिटर्न 1,040% एक साल में रहा है। बिनांस कॉइन 1% टूट कर 26 हजार रुपए पर कारोबार कर रही है। 1 साल में रिटर्न 2,165% रहा है। पोलकाडाट 5.58% टूट कर 1,599 रुपए पर आ गई है। इसका रिटर्न 604% रहा है। यूनिस्वैप में 4.51% की कमी आज आई है।

कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन 125 लाख करोड़ रुपए

आज के भाव पर देखें तो दुनिया की क्रिप्टो करेंसी का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन 125 लाख करोड़ रुपए है। इसमें बिटकॉइन का अकेले मार्केट कैप 50.57 लाख करोड़ रुपए है। यानी देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के मार्केट कैप से 3.5 गुना ज्यादा है। रिलायंस का मार्केट कैप 14 लाख करोड़ रुपए है। दूसरे नंबर पर इथेरियम है। इसका मार्केट कैप 23.46 लाख करोड़ रुपए है। कारडानो और बिनांस कॉइन का मार्केट कैप 4 लाख करोड रुपए से ज्यादा है।

भारत की बात करें तो यहां पर 12-14 क्रिप्टो के एक्सचेंज हैं जो कारोबार करते हैं। भारत में क्रिप्टोकरेंसी में रोजाना का टर्नओवर 1,000-1500 करोड़ रुपए का है। हालांकि यह शेयर बाजार में रोजाना के 2 लाख करोड़ रुपए के टर्नओवर की तुलना में 1% से भी कम है।

देश में 1.20 करोड़ निवेशक

देश में क्रिप्टो करेंसी में 1 से 1.20 करोड़ निवेशक हैं। हालांकि भारतीय बाजार में 7 करोड़ निवेशक हैं। उसकी तुलना में यह काफी कम है। क्रिप्टो में आप 24 घंटे सातों दिन कारोबार कर सकते हैं। हाल के दिनों में जब से टेस्ला के एलन मस्क ने इसे पेमेंट के रूप में नहीं लेने की बात कही है, तब से इसकी कीमतें 40 से 50% तक गिर गई हैं। क्रिप्टो में ज्यादातर वही निवेशक हैं जो युवा हैं और जो सोशल मीडिया से ज्ञान पाते हैं और प्रभावित होते हैं।

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