आम आदमी को मिलेगी राहत!:मोराटोरियम बढ़ाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगी फैसला, ब्याज माफी मामले पर भी होगी सुनवाई
लोन मोराटोरियम की अवधि बढ़ाने की मांग वाले दो याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच सुनवाई कर रही है केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा- 2 साल तक के लिए लोन मोराटोरियम बढ़ाया जा सकता है सुप्रीम कोर्ट में 6 महीने की मोराटोरियम अवधि की ब्याज माफी को लेकर भी याचिका दायर की गई है
मोराटोरियम बढ़ाने की मांग कर रही आम जनता और कॉरपोरेट के लिए सुप्रीम कोर्ट से आज अच्छी खबर आ सकती है। इस मामले को लेकर आज कोर्ट में सुनवाई होनी है। इसस पहले मंगलवार को सुनवाई टल गई थी। केंद्र सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि लोन मोराटोरियम की सुविधा को 2 साल तक के लिए बढ़ाया जा सकता है।
लोन मोराटोरियम की अवधि बढ़ाने की मांग वाले दो याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच सुनवाई कर रही है। मंगलवार को केंद्र सरकार की ओर से बेंच के सामने पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि लोन मोराटोरियम को दो साल तक के लिए बढ़ाया जा सकता है। केंद्र सरकार की ओर से मोराटोरियम मामले को लेकर सोमवार को ही हलफनामा जमा कर दिया गया है। इस पर बेंच ने कहा कि उसे अभी हलफनामा नहीं मिला है। इसके बाद बेंच ने मामले की सुनवाई स्थगित कर दी थी।
ब्याज माफी मामले पर सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में 6 महीने की मोराटोरियम अवधि की ब्याज माफी को लेकर भी याचिका दायर की गई है। इस मामले की सुनवाई भी जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली बेंच कर रही है। इस मामले में भी बेंच ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। मंगलवार को इस मामले में कोई सुनवाई नहीं हुई।
31 अगस्त को खत्म हुई है लोन मोराटोरियम की सुविधा
कोरोना संक्रमण के आर्थिक असर को देखते हुए आरबीआई ने मार्च में तीन महीने के लिए मोराटोरियम सुविधा दी थी। यह सुविधा 1 मार्च से 31 मई तक तीन महीने के लिए लागू की गई थी। बाद में आरबीआई ने इसे तीन महीनों के लिए और बढ़ाते हुए 31 अगस्त तक के लिए कर दिया था। यानी कुल 6 महीने की मोराटोरियम सुविधा दी गई है। 31 अगस्त को यह सुविधा खत्म हो गई है।
क्या है मोराटोरियम?
जब किसी प्राकृतिक या अन्य आपदा के कारण कर्ज लेने वालों की वित्तीय हालात खराब हो जाती है तो कर्ज देने वालों की ओर से भुगतान में कुछ समय के लिए मोहलत दी जाती है। कोरोना संकट के कारण देश में भी लॉकडाउन लगाया गया था। इस कारण बड़ी संख्या में लोगों के सामने रोजगार का संकट पैदा हो गया था। इस संकट से निपटने के लिए आरबीआई ने 6 महीने के मोराटोरियम की सुविधा दी थी। इस अवधि के दौरान सभी प्रकार के लोन लेने वालों को किस्त का भुगतान करने की मोहलत मिल गई थी।
मोराटोरियम नहीं बढ़ा तो सितंबर से देनी होगी लोन की किस्त
आरबीआई की ओर से दी गई मोराटोरियम सुविधा 31 अगस्त को समाप्त हो गई है। अब इसकी अवधि बढ़ाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट पर सबकी निगाहें हैं। यदि सुप्रीम कोर्ट की ओर से मोराटोरियम की अवधि नहीं बढ़ाई जाती है तो इस सुविधा का लाभ लेने वाले सभी लोगों को सितंबर से अपने लोन की किस्त का भुगतान करना होगा। हालांकि, कई बैंकरों ने आरबीआई से मोराटोरियम नहीं बढ़ाने की अपील की है।