स्पेस टूरिज्म में सबसे बड़ी उड़ान:वर्जिन ग्रुप के फाउंडर ब्रैन्सन आज अंतरिक्ष की सैर पर जाएंगे, भारत की सिरिशा भी होंगी साथ
ब्रिटिश कारोबारी रिचर्ड ब्रैन्सन रविवार को अंतरिक्ष की सैर पर जाएंगे। अगर यह उड़ान कामयाब रही तो उनकी कंपनी वर्जिन अंतरिक्ष के लिए कॉमर्शियल टूर शुरू करने की ओर सबसे बड़ा पड़ाव पार कर लेगी। रिचर्ड बतौर मिशन स्पेशलिस्ट स्पेसशिप-2 यूनिटी से जुड़ेंगे। उनके साथ भारत की बेटी सिरिशा बांदला समेत 5 और लोग उड़ान भरेंगे। सिरिशा इस मिशन के बाद अंतरिक्ष में जाने वाली कल्पना चावला के बाद भारत में जन्मीं दूसरी महिला बन जाएंगी। 34 साल की सिरिशा एयरोनॉटिकल इंजीनियर हैं।
उनके इस सफर को देखने के लिए एलन मस्क भी मौजूद रह सकते हैं। मस्क टेस्ला के CEO हैं और उनकी कंपनी स्पेसएक्स स्पेस टूरिज्म की बड़ी खिलाड़ी बनने की कोशिशों में जुटी है। मस्क ने ब्रैन्सन को इस ऐतिहासिक यात्रा के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वह उनकी उड़ान देखने के लिए न्यू मैक्सिको में लॉन्च साइट पर मौजूद रहेंगे।
इस महीने स्पेस टूरिज्म में 2 और बड़ी घटनाएं होंगी
इस महीने स्पेस टूरिज्म की दुनिया में 2 और बड़ी बातें होने वाली हैं। ब्रैन्सन के बाद 20 जुलाई को अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस ‘एज ऑफ स्पेस’ यानी अंतरिक्ष के सिरे की यात्रा के लिए उड़ान भरेंगे। वहीं, महीने के आखिर में बोइंग अपने स्काइलाइनर की टेस्ट फ्लाइट उड़ाने वाला है।
अब तक बिना क्रू के मिशन कामयाब रहे
ब्रैन्सन की वर्जिन स्पेस शिप (VSS) यूनिटी स्पेसप्लेन की कामयाब फ्लाइट पृथ्वी की कक्षा के भीतर यानी सबऑर्बिटल टूरिज्म के नए रास्ते खोलेगी। बेजोस और बोइंग की फ्लाइट्स भी सफल रहीं तो एज ऑफ स्पेस यानी अंतरिक्ष के सिरे तक प्राइवेट कॉमर्शियल स्पेस ट्रेवल का मार्केट भी तेजी से बढ़ेगा। अब तक बिना क्रू के मिशन सफल रहे हैं। ब्रैन्सन की वर्जिन गैलेक्टिक, बेजोस की ब्लू ओरिजिन के साथ ही एलन मस्क की स्पेसएक्स और बोइंग भी स्पेस टूरिज्म के क्षेत्र में कदम आगे बढ़ा रही हैं।
एयरप्लेन में ऊपर जाएंगे और फिर उससे रॉकेट अलग होगा
कबः 11 जुलाई, रविवार
समयः शाम 6 बजे (भारतीय समयानुसार)
कहां सेः स्पेसपोर्ट अमेरिका, न्यू मैक्सिको
फ्लाइट की अवधिः 2.5 घंटे
कितना ऊपर जाएगा: 90-100 किमी
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90-100 किमी की ऊंचाई तक जाएगा रॉकेट
VSS यूनिटी की यह 22वीं फ्लाइट है। पर वह किसी रॉकेट का हिस्सा नहीं है बल्कि कंपनी के प्लेन वीएमएस ईव (VMS Eve) पर सवार होकर स्पेसपोर्ट अमेरिका से उड़ान भरेगा। करीब 15 किमी ऊपर जाने के बाद यूनिटी स्पेसक्राफ्ट अलग होगा और उसका रॉकेट इंजन मैक-3 (यानी 3704.4 किमी/घंटा) की रफ्तार पकड़ेगा।
इसके बाद VSS यूनिटी अपने रॉकेट से करीब 90-100 किमी की ऊंचाई तक जाएगा। उस समय ब्रैन्सन समेत अन्य यात्रियों को करीब 4 मिनट वेटलेसनेस महसूस होगी। यहां से पृथ्वी गोल नजर आएगी। यानी उसका कर्वेचर दिखाई देगा। इसके बाद यह पृथ्वी पर लौटेगा और स्पेसपोर्ट के रनवे पर उतरेगा।
2022 से कॉमर्शियल टूर शुरू होंगे
रिचर्ड ब्रैन्सन की अपनी कंपनी है वर्जिन गैलेक्टिक। इसने अब तक तीन बार एज ऑफ स्पेस तक की यात्रा की है। पर यह अब तक टेस्ट फ्लाइट्स ही थी। 25 जून को कंपनी को औपचारिक तौर पर लाइसेंस मिला है। यानी अब कंपनी आम लोगों को बेसिक ट्रेनिंग के बाद स्पेस तक ले जा सकती है। ब्रैन्सन की उड़ान को इसका ट्रायल कहा जा सकता है। ब्रैन्सन और बेजोस की कंपनियों को क्रू के साथ मिशन की अनुमति मिल चुकी है।
इसी वजह से ब्रैन्सन 11 जुलाई और बेजोस 20 जुलाई को अपनी कंपनियों के पहले मैन्ड-मिशन में साथ जाकर इतिहास रचने जा रहे हैं। ब्रैन्सन की कंपनी की तैयारी 2022 से हर हफ्ते लोगों को स्पेस तक ले जाने की है। इसके लिए वह 2.50 लाख डॉलर यानी करीब 1.90 करोड़ रुपए वसूलने की तैयारी में है। इसी आधार पर रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2030 तक स्पेस टूरिज्म मार्केट 3 बिलियन डॉलर, यानी करीब 26 हजार करोड़ रुपए का होने जा रहा है।
25 जून को मिला लाइसेंस
ब्रैन्सन खुद फ्लाइट में जा रहे हैं ताकि यह पता चल सके कि कितना वक्त लगेगा, टूरिस्ट का वेटलेसनेस का अनुभव कैसा रहेगा, इसे और बेहतर कैसे बनाया जा सकता है। इस वजह से उन्हें मिशन स्पेशलिस्ट यानी चालक दल का सदस्य कहा जा रहा है।
मजेदार बात यह है कि ब्रैन्सन का कोई प्लान था ही नहीं। हर तरफ बेजोस के स्पेस ट्रैवल की ही चर्चा थी। पर जब वर्जिन गैलेक्टिक को 25 जून को लाइसेंस मिल गया तो कंपनी ने 11 जुलाई के अपने मिशन की घोषणा कर दी। साफ है कि ब्रैन्सन स्पेस टूरिज्म की इस होड़ में बेजोस को पछाड़ना चाहते हैं।