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आइए आपका इंतजार था / पंजाब से 3.50 लाख प्रवासी मजदूर ट्रेनों के जरिए गए थे अपने घर, लेकिन अब वापस आ रहे

मजदूरों को लाने के लिए किसान भेज रहे बसें, वाहका चौकी के जमींदार के पास बरेली से आए 25 मजदूर मजदूर बोले-घर पहुंचने पर कोई काम न होने से घर चलाना मुश्किल हो गया था; इसलिए मालिकों को फोन कर बुलाने को कहा

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आइए आपका इंतजार था / पंजाब से 3.50 लाख प्रवासी मजदूर ट्रेनों के जरिए गए थे अपने घर, लेकिन अब वापस आ रहे

  • मजदूरों को लाने के लिए किसान भेज रहे बसें, वाहका चौकी के जमींदार के पास बरेली से आए 25 मजदूर
  • मजदूर बोले-घर पहुंचने पर कोई काम न होने से घर चलाना मुश्किल हो गया था; इसलिए मालिकों को फोन कर बुलाने को कहा

दैनिक भास्कर

Jun 08, 2020, 07:19 AM IST

फिरोजपुर. कोरोनावायरस से बचाव को लेकर प्रदेशभर में जारी लॉकडाउन के बीच प्रदेश सरकार की ओर से प्रवासी मजदूरों को उनके घरों को भेजे जाने के बाद अब मजदूर अपने राज्यों में पहुंचने के बाद और अधिक मुसीबतों का सामना कर रहे हैं।

अपने प्रदेश लौटे मजदूर अपने जमींदारों को अपने पास वापस लेकर जाने को कह रहे हैं क्योंकि वहां जाने के बाद उनके पास न तो कोई काम बचा है और न ही खाने को पैसा है। इसी के चलते घरों को लौटे प्रवासी मजदूरों की ओर से जमींदारों को कहने पर अब जमींदार अपने खर्च पर मजदूरों को बिहार, यूपी व अन्य प्रदेशों से वापस लेने के लिए जा रहे हैं।

इसी के चलते बॉर्डर एरिया के गांव वाहका चौकी के जमींदारों की ओर से बस भेजकर बरेली यूपी से 25 मजदूरों को धान की रोपाई के लिए अपने खेतों में लाया गया है तो वहीं बस्ती राम लाल व बस्ती वकीलां वाली के जमींदार प्रवासी मजूदरों को लाने के बसें बिहार के लिए भेज चुके हैं।

प्रदेश सरकार की ओर से पंजाब से करीब 3.50 लाख प्रवासी मजदूरों को ट्रेनों के माध्यम से उनके घरों तक भेजा गया। सरकार की ओर से मजदूरों को उनके घरों को भेजे जाने से सबसे ज्यादा परेशानी किसानों को उठानी पड़ रही है। मजदूरों के घरों को लौट जाने से किसानों को धान की रोपाई में सबसे बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है।

किसान अभी इस दुविधा में ही थे कि इस बार वह धान की रोपाई कैसे करेंगें मगर इसी बीच विभिन्न प्रदेशों में अपने घरों को लौटे मजदूरों के किसानों को फोन आने लगे कि वह घर पहुंचने के बाद बहुत परेशान हो गए हैं वह उनके पास आकर काम करना चाहते हैं धान की रोपाई करना चाहते हैं इसलिए वह किसी तरह उन्हें वहां से ले जाएं।

धान की रोपाई करेंगे मजदूर – रेट यह होगा

  • इस बार धान की रोपाई का रेट 3000 से 4000 रुपए प्रति एकड़ होगा।
  • गत वर्ष प्रति एकड़ 2200 रुपए था।

किसान बोले

इस बार उन्हें प्रति एकड़ 1000 से 1500 रुपए प्रति एकड़ अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ेगा क्योंकि किसानों को मजदूरों को उनके प्रदेशों में जाकर लेकर आना पड़ रहा है उसपर भी किसानों का खर्च हो रहा है। जितनी लेबर उन्होंने बुलाई है, उन्हें रहने का स्थान मुहैया करवाया जाएगा। धान रोपाई को लेकर काफी दिक्कत थी अब परेशानी दूर हो गई।

किसानों को थी चिंता-प्रवासी मजदूर चले गए धान की रोपाई कैसे होगी, अब समस्या दूर हो गई

बरेली से 25 मजदूरों को अपने गांव में लेकर आए गांव वाहका चौकी के सरंपच राजबीर सिंह ने कहा कि उसकी खुद की 50 एकड़ भूमि है। इसके अलावा उनके भाई व अन्य रिश्तेदारों सहित कुल 250 एकड़ भूमि है। मजदूरों की ओर से लगातार फोन किए जाने के बाद उन्होंने ऑनलाइन पास अप्लाई करवा मजूदरों के पहचान पत्र व मेडिकल इत्यादि करवाने के बाद बरेली से 25 लोग लेबर के मंगवाएं है।

सरकार पहले ही मजदूरों को संभाल लेती तो परेशानी न होती

किसानों ने कहा कि अगर प्रदेश सरकार उस वक्त मजदूरों को संभाल लेती तो आज लेबर की यह परेशानी नहीं होती। जहां किसान को धान की रोपाई करवाने में भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।

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