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इलेक्ट्रोहोम्योपैथी की मान्यता पर IDC कमेटी की मीटिंग के बाद एकता जरूरी

*ऑल इण्डिया इलेक्ट्रो होम्योपैथी फाउंडेशन* ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ *इलेक्ट्रो होम्योपैथी फाउंडेशन* मुंबई, हैदराबाद भोपाल, कोलकाता, दिल्ली, बठिंडा, जयपुर, चंडीगढ़, पटना, सहित 23 राज्यो में अपना संगठन फैला चुकी हैं। 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 *यह भारत सरकार द्वारा सम्बद्ध एवं मान्यता प्राप्त इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सक बन्धुओं का एक विशाल संगठन है। जिसका कार्यक्षेत्र संपूर्ण भारतवर्ष है, यह इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकत्सकों का सबसे तेज़ गति से बढ़ता संगठन है।* यदि आप इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के उत्थान के लिए सचमुच कार्यरत हैं, तो कृपया हमारे संस्था/ संगठन के लिए अपना योगदान देना सुनिश्चित करें।* *क्योंकि अब बिना संगठित हुये, इलेक्ट्रो होमियोपैथी की मान्यता असम्भव ही है। हर कदम पर बाधायें ही बाधायें हैं।इसलिए IMC की भांति, इलेक्ट्रो होम्योपैथी के चिकित्सकों का भी एक सशक्त संगठन होना, आज अनिवार्य है। देश भर में दर्जनो इलेक्ट्रो होम्योपैथी संगठन काम कर रहे हैं। सबका मक़सद एक है। इसलिए एक दूसरे की खिंचाई छोड़ Electro Homeyopathy मान्यता के लिए संघर्ष करें। *विभिन्न प्रदेशों में Electrohomeyopathy foundation संस्था अपने कार्य का विस्तार प्रारम्भ कर चुकी है।* *यदि आप गांव, शहर, ब्लाक, तहसील ,जिला एवं प्रदेश स्तर पर हमारे संगठन के पदाधिकारियों की नियुक्ति कर संस्था / संगठन को संचालित करना चाहते हैं।* *कृपया तत्काल हमारे व्हाट्सएप नम्बर 92262708508, 9324189507 पर अपना नाम व पता सहित बायोडाटा भेजें।* *इलेक्ट्रो होम्योपैथी फाउंडेशन*

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Electrohomoeopathy सिस्टम के मान्यता के प्रयास मे चल रही प्रक्रिया तेज हो चुकी है

Idc कमेटी की 11 जनवरी 2019 के बैठक मे idc कमिटी द्वारा स्पष्ट रूप से कहा गया है कि, किसी भी नयी चिकित्सापद्धती को मान्यता के लिये बनाये हुये मापदंड को पूरा कर के मान्यता दी जा सकती है!
इलेक्ट्रोपॅथी मान्यता के लिये चल रहे प्रयासों को देखते हुए 9 जनवरी 2018 की IDC कमेटी की पहली बैठक से लेकर 27 मे 2019 तक कुल चार मीटिंग हो चुकी है! इसके बाद अभी हुई 11जनवरी 2019 की 5 वी मिटिंग मे कमेटी की और से फायनल अल्टिमेटम दिया है!

करो या मरो की आर पार की लडाई शुरू हो चुकी है!

इस स्थिती मे अभी तक जॉइंट बॉडी की ओर से मांगे गये सात मापदंड मे से करीब चार मापदंड के उपर idc कमिटी की ओर से सहमती दर्शाई गई है !

लेकिन इस कमिटी की ओर से Comprehensive System of Health Care के रूप में कुछ चुने गिने डिसीजेस छोडकर हर प्रकार के डिसीजेस पर काश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक कुछ चिकित्सक द्वारा लिये, क्लिनिकल ट्रायल्स देने को कहा गया है!!

इन सभी क्लिनिकल ट्रायल्स मे हमे युनिफॉर्मलीटी( एकसमानता) होनी आवश्यक है! अभी तक दिये गये क्लिनिकल ट्रायल को भी idc ने देखा है लेकिन और ज्यादा संख्या मे जादा डिसीजेस के ऊपर और वो भी आयडीसी प्रोटोकॉल के अनुसार देने की आवश्यकता बताई गयी है!

इसके साथ ही हमारे pharmacopoeia या फार्मसी/ मेथोडोलॉजी के संदर्भ मे idc का कहना है कि इस विषय में एक ही फार्मसी को रखना जरुरी हैं ! अलग अलग फार्मसी की बाते बंद होनी चाहिए!

ऐसे मे जर्मन होमिओपॅथिक pharmacopoeia मे दिये गये मेथोडोलॉजी को कमिटी की और से माना गया है साथ ही इलेक्ट्रो होमिओपॅथी के वरिष्ठ संस्थाओ के अधिकारियों को भी बैठक मे बुला कर उनसे यह सहमती ली जा चुकी है,  GHP मे दिया हुआ Spagyric Formulation का हिस्सा इंडियन होमियोपैथी फार्माकॉपिया का हिस्सा नही है। ये बात होमिपॅथी वालो ने मान ली हैं!

यहां कंपाउंड फॉर्मूलेशन दिए है और होम्योपैथी के फाउंडर हनिमन साहब ने होमिओपॅथी मे सिंगल रेमेडी का प्रयोग बताया है!

इसलिये इस जीएचपी मे दिया हुआ Spagyric Compound formations / मेथोडोलॉजी का कोई होमिओपॅथी से संबंध नाहि हैं !! और अगर इलेक्ट्रोहोमिओपॅथी के लोग इसे अपना फार्मसी का दावा करते होंगे तो हमे उसमे कोई ऑब्जेक्शन नही है! ये भी idc द्वारा होमिओपथी के वरिष्ठ लोगो से क्लिअर कर लीया हैं !!

“होमिओ” शब्द और सिमिलिया से भी लेकरं उन्हे कुछ अब्जेक्शन नही है क्यूकि सिमिलिया यह नेचर्स लॉ है ! होमिओपॅथी मे हनिमन सहाब ने इसे अपनाया जरूर है, लेकिन इलेक्ट्रोहोमिओपॅथी मे भी काऊंट मॅटी सहाब ने इस को अलग ढंग से अपनाया है!

साथ ही होमिओपॅथी की इंवेन्शन या रिसर्च हेल्दी लोगों के ऊपर हो चुकी है! और इलेक्टरो होमिपॅथी की बिमार लोगो के ऊपर हुई हैं ! यह बहुत ही महत्त्वपूर्ण और युनिव्हर्सल डिफरन्स होमिओपॅथी और इलेक्ट्रोहोमिओपॅथी मे है!

इसको idc ने माना है इसलिये हम सभी जॉइंट प्रपोजलिस्ट सभी संस्था संघटन द्वारा भी मान लेना जरुरी है! और इस पर जादा बहस ना करते हुए अपनी अपनी खुद की अलग अलग फार्मसी को कमसे कम मान्यता होने तक छोड देना चाहिये!

क्युकी इस विषय में किसी के भी पास दुसरा कुछ भी विकल्प उपलब्ध नही है!

बडी विनम्रता के साथ के सभी को अनुरोध हैं, कि आयडीसी को इस विषय में ठीक Authentic सायंटिफिक डॉक्युमेंट की जरूरत है! और ओ सिर्फ जर्मन होमिओपॅथिक फार्मकॉपिया ही हो सकता है!!

इस रजिस्टर्ड मेथोडोलॉजी को पहलेही ड्रग्स अँड कॉस्मेटिक अॅट 1940/45 अनुसार ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया की ओर से भारत सरकारने माना है!!

ऐसा कोई भी दुसरा लीगल और सायंटिफिक Authentic dacument किसी के भी पास नही है! इसलिये इस विषय को idc ने जो समझा है उस पर आगे चला जाये।

सभी भूल भुलैया समाप्त किया जाये! अब हमे बाकी बची हुई बातो पे ध्यान देना अनिवार्य है क्यूंकि आयडीसी की तरफ से लास्ट अल्टिमेटम दिया जा चुका है! Idc कमिटी की ओर से सूचित किया गया है कि अगले पाच सात महिने मे अपने बाकी दिये गये काम के ऊपर ध्यान दे! उसके साथ ही idc कमिटी ने सूचित किया हैं की देश के unrecognised सिस्टम का एज्युकेशन और प्रॅक्टिस पर ज लद ही प्रतिबंध जारी करने ही का प्रबंध हो चुका है!

इसमे कोई भी हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट से राहत नही पा सकता है !क्यूकी इस पर भारत सरकारने पिछले पचास साल मे इलेक्ट्रो होमिओपॅथी की मान्यता के बारे मे तीन बार कमेटीया बनाकर मान्यता के ऊपर कोशिश की है !

और फिर चौथी बार idc कमेटी पिछले तीन साल से पर्याप्त समय देकर सिस्टम की एक्जामिनेशन कर रही है।

कोई भी हेल्थ सिस्टम का प्रभाव सीधा पब्लिक हेल्थ से जुडा होने की वजह से इस पर सक्त कानून लाने का अधिकार सिर्फ सरकार को है !

इसे अच्छी तरह से हम सभी समझे और आगे के प्रयास किये जाये। Idc कमेटी ने ये भी समझा है कि अपनी सिस्टम से किसी को भी हानी पहुची नाहि हैं

इसलिये आज तक प्रॅक्टिस जारी रखा हुआ है,लेकिन फिर भी इस सिस्टम को सभी सूक्ष्म रूप से परखा जाने के बाद ही सिस्टम पब्लिक हेल्थ के लिए सुरक्षित या बेहतर है या नही इस्का फैसला हो सकता है!

इसलिये हमे बाकी दिये हुये आवश्यक काम करके idc कमेटी को देना जरुरी है इसमे idc कमेटी को सबसे नंबर वन चाहिये सिस्टम का फार्मकॉपिया इस विषय में पूरे विश्व में गव्हर्मेंट रजिस्टर् pharmacopaio तो नही हैं !लेकिन जिस जर्मन होमिओपॅथिक फार्मकोपिया GHP मे रजिस्टर कंपाउंड formulations का हिस्सा है उस पर पुरा काम करके इस विषय में कुछ आईडीसी के विशेष सहयोग से स्टँडर्डायजेशन ऑफ Spagyric Formulations / drugs सायंटिफिक तरीके से इस्टॅब्लिश करके अच्छी तरह व्हिडिओ ग्राफी कराके जो टेस्टिंग की जरुरत होगी उसी को पूरी करके जमा करनी होगी!

इसके साथ ही अभी तक जमा कीये गये शेकडो बुक रेफरन्स के साथ ओरिजनल बुक्स की फिजिकल कॉपिज भी जमा करनी जरूरी है !

और सबसे जरुरी चीजे है कि इंडेक्स जर्नल्स , रेपुटेड डाटाबेस, pubmed Scopus, वेब सायन्सेस Regarding Authenticity ऑफ द ट्रीटमेंट ऑफ डिसीज देनी होगी !

अभी तक हमने दिये रिसर्च पेपर से उपर जाकर इंटरनॅशनल स्टॅंडर्ड वाले मेडिकल जनरल पेपर्स भी देने होंगे. अभी तक हमसे कम संख्या मे पहले भी दी जा चुकी है! लेकिन फिर सभी बातों पर जायदा मात्रा में और idc के प्रोटोकॉल अनुसार देना अनिवार्य बताया गया है!

इसके लिए idc के कुछ सदस्य हमे मार्गदर्शन भी देंगे साथ ही दुनिया भर के एक्सपर्ट्स लोगों के गाईडलाईन्स के अंदर उनको हायर करके भी हम दे सकते है !

अपनी लडाई जीतने के लिए जिन चीजो की सख्त जरूरत है वो सभी हम दे सकते हैं ! और 100% हमारी सिस्टम की मान्यता हो सकती हैं !!लेकीन इसलिये सिर्फ और सिर्फ लगेगा पैसा (फंड) इस विषय मे सभी का योगदान अपेक्षित है!

11 जनवरी की मीटिंग सिर्फ idc सदस्यों की ही होनी थी लेकिन कुछ आखरी समय में जॉईंट प्रपोजलिस्ट की ओर से डॉ. के डी तिवारी,डॉ, अजित सिंग, डॉ. सतीश जगदाळे, डॉ.कपिल सिंह इन्होंने दिल्ली के आईबीएस हॉटेल के कॉन्फरन्स रूम से इसमे व्हिडिओ कॉन्फरन्स की माध्यम से हिस्सा लिया था इस विषय में सभी जॉइंट प्रपोजल लिस्ट एक मीटिंग आयोजित करके जॉईंट बॉडी के नाम से 5/7 लोग इसके आगे अपनी ओर से idc को रिप्रेजेट करेंगे क्यूकि अपने जादा लोगों से आज तक बहुत सारे कन्फ्युजन और विविधता IDC की सामने जा चुकी है!

आगे की पूरी प्रक्रिया में ऐसा हुआ तो वक्त की बरबादी हो सकती है इस विषय की सोच के साथ काम की जरुरत है! जॉईंट बॉडी के बाकी सदस्य भी ईसमे पूरी नियोजन के साथ काम करना जरुरी होगा! नही तो आपसी फाइट करते-करते गाडी निकल जायेगी! और फिर सबको रोना पडेगा!!

🙏

*धन्यवाद।*
🌹🙏🏻😊
डॉ. परमिंदर एस पांडेय, मुम्बई
9324189507
डॉ. प्रो. हरविंद्र सिंह, पंजाब 9041222271
डॉ. दिनेश सी. श्रीवास्तव, भोपाल
9424670824

Electro homoeopathic foundation of India is in

🙏
डॉ. रितेश श्रीवास्तव
बठिंडा पंजाब, 9216000037

 

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