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कराची स्टॉक एक्सचेंज पर आतंकी हमला / ट्रेडिंग हॉल में घुसने से पहले बलूच लिबरेशन आर्मी के 4 आतंकी मारे गए; पुलिस अफसर समेत 5 लोगों की फायरिंग में मौत

सुरक्षाकर्मियों ने चारों आतंकियों को मार गिराया। सभी जिस गाड़ी से यहां पहुंचे थे, उसे कब्जे में ले लिया गया है। पुलिस के मुताबिक, कोई भी आतंकी ट्रेडिंग हॉल या एक्सचेंज की बिल्डिंग में दाखिल नहीं हो सका कराची स्टॉक एक्सचेंज पर हमला सोमवार सुबह कामकाज शुरू होने के ठीक बाद हुआ

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कराची. पाकिस्तान के कराची स्टॉक एक्सचेंज पर सोमवार सुबह आतंकियों ने हमला कर दिया। चार आतंकियों समेत कुल 9 लोग मारे गए। मारे गए लोगों में एक पुलिस इंसपेक्टर और चार सिक्योरिटी गार्ड्स भी शामिल हैं। सात लोग घायल हैं। चार की हालत गंभीर है।​​ आतंकियों ने एंट्रेंस गेट पर हैंड ग्रेनेड फेंका। वे अंदर घुसना चाहते थे, लेकिन ट्रेडिंग हॉल या बिल्डिंग में दाखिल होने में कामयाब नहीं हो सके। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में मरने वालों की संख्या 11 बताई गई है।

मीडिया के मुताबिक, हमले की जिम्मेदारी बलूच लिबरेशन आर्मी यानी बीएलए ने ली है। सोशल मीडिया पर कुछ ट्वीट्स में तीन आतंकियों का फोटो भी शेयर किया जा रहा है। दावा है कि हमले में यही आतंकी शामिल थे।

एक्सचेंज खुलते ही हमला
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कराची स्टॉक एक्सचेंज सुबह 10.30 बजे खुलता है। आम दिनों की तरह यह सोमवार को भी वक्त पर खुला। इसी दौरान पीठ पर बैग लटकाए चार आतंकियों ने मेन गेट पर हैंड ग्रेनेड फेंका। अफरातफरी का फायदा उठाकर वे अंदर घुसना चाहते थे, लेकिन सिक्योरिटी गार्ड्स ने उन्हें रोक लिया। पुलिस और रेंजर्स को सूचना दी गई। कुछ देर बाद इनकी टीम यहां पहुंची। एनकाउंटर में चारों आतंकी मारे गए। एक पुलिस इंस्पेक्टर और चार सिक्योरिटी गार्ड्स ने भी दम तोड़ दिया।

ट्रेडिंग हॉल तक नहीं पहुंच सके आतंकी

एक्सचेंज के डायरेक्टर फारुक खान ने कहा- सोमवार को यहां आम दिनों की तुलना में कम भीड़ थी। कोविड-19 के चलते ज्यादातर कर्मचारी घर से काम कर रहे हैं। आमतौर पर यहां करीब 6 हजार लोग होते हैं। आतंकियों को एंट्रेंस गेट पर रोकने की कोशिश की गई। सिर्फ एक ही चंद कदम आगे जा सका। कोई भी दहशतगर्द ट्रेडिंग हॉल या एक्सचेंज की बिल्डिंग में दाखिल नहीं हो सका। इस दौरान ट्रेडिंग जारी रही।

कराची स्टॉक एक्सचेंज पर हमले के बाद यहां जाने वाली सभी सड़कों को बंद कर दिया गया। इसी बिल्डिंग के करीब रेलवे कॉलोनी है। आतंकी इसी रास्ते से आए थे। 

पुलिस की तैनाती नहीं होती
जानकारी के मुताबिक, कराची स्टॉक एक्सचेंज में पुलिस की तैनाती नहीं है। यहां की सिक्योरिटी का जिम्मा प्राइवेट कंपनी के पास है। जियो न्यूज चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक, खुफिया विभाग को कुछ दिन पहले पुख्ता खबर मिली थी कि कराची में आतंकी किसी बड़े हमले को अंजाम दे सकते हैं। इसके बावजूद यहां सिक्योरिटी के इंतजाम नहीं किए गए।

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कराची में हमला करने वाला 50 साल पुराना यह संगठन बलूचिस्तान की आजादी चाहता है, जिया उल हक ने इससे बातचीत शुरू कराई थी

  • यह फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है कि कराची में पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज पर हमला बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी यानी बीएलए के इन्हीं चार आतंकियों ने किया था। चारों को सुसाइड बॉम्बर भी बताया जा रहा है।यह फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है कि कराची में पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज पर हमला बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी यानी बीएलए के इन्हीं चार आतंकियों ने किया था। चारों को सुसाइड बॉम्बर भी बताया जा रहा है।
  • 1970 के आसपास पहली बार बलूच लिबरेशन आर्मी यानी बीएलए का गठन हुआ
  • बीएलए बलूचिस्तान में चीन के दखल का विरोधी, 2018 में चीनी कॉन्स्युलेट पर हमला किया था

कराची. पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज पर सोमवार को हुए हमले की जिम्मेदारी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने ली। 1970 में यह संगठन अलग बलूचिस्तान की प्रांत की मांग के समर्थन में बना था। जब इसका दायरा और प्रभाव बढ़ने लगा तो जनरल जिया उल हक की तानाशाह सरकार के दौर में इससे बातचीत भी हुई। लेकिन, मसला हल नहीं हुआ। साल 2000 में संगठन पर बलूचिस्तान हाईकोर्ट के जस्टिस नवाब मिरी का आरोप लगा। एक नेता गिरफ्तार हुआ।
इसके बाद से बीएलए पर पाकिस्तानी फौज और सरकार के संस्थानों पर हमले के आरोप लगते रहे हैं। अमेरिका ने पिछली साल इसे आतंकी संगठनों की सूची में डाल दिया था।

नेताओं की ट्रेनिंग मॉस्को में होने का दावा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बलूच आर्मी में करीब 6 हजार लड़ाके हैं। इनमें से दो हजार जंग की ट्रेनिंग हासिल कर चुके हैं। 2006 के बाद बीएलए पाकिस्तान की फौज और सरकार के लिए बहुत मुश्किल चुनौती बन गई है। इसके हमलों में सैकड़ों पाकिस्तानी फौजी मारे जा चुके हैं। फरवरी में तो एक ही हमले में 30 पाकिस्तानी फौजी मारे गए थे। दावा किया जाता है कि बीएलए के कुछ लड़ाकों को ट्रेनिंग रूस की पूर्व खुफिया एजेंसी केजीबी ने मॉस्को में दी। बाद में इन लोगों ने अपने साथियों को ट्रेंड किया।

दो कबीलों के लोग
बलूचिस्तान में दो मुख्य कबीले हैं। इन दोनों का ही बीएलए पर दबदबा है। ये हैं मारी और बुगती। हालात ये हैं कि कई इलाकों में इनके डर की वजह से पाकिस्तानी फौज जमीन पर नहीं उतरती। इसलिए हवाई हमले किए जाते हैं। हाल ही बीएलए ने पाकिस्तानी सेना की कई चेक पोस्ट पर कब्जा कर लिया। सैनिक भी मारे गए। इसके बाद हवाई हमले हुए।

चीन की भी मुश्किल
2004 में चीन ने बलूचिस्तान में पैर पसारना शुरू किया। बीएलए ने इसका विरोध किया। उसने चीन को सीपैक और ग्वादर पोर्ट जैसे प्रोजेक्ट्स का विरोध किया। बीएलए का कहना है कि चीन के साथ मिलकर पाकिस्तान उनकी संस्कृति को खत्म करना चाहता है। चीनियों के सुरक्षा देने के लिए पाकिस्तान के करीब 30 हजार सैनिक यहां तैनात किए गए हैं। 2018 में कराची में चीनी कॉन्स्युलेट पर हमले की जिम्मेदारी बीएलए ने ही ली थी।

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