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अमरिंदर और सुखबीर में नई जुबानी जंग, केंद्र के कृ‍षि अध्‍यादेश पर अब दोनों आमने-सामने

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केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि अध्यादेशों के खिलाफ पहले समान स्‍टैंड का दावा करने वाले सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह और शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल में अब इस मुद्दे पर जंग छिड़ गई है। सुखबीर बदाले ने खुलासा किया है कि इस मुद्दे पर हुई सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से तकरार भी हुई थी। उन्‍होंने कहा कि इस मामले में सहमति की बात करने में मुख्‍यमंत्री ने तथ्‍यों को तोड़मोड़ कर पेश किया। दूसरी ओर, सीएम कैप्‍टन अमरिंदर ने कहा कि सुखबी बादल दोहरा स्‍टैंड अपना रहे हैं।

सुखबीर बादल ने यहां पत्रकारों से बातचीत में सर्वदलीय बैठक की वीडियो रिकॉर्डिंग पेश करते हुए कहा कि उन्होंने कांग्रेस सरकार द्वारा इन अध्यादेशों के विरोध में बैठक में लाए गए प्रस्ताव पर अपना बिंदुवार पक्ष सबके सामने रखा था। मुख्यमंत्री ने प्रेस विज्ञप्ति में तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करके उनका विश्वास तोड़ा है जोकि एक घटिया राजनीतिक हरकत है।

केंद्र से कृषि अध्यादेशों पर सर्वदलीय बैठक में कैप्टन व सुखबीर में हुई थी तकरार

दोनों में तकरार तब हुई जब सुखबीर ने कैप्टन से पूछा कि आपने स्वयं वर्ष 2017 में एपीएमसी एक्ट में संशोधन करके निजी मंडियों के लिए रास्ता खोला है। अब इस अध्यादेश का आप विरोध करके भ्रम फैला रहे हो कि फसलों पर  एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) बंद हो जाएगी। इस पर कैप्टन ने कहा, हमारी सरकार है हमने कर लिया, आपकी सरकार आएगी तो आप कर लेना।

सुखबीर ने कहा कि कैप्टन सरकार ने बैठक के बाद मनमाने तरीके से प्रेस विज्ञप्ति मीडिया को जारी की है। अकाली दल केंद्र सरकार द्वारा कृषि सुधारों के लिए लाए गए तीनों अध्यादेशों के समर्थन में है, जबकि पंजाब सरकार ने प्रेस विज्ञप्ति में भाजपा के अलावा सभी दलों द्वारा इन अध्यादेशों को रद किए जाने की मांग करने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि इस बैठक के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री से बार-बार यह मांग की थी कि वे सर्वदलीय बैठक बुलाने के उद्देश्य को स्पष्ट करें क्योंकि पंजाब सरकार स्वयं एपीएमसी एक्ट में संशोधन कर चुकी है।

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