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कोरोना वैक्सीन और शराब:ज्यादा पीने से बेअसर हो सकती है वैक्सीन, जानिए वैक्सीन लगवाने से पहले और उसके बाद कितनी ड्रिंक्स ले सकते हैं और कैसे करें इसे मैनेज

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वैक्सीन लगने से पहले और उसके बाद, ज्यादा शराब पीने (heavy drinking) से शरीर में पैदा होने वाली वायरस से लड़ने की क्षमता पर काफी बुरा असर पड़ सकता है।
एक्सपर्ट्स का कहना है ज्यादा शराब हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली, यानी इम्यून सिस्टम को दबा सकती है। वैक्सीन लगने के बाद कोरोना वायरस से लड़ने लायक एंटीबॉडीज बनने में कुछ हफ्तों का समय लगता है, ऐसे में हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली पर किसी भी तरह का नकारात्मक असर वैक्सीन के असर को बेकार कर सकता है।​​​​​​
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर वायरस रिसर्च के डायरेक्टर इल्हेम मेसाउदी का कहना है कि वैक्सीनेशन के समय कम शराब पीने से नुकसान नहीं है, मगर इस बात का सख्ती से ध्यान रखने जरूरत है कि कम शराब (moderate drinking) पीने का मतलब क्या है।
तो आइये सबसे पहले जानते हैं कि हैवी ड्रिकिंग और मॉडरेट ड्रिकिंग क्या है और कोरोना वैक्सीन लगवाने से पहले और बाद में कितनी ड्रिंक्स सुरक्षित हैं…

यूनिवर्सिटी ऑफ नेब्रास्का मेडिकल सेंटर की संक्रामक रोगों की एसोशिएट प्रोफेसर डॉ. एंजेला ह्यूलेट का कहना है कि हो सकता है आगे चलकर इस बारे में और भी पुख्ता निष्कर्ष सामने आएं, लेकिन अभी तक जो पता है और जो रिसर्च में निकल कर आया है, उससे एक चीज साफ है कि ज्यादा शराब पीने से हमारी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया यानी इम्यून रिस्पॉन्स बाधित होता है। यह बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन के सामने आपको कमजोर बनाता है। ज्यादा शराब हमारे इम्यून सेल्स यानी प्रतिरक्षा कोशिकाओं को इंफेक्शन वाली जगह तक पहुंचने और वायरस या बैक्टीरिया को मारने से रोकता है। इससे बीमार करने वाले पैथोजन यानी रोगाणुओं का कोशिकाओं पर हमला करना आसान हो जाता है। ज्यादा शराब इसके अलावा भी कई समस्याएं पैदा करती है। एक रिसर्च के दौरान वैज्ञानिकों ने 391 लोगों को पांच अलग-अलग रेस्पिरेटरी वायरस से संक्रमित किया। जांच में पाया कि कम शराब पीने वालों को जुकाम होने की संभावना बेहद कम थी।

ज्यादा शराब पीने वाले बंदरों पर वैक्सीन बेअसर, कम पीने वालों में बिल्कुल न पीने वालों से तेज बने एंटी बॉडीज

एक और स्टडी में कैलिफॉर्निया यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर वायरस रिसर्च के डायरेक्टर इल्हेम मेसाउदी और उनके साथियों ने रीसस बंदरों को सात महीने तक एल्कोहलिक ड्रिंक पिलाई और देखा कि पॉक्स वायरस के खिलाफ दिए गए टीके का क्या असर हुआ? इंसानों की तरह ही कुछ रीसस बंदर शराब का मजा लेते हैं और बहुत पीते हैं, जबकि दूसरी प्रजाति के बंदर कम पीते हैं। रिसर्चर ने पाया कि जो बंदर लंबे समय से शराब पी रहे थे उनके शरीर में वैक्सीन के बाद पैदा होने वाला इम्यून रिस्पॉन्स काफी कमजोर था। डॉ. मेसाउदी का कहना था कि ऐसे बंदरों में दरअसल इम्यून रिस्पांस था ही नहीं। वहीं, बेहद कम मात्रा में शराब पीने वाले बंदरों के शरीर में बिल्कुल न पीने वाले बंदरों से भी ज्यादा ताकतवर इम्यून रिस्पॉन्स पैदा हुआ। चूहों पर किए गए ऐसे ही प्रयोग में भी यही नतीजे निकले।

हैंगओवर ज्यादा बढ़ सकते हैं साइडइफेक्ट
यूनिवर्सिटी ऑफ नेब्रास्का मेडिकल सेंटर की वायरल डिसीज की एसोशिएट प्रोफेसर डॉ. एंजेला ह्यूलेट का कहना है कि कम शराब पीना इसलिए भी फायदेमंद है, क्योंकि ज्यादा शराब पीने और उसके हैंगओवर से वैक्सीन लगवाने के बाद होने वाले साइड इफेक्ट्स बढ़ सकते हैं। जैसे बुखार, बदन दर्द और बेचैनी।

रूसी एक्सपर्ट दिसंबर में दे चुकीं चेतावनी
दिसंबर 2020 में ही रूस की सरकारी हेल्थ एक्सपर्ट अन्ना पोपोवा ने वैक्सीन लगवाने से दो सप्ताह पहले और 42 दिन बाद तक शराब न पीने की सलाह दी थी। उनकी चेतावनी के बाद पूरे रूस में उनका विरोध हुआ। दुनिया में रूस सबसे ज्यादा शराब पीने वाले देशों में शामिल है।

 

शराब कम करने के लिए आजमाएं ये चार तरीके

अमेरिका में टेक्सस के मेंटल हेल्थ रिहैबिलिटेशन सेंटर ड्रिफ्टवुड रिकवरी में साइकोलॉजी की डायरेक्ट का कहना है कि ज्यादा शराब पीने की आदत बदलने के लिए चार प्वाइंट्स पर काम किया जा सकता है…

 

वैक्सीन लगने से पहले और उसके बाद, ज्यादा शराब पीने (heavy drinking) से शरीर में पैदा होने वाली वायरस से लड़ने की क्षमता पर काफी बुरा असर पड़ सकता है।
एक्सपर्ट्स का कहना है ज्यादा शराब हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली, यानी इम्यून सिस्टम को दबा सकती है। वैक्सीन लगने के बाद कोरोना वायरस से लड़ने लायक एंटीबॉडीज बनने में कुछ हफ्तों का समय लगता है, ऐसे में हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली पर किसी भी तरह का नकारात्मक असर वैक्सीन के असर को बेकार कर सकता है।​​​​​​
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर वायरस रिसर्च के डायरेक्टर इल्हेम मेसाउदी का कहना है कि वैक्सीनेशन के समय कम शराब पीने से नुकसान नहीं है, मगर इस बात का सख्ती से ध्यान रखने जरूरत है कि कम शराब (moderate drinking) पीने का मतलब क्या है।
तो आइये सबसे पहले जानते हैं कि हैवी ड्रिकिंग और मॉडरेट ड्रिकिंग क्या है और कोरोना वैक्सीन लगवाने से पहले और बाद में कितनी ड्रिंक्स सुरक्षित हैं…

यूनिवर्सिटी ऑफ नेब्रास्का मेडिकल सेंटर की संक्रामक रोगों की एसोशिएट प्रोफेसर डॉ. एंजेला ह्यूलेट का कहना है कि हो सकता है आगे चलकर इस बारे में और भी पुख्ता निष्कर्ष सामने आएं, लेकिन अभी तक जो पता है और जो रिसर्च में निकल कर आया है, उससे एक चीज साफ है कि ज्यादा शराब पीने से हमारी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया यानी इम्यून रिस्पॉन्स बाधित होता है। यह बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन के सामने आपको कमजोर बनाता है। ज्यादा शराब हमारे इम्यून सेल्स यानी प्रतिरक्षा कोशिकाओं को इंफेक्शन वाली जगह तक पहुंचने और वायरस या बैक्टीरिया को मारने से रोकता है। इससे बीमार करने वाले पैथोजन यानी रोगाणुओं का कोशिकाओं पर हमला करना आसान हो जाता है। ज्यादा शराब इसके अलावा भी कई समस्याएं पैदा करती है। एक रिसर्च के दौरान वैज्ञानिकों ने 391 लोगों को पांच अलग-अलग रेस्पिरेटरी वायरस से संक्रमित किया। जांच में पाया कि कम शराब पीने वालों को जुकाम होने की संभावना बेहद कम थी।

ज्यादा शराब पीने वाले बंदरों पर वैक्सीन बेअसर, कम पीने वालों में बिल्कुल न पीने वालों से तेज बने एंटी बॉडीज

एक और स्टडी में कैलिफॉर्निया यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर वायरस रिसर्च के डायरेक्टर इल्हेम मेसाउदी और उनके साथियों ने रीसस बंदरों को सात महीने तक एल्कोहलिक ड्रिंक पिलाई और देखा कि पॉक्स वायरस के खिलाफ दिए गए टीके का क्या असर हुआ? इंसानों की तरह ही कुछ रीसस बंदर शराब का मजा लेते हैं और बहुत पीते हैं, जबकि दूसरी प्रजाति के बंदर कम पीते हैं। रिसर्चर ने पाया कि जो बंदर लंबे समय से शराब पी रहे थे उनके शरीर में वैक्सीन के बाद पैदा होने वाला इम्यून रिस्पॉन्स काफी कमजोर था। डॉ. मेसाउदी का कहना था कि ऐसे बंदरों में दरअसल इम्यून रिस्पांस था ही नहीं। वहीं, बेहद कम मात्रा में शराब पीने वाले बंदरों के शरीर में बिल्कुल न पीने वाले बंदरों से भी ज्यादा ताकतवर इम्यून रिस्पॉन्स पैदा हुआ। चूहों पर किए गए ऐसे ही प्रयोग में भी यही नतीजे निकले।

हैंगओवर ज्यादा बढ़ सकते हैं साइडइफेक्ट
यूनिवर्सिटी ऑफ नेब्रास्का मेडिकल सेंटर की वायरल डिसीज की एसोशिएट प्रोफेसर डॉ. एंजेला ह्यूलेट का कहना है कि कम शराब पीना इसलिए भी फायदेमंद है, क्योंकि ज्यादा शराब पीने और उसके हैंगओवर से वैक्सीन लगवाने के बाद होने वाले साइड इफेक्ट्स बढ़ सकते हैं। जैसे बुखार, बदन दर्द और बेचैनी।

रूसी एक्सपर्ट दिसंबर में दे चुकीं चेतावनी
दिसंबर 2020 में ही रूस की सरकारी हेल्थ एक्सपर्ट अन्ना पोपोवा ने वैक्सीन लगवाने से दो सप्ताह पहले और 42 दिन बाद तक शराब न पीने की सलाह दी थी। उनकी चेतावनी के बाद पूरे रूस में उनका विरोध हुआ। दुनिया में रूस सबसे ज्यादा शराब पीने वाले देशों में शामिल है।

शराब कम करने के लिए आजमाएं ये चार तरीके

अमेरिका में टेक्सस के मेंटल हेल्थ रिहैबिलिटेशन सेंटर ड्रिफ्टवुड रिकवरी में साइकोलॉजी की डायरेक्ट का कहना है कि ज्यादा शराब पीने की आदत बदलने के लिए चार प्वाइंट्स पर काम किया जा सकता है…

1.Precommitment को आजमाएं यानी खुद से वादा करें
केवल इच्छा शक्ति पर निर्भर रहने के बजाय हर रविवार को पूरे सप्ताह के लिए अपनी ड्रिंक्स की सीमा तय करें और उस पर टिके रहें। इसे रणनीति को प्री-कमिटमेंट यानी पहले से वादा करना कहलाता है।
घर पर जंक फूड या मिठाई न रखने का फैसला, शेड्यूल बनाकर दोस्त के साथ एक्सरसाइज करना, इसके कुछ उदाहरण हैं। शोध बताते हैं कि प्री-कमिटमेंट आदतों को बदलने का एक प्रभावी तरीका है।

2.Social Support तलाशें यानी करीबी को प्लान बताएं
अपनी पति या पत्नी, दोस्त या परिवार के किसी सदस्य से कम शराब पीने का अपना प्लान साझा करें। इससे आप में जिम्मेदारी का अहसास बढ़ेगा और वह आपको स्ट्रेस का सामना करने में मदद करेगा।
दिन ढलने पर शराब पीने के बजाय अपने इस करीबी के साथ टहलने या कुछ खेलने चले जाएं। डॉ. कैनेडी कहती हैं कि ऐसी हेल्दी एक्टिविटीज के कई और फायदे हैं।

3.Obstacles तैयार करें यानी खुद रोड़े अटकाएं
शराब पीना कम करने के लिए कुछ नियम बनाएं। ड्रिंक्स की टाइमिंग को मैनेज करें, जैसे एक गिलास वाइन को कम से कम एक घंटे चलाना। डॉ. कैनेडी लोगों को एक एल्कोहलिक ड्रिंक के बाद एक गिलास पानी पीने की सलाह देती हैं। इससे लोग कम मात्रा में शराब पी पाते हैं।

4.Routine बदलें यानी आदतों का विकल्प तलाशें
कुछ लोग पीने की असल लत की जगह अपनी आदत के चलते ज्यादा शराब पीते हैं। जैसे रात को टीवी पर समाचार देखते हुए शराब पीना। ऐसे लोगों को एल्कोहलिक ड्रिंक की जगह चाय या नॉन एल्कोहलिक बीयर को आजमाना चाहिए। मतलब आपके हाथ में गिलास तो है मगर उसमें शराब नहीं।

 

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