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कोरोना और कूटनीति / चीन के खिलाफ अमेरिका समेत 8 देशों के सांसदों ने गठबंधन बनाया, कहा- यह देश मानवाधिकार और ग्लोबल ट्रेड के लिए खतरा

गठबंधन का मकसद चीन से जुड़े मुद्दों पर एक होकर रणनीति तैयार करना है इस गठबंधन में ब्रिटेन, जापान, ऑस्ट्रेलिया, नार्वे और ईयू के सांसद भी शामिल

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नई दिल्ली. दुनियाभर में वुहान शहर से कोरोनावायरस फैलने के कारण चीन अमेरिका समेत कई देशों के निशाने पर है। अब 8 देशों के वरिष्ठ सांसदों ने उसे घेरने के लिए शुक्रवार को एक गठबंधन बनाया। इन नेताओं का कहना है कि चीन मानवाधिकारों, ग्लोबल ट्रेड और सुरक्षा के लिए खतरा बनता जा रहा है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, अलायंस ने कहा है कि हमारा उद्देश्य चीन से जुड़े मुद्दों पर एक होकर सक्रिय और रणनीतिक तैयारी करना है।

इस गठबंधन में अमेरिका के रिपब्लिकन सीनेटर मार्को रुबियो और डेमोक्रेट बॉब मेनेन्डेज, जापान के पूर्व विदेश मंत्री जेन नाकातानी, यूरोपीय संसद में विदेशी मामलों की कमेटी के मेंबर मिरयम लेक्समैन और ब्रिटेन में कंजरवेटिव पार्टी के सांसद इयान डंकन स्मिथ शामिल हैं। इसके अलावा जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, स्वीडन और नार्वे के नेता भी गठबंधन के साथ हैं।

 

चीन दादागिरी वाला रवैया अपनाता है
जिन देशों के सांसदों ने गठबंधन बनाया, उनमें से कई देशों को चीन की महत्वाकांक्षाओं के चलते राजनीतिक और आर्थिक परिणाम झेलने पड़े हैं।

  • कनाडा में चीन की हुवेई टेक्नोलॉजी कंपनी का एक एग्जीक्यूटिव गिरफ्तार हुआ तो चीन ने 2 कनाडाई नागरिकों को बिना किसी टॉयल के हिरासत में ले लिया था।
  • नॉर्वे और चीन के कारोबारी रिश्ते 6 साल से बेपटरी हैं। नार्वे ने चीनी सरकार के आलोचक को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया तो चीन ने उसके साथ धीरे-धीरे ट्रेड कम कर दिया।
  • ऑस्ट्रेलिया ने जब कोविड-19 महामारी के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया तो चीन ने ऑस्ट्रेलियाई जौ पर नए टैरिफ लगाए। कुछ किस्म के मांस के आयात पर प्रतिबंध भी लगा दिए।

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