संसदीय समिति के रडार पर डिजिटल मीडिया:थरूर की अगुआई वाली कमेटी ने गूगल, फेसबुक को समन भेजा; प्लेटफॉर्म के गलत इस्तेमाल पर होंगे सवाल
इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी ने गूगल और फेसबुक को समन भेजा है। दोनों डिजिटल मीडिया पर अपने प्लेटफॉर्म का गलत इस्तेमाल करने का आरोप है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अगुआई वाली स्टैंडिंग कमेटी गूगल-फेसबुक के अधिकारियों से इसी सिलसिले में सवाल करेगी।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, दोनों कंपनियों के अधिकारियों को मंगलवार को स्टैंडिंग कमेटी के सामने मौजूद रहने को कहा गया है। जनता के अधिकारों को सुरक्षित रखने और इन प्लेटफॉर्म के गलत इस्तेमाल की शिकायतों पर स्टैंडिंग कमेटी अधिकारियों का नजरिया जानना चाहती है।
10 दिन पहले ट्विटर के अधिकारी पेश हुए थे
देश में लागू नए आईटी कानूनों और सोशल मीडिया गाइडलाइंस के पालन को लेकर 10 दिन पहले ही ट्विटर के अधिकारी इस कमेटी के सामने पेश हुए थे। कमेटी ने ट्विटर से भी अपने प्लेटफॉर्म के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए सवाल किए थे। कमेटी ने ट्विटर से पूछा था कि क्या वह देश में लागू कानूनों का सम्मान करती है या नहीं। इसके अलावा कंटेंट को लेकर भी सवाल किए गए थे। इस पर ट्विटर ने कहा था कि हम अपनी पॉलिसी को फॉलो करते हैं।
ट्विटर ने कानून मंत्री को दिखाया था अमेरिकी कानून का डर
ट्विटर ने शुक्रवार को कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद का ट्विटर हैंडल एक घंटे के लिए ब्लॉक कर दिया था। ट्विटर ने रविशंकर प्रसाद के अकाउंट से पोस्ट किए गए कंटेंट को लेकर आपत्ति जाहिर की थी। अमेरिकी कॉपी राइट एक्ट का हवाला देते हुए कहा था कि अकाउंट को सस्पेंड भी किया जा सकता है। रविशंकर प्रसाद ने पहले देसी माइक्रोब्लॉगिंग और सोशल नेटवर्किंग साइट कू के जरिए और फिर ट्विटर के जरिए यह जानकारी शेयर की थी।
अकाउंट ब्लॉक करने को लेकर कमेटी ट्विटर से करेगी सवाल
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि उनके ट्विटर अकाउंट के साथ भी ऐसा हो चुका है। उन्होंने कहा कि पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी का अध्यक्ष होने के नाते मैं कह सकता हूं कि हम ट्विटर इंडिया से रविशंकर प्रसाद और मेरा अकाउंट लॉक करने और भारत में ऑपरेशन के दौरान उनकी ओर से पालन किए जाने वाले नियमों और प्रक्रियाओं के बारे में जवाब मांगेंगे।
ट्विटर और सरकार में जारी है तनाव
नए आईटी कानूनों को लेकर ट्विटर और सरकार के बीच तनाव जारी है। आईटी रूल्स का पालन करने में फेल होने पर ट्विटर भारत में अपनी थर्ड पार्टी कंटेंट के लिए मिली लीगल शील्ड को खो दिया है। यानी सरकार की तरफ से उसे कंटेंट को लेकर किसी तरह की सुरक्षा नहीं दी जाएगी। आसान शब्दों में कहा जाए तो अब ट्विटर के ऊपर आईपीसी की धाराओं के तहत कार्रवाई हो सकती है। इस स्थिति के लिए ट्विटर खुद ही जिम्मेदार है।
25 मई से भारत में नए IT नियम लागू हो चुके हैं। जिसे हर डिजिटल कंपनी को मानना है। नए नियमों के चलते सभी IT कंपनियों को कुछ अधिकारियों को भारत में अपॉइंट करना है, लेकिन ट्विटर ने गाइडलाइन को फॉलो नहीं की। सूत्रों के मुताबिक, इसके लिए कंपनी को अतिरिक्त समय और कई रिमाइंडर भी दिए गए थे।