कोरोना के दौर में जरूरत की खबर:जानिए अपने खून में ऑक्सीजन बढ़ाने के लिए क्या-क्या खाएं; कौन सा प्रोटीन शरीर के सभी अंगों में ऑक्सीजन पहुंचाता है
हार्वर्ड हेल्थ और अमेरिका के फूड एंड ड्रग ऐडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार शरीर में हीमोग्लोबिन की उचित मात्रा बनाए रखने के लिए कॉपर, आयरन, विटामिन ए, विटामिन बी2 (राइबोफ्लेविन), विटामिन बी3 (नियासिन), विटामिन बी5, विटामिन बी6, फॉलिक एसिड और विटामिन बी12 लेने जरूरी हैं। ऐसे में खाने में इन न्यूट्रिएंट्स के होने से हमारे खून में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ेगा।
कोरोना के इस दौर में बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ाने के साथ ही लोगों को अपने खून में ऑक्सीजन के अच्छे स्तर को बनाए रखने की चिंता है। तो सबसे पहले जानते हैं किस तरह से खून हमारे शरीर के अलग-अलग हिस्सों तक ऑक्सीजन पहुंचाता है।
हीमोग्लोबिन (Hb) हमारे खून के रेड ब्लड सेल्स (RBC) का वह प्रोटीन है जो फेफड़ों से शरीर के अंगों तक ऑक्सीजन (O2) ले जाता है और वहां से कार्बन डाईक्साइड (CO2) को वापस लाता है। अलग-अलग अंगों की कोशिकाओं में यही ऑक्सीजन एनर्जी बनाने के काम आती है। अब अगर आप शरीर में ऑक्सीजन की अच्छी मात्रा को बनाए रखना चाहते हैं तो ऐसा खाना खाएं जो आपके खून में हीमोग्लोबिन बढ़ा दे। डॉक्टरों की राय है कि पुरुषों के लिए करीब 13.5 ग्राम/डेसी लीटर और महिलाओं में 12 ग्राम/डेसी लीटर हीमोग्लोबिन होना जरूरी है।
हार्वर्ड हेल्थ और अमेरिका के फूड एंड ड्रग ऐडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार शरीर में हीमोग्लोबिन की उचित मात्रा बनाए रखने के लिए कॉपर, आयरन, विटामिन ए, विटामिन बी2 (राइबोफ्लेविन), विटामिन बी3 (नियासिन), विटामिन बी5, विटामिन बी6, फॉलिक एसिड और विटामिन बी12 लेने जरूरी हैं। ऐसे में खाने में इन न्यूट्रिएंट्स के होने से हमारे खून में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ेगा।
तो आइए जानते हैं कि क्या खाने से हमें ये सभी न्यूट्रिएंट्स मिलेंगे…
कॉपर
- करीब 90 ग्राम सीप यानी ओएस्टर में हमारी रोज की जरूरत का 245% कॉपर होता है।
- करीब 90 ग्राम केकड़े या टर्की में भी हमारी रोज की जरूरत का 30% कॉपर मिल जाता है।
- चॉकलेट, आलू, तिल, काजू, शिताके मशरूम में भरपूर मात्रा में कॉपर होता है।
- करीब 30 ग्राम चॉकलेट खाने भर से कॉपर की 45% तक जरूरत पूरी हो जाती है।
आयरन
- बकरा, बत्तख, मुर्गी और ओएस्टर में ऐसा आयरन होता है जो हमारा शरीर आसानी से सोख लेता है।
- करीब 180 ग्राम मांस में हमारी रोज की जरूरत का 52% आयरन मिल जाता है।
- बीन्स, गहरे हर रंग की पत्तेदार सब्जियां, दालें और मटर।
- वहीं एक कप दाल हमारी आयरन की 100% जरूरत को पूरा कर देती है।
विटामिन ए
- विटामिन ए आयरन की तरह ही होता है। यह ऑर्गन मीट (लीवर) और अंडों में भरपूर मात्रा में मिलता है।
- करीब 90 ग्राम मांस से हमारी रोजाना की जरूरत का 444% विटामिन ए मिल जाता है।
- शकरकंद, गाजर, लौकी, आम और पालक में बीटा कैरोटीन के रूप में विटामिन ए मौजूद रहता है।
- वनीला आइसक्रीम भी विटामिन ए का सोर्स है।
- आधा कप गाजर हमारी रोज की जरूरत का 184% विटामिन ए दे देती है।
राइबोफ्लेविन
- अंडों, ऑर्गन मीट (किडनी और लिवर) और दूध में भरपूर राइबोफ्लेविन मिलता है।
- 90 ग्राम लीवर के मीट से रोज की जरूरत का 223% राइबोफ्लेविन मिल सकता है।
- ओट्स, दही, दूध, बादाम, पनीर, ब्रेड, छिलके समेत सेब, बीन्स, सूरजमुखी के बीज और टमाटर में भी राइबोफ्लेविन मिलता है।
विटामिन बी3
- यह विटामिन मांसाहार में भरपूर मात्रा में मिलता है। हालांकि यह अनाज, अखरोट, बीज और दूसरे शाकाहार में भी मिलता है।
- 90 ग्राम चिकन या टर्की से हमारी रोज की जरूरत का 50% विटामिन बी3 मिल जाता है।
- वहीं करीब एक कप चावल के जरिए भी 12-26% तक जरूरत पूरी की जा सकती है।
- भुने हुए आलू, रोस्टेड सूरजमुखी और लौकी के बीज, भुनी हुई मूंगफली से भी 8% से लेकर 26% तक नायसिन मिल जाता है।
विटामिन बी5
- ऑर्गन मीट (लीवर), चिकन, टूना मछली, अंडे जैसे मांसाहार में विटामिन बी5 भरपूर मात्रा में मिलता है।
- 90 ग्राम ऑर्गन मीट में हमारी रोज की जरूरत का 166% तक विटामिन बी5 मिल जाता है।
- मशरूम, सूरजमुखी के बीज, आलू, मूंगफली, एवाकाडो, ब्रोकली, ब्राउन राइस, ओट्स, पनीर आदि में 8% से लेकर 52% तक जरूरी विटामिन बी5 होता है।
विटामिन बी6 और बी9
- विटामिन बी6 और बी9 ऑर्गन मीट (लीवर), चिकन, टूना मछली के अलावा केले, पालक, एवाकाडो, ब्रसेल्स स्प्राउट्स आदि से हासिल किए जा सकते हैं।
- आमतौर पर शाकाहार में विटामिन बी12 नहीं पाया जाता है।
- हालांकि खास तरह के मशरूम जैसे ब्लैक ट्रम्पेट मशरूम, गोल्डन शानटरेल मशरूम में बी12 पाया जाता है।
- समुद्री सब्जी ग्रीन लावेर और पर्पल लावेर में भरपूर बी12 होता है।
शरीर में ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा बनाए रखने के लिए जरूरी न्यूट्रिएंट्स की मात्रा
न्यूट्रिएंट | मात्रा प्रतिदिन |
कॉपर | 2 मिलीग्राम |
आयरन | 18 मिलीग्राम |
विटामिन ए | 5000 इंटरनेशनल यूनिट्स |
विटामिन बी2 राइबोफ्लेविन |
1.7 मिलीग्राम |
विटामिन बी3 नियासिन |
20 मिलीग्राम |
विटामिन बी5 | 10 मिलीग्राम |
विटामिन बी6 | 2 मिलीग्राम |
विटामिन बी9 फोलिक एसिड |
400 माइक्रोग्राम |
विटामिन बी12 | 6 माइक्रोग्राम |
कोरोनाकाल में सर्वाधिक चिंता ऑक्सीजन की है:नाक से सांस लेने में नाइट्रिक ऑक्साइड बढ़ता है, कोरोना से लड़ाई में इसे संजीवनी माना जा रहा है
- दुनिया में अभी 11 रिसर्च ऐसे चल रहे हैं, जिनमें नाइट्रिक ऑक्साइड से कोविड का इलाज किया जा रहा है
- सांस लेते समय नाक फिल्टर का काम करती है। यह ऑक्सीजन को गर्म कर फेफड़ों के लिए बेहतर बनाती है
दुनिया में मशहूर किताब ‘ब्रीद : द न्यू साइंस ऑफ अ लॉस्ट आर्ट’ के लेखक जेम्स नेस्टर कहते हैं- नाक से सांस लेना सबसे बेहतर है। मुंह से सांस लेना यानी हवा में मौजूद सबकुछ अंदर खींच लेना है। नाक हवा को फिल्टर कर फेंफड़ों में भेजती है। नाक से सांस लेने से नाइट्रिक ऑक्साइड का इनटेक भी बढ़ता है।
आप इन आसान तरीकों से अपने शरीर के लिए जरूरी ऑक्सीजन को बेहतर बना सकते हैं
1. मुंह बंद करें, नाक से सांस लें
मुंह से सांस लेने से शरीर में ऑक्सीजन कंसंट्रेशन बिगड़ता है। इससे हाई ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारी और नींद खराब होती है। बावजूद इसके बड़ी संख्या में लोग मुंह से ज्यादा सांस लेते हैं।
ऐसे मिलेगा शरीर को फायदा
जब आप नाक से सांस लेते हैं तो नाक फिल्टर का काम करती है। यह ऑक्सीजन को गर्म और गीला करती है। यह फेफड़ों के लिए ज्यादा बेहतर होता है। नाक से सांस लेते समय नाइट्रिक ऑक्साइड का इनटेक बढ़ता है। यह एक ऐसा मॉलिक्यूल है, जिससे रक्त धमनियां खुलती हैं और शरीर में रक्त, ऑक्सीजन और दूसरे जरूरी न्यूट्रिएंट्स पहुंचते हैं।
2. धीरे-धीरे 5 सेकंड तक सांस लें
सांस को धीरे-धीरे लेना एक एक्सरसाइज है। आप नाक से 5 से 6 सेकंड तक सांस को धीरे-धीरे खींचे और फिर नाक से ही 5 से 6 सेकंड तक सांस को वापस छोड़ें। इससे आप भले ही सांस कम लेंगे लेकिन गहरी और अच्छी सांस लेंगे।
3. टेनिस बॉल से शरीर पर मसाज
सांस लेते समय गर्दन, कंधे, अपर चेस्ट और पीठ के हिस्से की मांसपेशियां सख्त हो जाती हैं। सांस लेने की प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है। इसे बेहतर बनाने के लिए आप कभी-कभी शरीर के ऊपरी भाग (चेस्ट) में टेनिस बॉल से मसाज कर सकते हैं।
बेहतर सांसों के लिए इनका भी ध्यान रखें
- कोशिश करें कि साइड करवट लेकर सोएं। सिर के नीचे और पैरों के बीच में तकिया लगाएं। इससे रीढ़ ज्यादा अलाइन रहेगी। बेहतर सांस आएगी।
- आपके भोजन में एंटीऑक्सीडेंट्स होने चाहिए। पालक, ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी और डार्क चॉकलेट्स जैसी चीजें खा सकते हैं।
- लाइफस्टाइल में बदलाव करें। अच्छा भोजन करें और वजन नियंत्रित करें। नियमित एक्सरसाइज करने पर जोर दें।
- शरीर के लिए नाक एक तरह से फिल्टर का काम करता है, जो सीधे साइनेटेट से कनेक्ट हाेता है। हवा का तापमान नियंत्रित करने के साथ ही शरीर में गर्म हाेकर सांसें जाती हैं, जाे फेफड़ाें के लिए जीवनदायनी है। नाक के बाल फिल्टर के ताैर पर हवा के साथ आने वाले माेटे कणाें काे राेककर रिफाइंड करते हैं। – डाॅ. नीरज गुप्ता, विभागाध्यक्ष, श्वास, टीबी चेस्ट विभाग, जेएलएन मेडिकल काॅलेज, अजमेर
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