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एसवाईएल मुद्दा:केंद्रीय मंत्री की मौजूदगी में पंजाब और हरियाणा के सीएम ने की चर्चा, मुद्दे को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ते हुए कैप्टन बोले- इससे सूबा अस्थिर होगा

एसवाईएल का सवाल ही नहीं : कैप्टन नहर बने, पानी पर हमारा भी हक: खट्‌टर

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विवादित एसवाईएल मुद्दे पर हरियाणा व केंद्र के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये हुई मीटिंग में भी पंजाब और हरियाणा के सीएम अपने-अपने रुख पर कायम रहे। जहां सीएम अमरिंदर ने कहा कि एसवाईएल का तो सवाल ही पैदा नहीं होता वहीं हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्‌टर ने कहा कि नहर निर्माण हो, पानी पर हरियाणा का भी हक है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हुई मीटिंग में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि जब तक पानी पर फैसला नहीं हो जाता तब तक नहर ही बना ली जाए।

अब दोनों मुख्यमंत्री अगले हफ्ते चंडीगढ़ में ही इस मुद्दे पर दोबारा चर्चा करेंगे। वहीं सीएम अमरिंदर सिंह ने इस मुद्दे को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ते हुए कहा कि अगर एसवाईएल पर आगे बढ़ने का फैसला किया तो पंजाब जलेगा और यह राष्ट्रीय समस्या बन जाएगी। जिससे हरियाणा और राजस्थान भी प्रभावित होंगे। उन्होंने पाक द्वारा एसजेएफ के जरिये अलगाववादी लहर बनाने की कोशिशों की तरफ इशारा करते हुए चेतावनी दी कि पानी का मुद्दा सूबे को अस्थिर कर देगा।

कैप्टन बोले- पंजाब को नहीं मिला यमुना का पानी

कैप्टन ने कहा, पंजाब का यमुना के पानी पर अधिकार था जो उन्हें राज्य के 1966 में हुए विभाजन के समय हरियाणा के साथ 60ः40 अनुपात के बंटवारे के अनुसार नहीं मिला। उन्होंने सुझाव दिया कि एस.वाई.एल. नहर एवं रावी ब्यास पानी के मुद्दे पर चर्चा के लिए राजस्थान को भी शामिल किया जाए क्योंकि वह भी एक हिस्सेदार है। पानी की उपलब्धता का सही अदालती आदेश लेने के लिए यह जरूरी है कि ट्रिब्यूनल बनाया जाए। इराडी कमीशन का बंटवारा 40 साल पुराना है जबकि अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार स्थिति का पता लगाने के लिए हर 25 सालों बाद समीक्षा करना जरूरी है।

हरियाणा के सीएम बोले-मैत्रीपूर्ण समाधान के रास्ते खुले

हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने कहा कि वार्ता खुले मन से हुई। सतलुज यमुना लिंक नहर का निर्माण शुरू हो। मैत्रीपूर्ण समाधान के लिए सभी रास्ते खुले हैं। दूसरे दौर की वार्ता के बाद सर्वोच्च न्यायालय को अवगत करवाया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा-विचार-विमर्श जारी रहे

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह ने कहा कि एसवाईएल नहर के निर्माण को पूरा किया जा सकता है और सिंचाई के लिए तैयार रखा जा सकता है। जबकि पानी के बंटवारे पर विचार-विमर्श जारी रहे और अंतिम फार्मूले का फैसला बाद में लिया जाए।

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