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कोरोना के बीच गणेश उत्सव:4 फीट से ऊंची मूर्ति, 15 फीट से बड़ा पंडाल और 20 से ज्यादा लोग नहीं; दर्शन को आया व्यक्ति संक्रमित हुआ तो इलाज का खर्च उठाएंगे आयोजक

गणेश उत्सव को लेकर रायपुर जिला प्रशासन ने जारी की 26 प्वाइंट की गाइडलाइन दर्शन को आने वाले हर व्यक्ति का दर्ज करना होगा नाम-पता और मोबाइल नंबर

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यह तस्वीर महासमुंद में एक मूर्तिकार के घर की है, जहां उनका परिवार इन दिनों गणेश की प्रतिमाओं पर रंग रोगन करने में व्यस्त है। चार फीट मूर्ति बनाने की छूट मिलते ही शहर के 30 से 40 कुम्हार परिवारों ने राहत की सांस ली। छोटे-छोटे मूर्ति के निर्माण में लगे हुए हैं।

कोरोना काल में गणेश उत्सव को लेकर रायपुर जिला प्रशासन ने गाइडलाइन जारी कर दी है। इसमें 26 प्वाइंट हैं। उत्सव के दौरान 4 फीट से ऊंची मूर्ति, 15 फीट से बड़ा पंडाल बनाने पर रोक है। वहीं पंडाल में एक बार में 20 से ज्यादा लोग नहीं होंगे। खास बात यह है कि दर्शन के लिए आया व्यक्ति अगर संक्रमित मिलता है तो उसके इलाज में खर्च की जिम्मेदारी आयोजक की होगी।

मूर्ति स्थापना से लेकर विसर्जन तक के लिए नियम
जिला प्रशासन की ओर से मूर्ती की ऊंचाई से लेकर पंडाल तक की साइज का निर्धारण किया है। गाइडलाइन का अनुपालन नहीं किए बिना गणेश प्रतिमा स्थापित नहीं की जा सकेगी। एडीएम विनित नंदनवार की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि जो भी आयोजक शर्तों का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं भारत सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का भी पालन करना होगा।

इस बार झांकी की अनुमति नहीं

  • जिला प्रशासन की तरफ से इस बार झांकी की भी अनुमति नहीं दी गई है।
  • मूर्ति का साइज 4 फीट और पंडाल का 15 फीट से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
  • पंडाल में कुर्सियां नहीं लगेंगी, साथ ही 20 से ज्यादा लोग एक बार में वहां मौजूद नहीं होंगे।
  • मूर्ति दर्शन के लिए आने वाले लोगों का भी नाम पता और मोबाइल नंबर लिखना होगा। जिससे संक्रमित मिलने पर उसका कांटेक्ट मिल सके।
  • पंडाल में सीसीटीवी लगाना होगा। बिना मास्क के मूर्ति दर्शन की अनुमति नहीं होगी। आने व जाने वालों के लिए अलग-अलग व्यवस्था की जाएगी।
  • सैनिटाइजर, थर्मल स्क्रीनिंग, ऑक्सीमीटर, हैंडवॉश, क्यू मैनेजमेंट की व्यवस्था करनी होगी। थर्मल स्क्रीनिंग में बुखार मिलने पर पंडाल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
  • अगर पंडाल में दर्शन के लिए आया व्यक्ति अगर संक्रमित होता है तो आयोजकों को पूरा खर्च उठाना होगा।
  • इस बार पूजा के दौरान जगराता, भंडारा आदि कार्यक्रमों की इजाजत नहीं होगी। पूजा के दौरान प्रसाद व चरणामृत सहित किसी भी चीज को बांटने की मनाही होगी।
  • मूर्ति विसर्जन के लिए सिर्फ एक गाड़ी होगी। झांकी की अनुमति नहीं होगी। विसर्जन के लिए सिर्फ 4 लोग ही जा सकेंगे, जो गाड़ी के साथ जाएंगे। मूर्ति स्थापना के लिए निगम की अनुमति लेनी होगी।

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