पंजाब के नए CM का शपथ ग्रहण LIVE:पहले दलित मुख्यमंत्री चरणजीत ने दो डिप्टी सीएम रंधावा और सोनी के साथ शपथ ली; राहुल गांधी की वजह से शपथ ग्रहण में 22 मिनट देरी
विवादों से घिरे रहे हैं पंजाब के नए CM:महिला अफसर को मैसेज भेज MeToo आरोप में घिरे, टॉस के जरिए पोस्टिंग और हाथी की सवारी भी सुर्खियों में रही
पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने CM पद की शपथ ले ली है। उन्हें राज्यपाल बीएल पुरोहित ने पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। उन्हें 11 बजे शपथ दिलाई जानी थी लेकिन राहुल गांधी के इंतजार की वजह से शपथ ग्रहण में 22 मिनट की देरी हुई। राहुल गांधी भी चंडीगढ़ एयरपोर्ट पहुंचने के बाद राजभवन के लिए रवाना हो चुके हैं। चन्नी के साथ सुखजिंदर सिंह रंधावा और ओपी सोनी ने भी डिप्टी सीएम की शपथ ले ली है। रंधावा जट्ट सिख कम्युनिटी से हैं। वहीं, सोनी हिंदू नेता हैं। दूसरे डिप्टी सीएम के तौर पर पहले ब्रह्ममोहिंदरा का नाम घोषित किया गया था। हालांकि उनके कैप्टन के करीबी होने की वजह से अब उनकी जगह ओपी सोनी डिप्टी सीएम हो सकते हैं।
पंजाब के इतिहास में चन्नी पहले दलित मुख्यमंत्री हैं। पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू के समर्थन से चन्नी CM की कुर्सी पाने में कामयाब रहे। यह कुर्सी कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी।
शपथ के बाद मंत्रिमंडल पर नजर
चरणजीत चन्नी के शपथ लेने के बाद मंत्रिमंडल पर नजर रहेगी। चन्नी अब तक तकनीकी शिक्षा मंत्री रहे हैं। अब उनके पास कौन-सा मंत्रालय रहेगा। दो डिप्टी CM के पास कौन-सी जिम्मेदारी होगी। सबसे बड़ा सवाल यह कि अब कौन मंत्री बनेगा और कैप्टन सरकार के मंत्रियों में से किसका पत्ता कटेगा। चन्नी के CM बनने के बाद कांग्रेस दलित कार्ड खेल चुकी है। ऐसे में साधु सिंह धर्मसोत की वापसी मुश्किल हो गई है। उन पर दलित स्टूडेंट्स की पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप में घोटाले का आरोप है।
कांग्रेस का मास्टरस्ट्रोक
- पंजाब में 5 महीने बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में दलित वोट बैंक को साधने के लिए इसे कांग्रेस का मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा। पंजाब में 32% दलित आबादी है। 117 में से 34 सीटें रिजर्व हैं। वहीं चन्नी भले ही दलित नेता हैं, लेकिन सिख समाज से हैं। इस लिहाज से कांग्रेस को इसका बड़ा सियासी लाभ मिल सकता है। खासकर, दलित लैंड कहे जाने वाले पंजाब के दोआबा एरिया में कांग्रेस का दबदबा बढ़ सकता है।
- हिंदू नेता ब्रह्ममोहिंदरा को डिप्टी CM बनाने से कांग्रेस ने हिंदू वोट बैंक को भी साधने की कोशिश की है। यह इसलिए अहम है, क्योंकि हिंदू वोट बैंक हमेशा भाजपा के साथ जाता है। हालांकि कैप्टन की व्यक्तिगत छवि को देखते हुए उन्हें भी शहरों से इसका लाभ मिलता रहा।
- जट्ट सिख कम्युनिटी नाराज न हो, इसलिए सुखजिंदर रंधावा को डिप्टी CM बनाया जा रहा है। अब तक यही कम्युनिटी पंजाब को CM चेहरे देती रही है। यह वोट बैंक अकाली दल का माना जाता है। हालांकि 2017 में बेअदबी के मुद्दे पर यह छिटककर आम आदमी पार्टी की तरफ चला गया। रंधावा को मंत्रिमंडल गठित होने पर मजबूत प्रोफाइल दिया जा सकता है। इसके जरिए जट्ट सिख वोट बैंक में अपना शेयर सुनिश्चित किया जाएगा।
विरोधियों के लिए नई चुनौती
पंजाब में विरोधियों ने चुनाव के बाद जो वादे किए, वह कांग्रेस ने अभी पूरे कर दिए। BJP ने दलित CM कहा तो कांग्रेस ने चरणजीत चन्नी को बना दिया। अकाली दल ने एक हिंदू व एक दलित को डिप्टी CM बनाने की बात कही थी। कांग्रेस ने हिंदू व जट्ट सिख को डिप्टी सीएम बनाकर उसका तोड़ निकाल लिया। अब पंजाब में सरकार बनाने के लिए विरोधियों के आगे नई चुनौती पैदा हो गई हैं। अब जातीय ध्रुवीकरण के मुद्दे पर कांग्रेस के पास उनके लिए सटीक जवाब है।
पंजाब के नए सिख दलित CM चरणजीत सिंह चन्नी का विवादों से पुराना नाता रहा है। रविवार को उन्हें पंजाब का नया CM बनाने की घोषणा हुई, जिसके बाद पुराने विवाद और उनसे जुड़े चर्चित किस्से भी सामने आ गए। टॉस के जरिए पोस्टिंग देना हो या फिर एक महिला IAS अफसर को आपत्तिजनक मैसेज भेज MeToo मामले में फंसना, सारे किस्से सोशल मीडिया पर सुर्खियों में हैं। चन्नी का पंजाब विधानसभा में एक चर्चित बयान भी खूब शेयर हो रहा है, जिसमें चन्नी ने पंजाब विधानसभा में कैप्टन सरकार के विकास के बारे में पूछे जाने पर सड़कों के पैचवर्क की बात कह दी थी।
जानिए चन्नी से जुड़े विवाद
- टॉस उछालकर पोस्टिंग : चरणजीत चन्नी जब तकनीकी शिक्षा मंत्री थे तो 3 साल पहले पॉलिटेक्निक इंस्टिट्यूट में भर्ती की गई थी। लेक्चरर के दो आवेदक एक ही जगह पर पोस्टिंग चाहते थे। उस वक्त चन्नी ने टॉस किया और जिसका टेल आया, उसे मन मर्जी वाली जगह पोस्टिंग मिल गई।
- IAS अफसर को मैसेज : साल 2018 में चन्नी पर एक महिला IAS अफसर को आपत्तिजनक मैसेज भेजने का आरोप लगा। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चन्नी को माफी मांगने को कहा। कैप्टन ने कहा था कि इसके बाद मामला खत्म हो गया है। हालांकि इसी साल मई में अचानक यह मामला फिर उठा। पंजाब महिला आयोग की अध्यक्ष मनीषा गुलाटी ने चेतावनी दी कि चन्नी पर कार्रवाई न हुई तो वे अनशन पर बैठ जाएंगी।
- ग्रीन बेल्ट तोड़ सड़क बना दी : 2018 में चन्नी जब मंत्री बने तो ज्योतिषी की सलाह पर उन्होंने सरकारी घर का नक्शा बदल दिया। राजनीति में कामयाबी के लिए चन्नी ने चंडीगढ़ स्थित घर में एंट्री की दिशा पूर्व की तरफ कर दी। इसके लिए उन्होंने ग्रीन बेल्ट तुड़वाकर सड़क बनवा दी। हालांकि चंडीगढ़ प्रशासन ने फिर सड़क हटा ग्रीन बेल्ट बना दिया।
- हाथी की सवारी : राजनीति में कामयाबी के लिए चन्नी ने खरड़ स्थित अपने घर में हाथी की सवारी की। तब यह बात सामने आई कि किसी ज्योतिषी ने उन्हें कहा कि अगर वह ऐसा करते हैं तो पंजाब के CM बन सकते हैं।
- पैचवर्क का बयान : चन्नी कुछ वक्त पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे। उस वक्त अकाली-भाजपा सरकार थी। सुखबीर बादल डिप्टी सीएम थे। सुखबीर ने विधानसभा में चन्नी से पूछा कि वे 2002 से 2007 के बीच कैप्टन सरकार का एक विकास कार्य बताएं। इस पर चन्नी कह बैठे कि कैप्टन साहब ने पूरे पंजाब की सड़कों पर पैचवर्क कराएं हैं।
- Phd एंट्रेंस पास नहीं कर पाए : चन्नी ने 2017 में इंडियन नेशनल कांग्रेस पर Phd के लिए एंट्रेंस दिया था। उस वक्त यह आरोप लगा कि चन्नी को फायदा मिल सके, इसके लिए पंजाब यूनिवर्सिटी ने SC/ST उम्मीदवारों के लिए नियमों में छूट दी। हालांकि वे एंट्रेंस पास नहीं कर सके थे।
पंजाब कांग्रेस में नई बगावत शुरू:सिद्धू की अगुवाई में चुनाव लड़ने के रावत के बयान पर भड़के सुनील जाखड़; बोले- यह CM चन्नी को कमजोर करने की कोशिश
जिस कलह को खत्म करने के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह को CM की कुर्सी गंवानी पड़ी, वह अब फिर शुरु हो गई है। पंजाब कांग्रेस इंचार्ज हरीश रावत ने रविवार को कहा कि अगले चुनाव नवजोत सिद्धू की अगुवाई में लड़े जाएंगे। इस पर पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। जाखड़ ने कहा कि रावत का यह बयान हैरान करने वाला है। यह न सिर्फ मुख्यमंत्री के अधिकार को कमजोर करने की कोशिश है, बल्कि चरणजीत चन्नी के उनके CM पद पर नियुक्ति के अधिकार को भी खारिज करने की कोशिश है।
सुनील जाखड़ ने इस संबंध में किए एक पोस्ट के जरिए सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या पंजाब में दलित CM पार्टी की तरफ से महज औपचारिकता है। इससे वह बात भी साबित हो रही है कि CM की कुर्सी पर चन्नी होंगे, लेकिन मर्जी सिद्धू की ही चलेगी। जाखड़ के इस बयान के बाद पंजाब कांग्रेस में नई बगावत की नींव पड़ गई है। हरीश रावत पहले भी कैप्टन की अगुवाई में चुनाव लड़ने का बयान दे चुके हैं। उसके कुछ दिन बाद कैप्टन को कुर्सी गंवानी पड़ी।
जाखड़ के भतीजे ने भी दिया इस्तीफा
जाखड़ के इस रुख के बाद सुनील जाखड़ के भतीजे अजयवीर जाखड़ ने पंजाब किसान कमीशन के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है। जाखड़ को पहले भी इस मुद्दे पर निशाना बनाया जाता रहा है। जाखड़ ने विधायक पुत्रों को नौकरी पर सवाल खड़े किए थे, जिसके बाद उनसे भी सवाल पूछे जाते थे कि उनका भतीजा चेयरमैन कैसे बनाया गया। हालांकि, जाखड़ यह कहते थे कि वह तरस के आधार पर चेयरमैन नहीं बने। अब अजयवीर के इस्तीफे के पीछे जाखड़ की नाराजगी सामने आ गई है।
CM के दावेदार थे जाखड़, विधायकों ने किया विरोध
कैप्टन की विदाई के बाद सुनील जाखड़ CM के पद के लिए कांग्रेस हाई कमान की पहली पसंद थे। जब विधायक दल की बैठक में इसका इशारा किया गया तो विधायकों ने विरोध शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि कोई सिख चेहरा ही CM होना चाहिए। इस बात पर बाद में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी ने भी मुहर लगाई, जिसके बाद सुनील जाखड़ CM की रेस से बाहर हो गए। इसके बाद उन्हें डिप्टी CM का पद भी ऑफर किया गया, लेकिन उन्होंने इसे नकार दिया। इससे पहले जाखड़ कैंप ने 40 विधायकों के समर्थन की हवा भी उड़ाई थी, लेकिन उसका भी कोई फायदा नहीं मिला।
सिद्धू और कैप्टन की कलह मिटने की थी उम्मीद
कैप्टन अमरिंदर सिंह को CM की कुर्सी से हटाने के बाद कांग्रेस हाई कमान को उम्मीद थी कि पंजाब में सब कुछ ठीक हो जाएगा। इसी वजह से सिद्धू के सुखजिंदर रंधावा को CM बनाने के विरोध को भी हाई कमान ने कबूल किया। उनकी जगह अचानक ही डिप्टी CM के बारे में चर्चा में रहे चरणजीत चन्नी को CM बना दिया गया। कैप्टन फिलहाल शांत चल रहे हैं। हालांकि अब जाखड़ का मुद्दा उठाने के बाद कांग्रेस में नए सिरे से बगावती ग्रुप तैयार होने के आसार बन गए हैं।