अनोखे शोध ने बताया, अपनी गैलेक्सी में और कितने हैं हमारे जैसे ‘बुद्धिमान जीवन’
नॉटिंघम यूनिवर्सिटी के एस्ट्रोफिजिक्स के प्रोफसर क्रिस्टोफर कोनसेलाइस ने कहा, “हमारी गैलेक्सी में ही कम से कम कुछ दर्जन सक्रिय सभ्यताएं होना चाहिए अगर यह मानकर चला जाए कि किसी ग्रह पर बुद्धिमान जीवन पनपने के लिए 5 अरब साल का समय लगता है.
हमारे ब्रह्माण्ड में कितनी जगह जीवन होगा, और वह भी बुद्धिमान जीवन, यह पता लगाना बहुत ही मुश्किल काम है. हाल ही में एस्ट्रोफिजिक्स जर्नल में प्रकाशित नॉटिंघम यूनिवर्सटी के शोधकर्ताओं का एक शोध प्रकाशित हुआ है जिसमें उन्होंने एक अलग ही तरह का तरीका अपनाया है. उन्होंने इस पूर्वकल्पना का उपयोग किया कि अगर दूसरे ग्रहों पर भी बुद्धिमान जीवन का विकास हुआ होगा तो वह पृथ्वी के जैसे ही हुआ होगा. इसके आधार पर उन्होंने गणना करते हुए अनुमान लगाया कि हमारी गैलेक्सी मिल्की वे में ही कितनी बुद्धिमान जीवन वाली सभ्यताएं होंगीं. उनकी गणना के अनुसार हमारी ही गैलेक्सी में कम से कम 30 सक्रिय संचार करने वाले बुद्धिमान सभ्यताओं का अस्तित्व होना चाहिए.
विकास के विचार, लेकिन अंतरिक्षीय पैमाने पर
अपने अध्ययन को समझाते हुए नॉटिंघम यूनिवर्सिटी के एस्ट्रोफिजिक्स के प्रोफसर क्रिस्टोफर कोनसेलाइस ने कहा, “हमारी गैलेक्सी में ही कम से कम कुछ दर्जन सक्रिय सभ्यताएं होना चाहिए अगर यह मानकर चला जाए कि किसी ग्रह पर बुद्धिमान जीवन पनपने के लिए 5 अरब साल का समय लगता है. कोन्सलाइस के अनुसार यह विचार उद्भव (Evolution) पर आधारित है, लेकिन अंतरिक्षीय पैमाने पर है. हम इस गणना को एस्ट्रोबायोलॉजिकल कॉपरनिकन लिमिट कहते हैं.
हमारी गैलेक्सी में अगर कहीं और जीवन हुआ तो वह कम से कम 17 हजार प्रकाश वर्ष दूर होगा. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
कैसे निकाली संख्या
वेस्टबे ने आगे बताया, “दो एस्ट्रोबायोलॉजिकल कॉपरनिकन लिमिट बुद्धिमान जीवन के दो रूप हैं जो पृथ्वी की तरह अस्तित्व में आए लेकिन या तो 5 अरब साल पहले या 5 अरब साल बाद. जहां सूर्य के जितनी धातु मौजूद है, हमने गणन करके पाया कि खुद हमारी है गैलेक्सी में करीब 36 सक्रिय सभ्यताएं होनी चाहिए.” उल्लेखनीय है कि हमारा सूर्य भी धातुओं से समृद्ध है.
क्या है तकनीक की भूमिका
अध्ययन में बताया गया कि सभ्यताओं की संख्या इस बात पर ज्यादा निर्भर करती हैं के वे कैसे ब्रह्माण्ड में अपने अस्तित्व के संकेत भेजती हैं, जैसे की सैटेलाइट से रेडियो, टेलीविजन प्रसारण आदि.अगर दूसरी तकनीकी वाली सभ्यताएं उतनी ही लंबी चलीं , जैसी हमारी सभ्यता करीब 100 साल पुरानी है, तो इस हिसाब से हमारी पूरी गैलेक्सी में करीब 36 बुद्धिमान तकनीकी सभ्यताएं चल रही होंगी.
कितनी दूर हो सकती है ये सभ्यताएं
इन सभ्यताओं के बीच की औसत दूरी करीब 17 हजार प्रकाशवर्ष होनी चाहिए जिसकी वजह से उनके संचार को पकड़ना हमारी आज की तकनीक के लिए बहुत मुश्किल होना चाहिए. यह भी हो सकता है कि अब हमारी गैलेक्सी में केवल हम ही बचे हों लेकिन यह तब होगा जब हमारी सभ्यता ही ज्यादा लंबी न चल सके.
हम एक तरह से ब्रह्माण्ड में अपना ही भविष्य ढूंढ रहे हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
प्रोफेसर कॉन्सेलाइस ने आगे बताया, “हमारा शोध बताता है कि सुदूर सभ्यताओं की खोज से न केवल हमें यह पता चलेगा कि जीवन कैसे बनता है, बल्कि यह भी पता चलेगा कि हमारी खुद की सभ्यता कब तक रह पाएगी. अगर हम अपने से मिलती जुलती सभ्यता के बारे पता लगा सके, तो हो सकता है कि हम लंबे समय तक अस्तित्व में रहें लेकिन अगर गैलेक्सी में कोई सक्रिय सभ्यता नहीं हुई तो यह हमारे लिए एक खराब संकेत होगा. एक तरह से हम अपना ही भविष्य और अंजाम ढूंढ रहे हैं.