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पंजाब की सीमाएं दिल्ली की पार्टियों के लिए उसी तरह से सील कर दें जिस तरह से भगवंत मान और अमित शाह ने किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए पंजाब की सीमाएं सील कर दी थी

भाजपा बठिंडा ग्रामीण प्रधान रविप्रीत सिंह सिद्धू का अकाली दल में वापसी का स्वागत करते हुए कहा कि नेताओं की वापसी से हलके में पार्टी मजबूत होगी

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तलवंडी साबो/08मई: शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज पंजाबियों से अपील की है कि वे दिल्ली स्थित पार्टियों के खिलाफ अपने वोटों से पंजाबी की सीमाओं को उसी तरह से बंद कर दें, जिस तरह से मुख्यमंत्री भगवंत मान और गृहमंत्री अमित शाह ने किसानों को केंद्र सरकार के समक्ष दिल्ली अपनी शिकायतें करने जाने से रोकने के लिए बाॅर्डर बंद कर दिए थे।अकाली दल अध्यक्ष ने यहां पार्टी की बठिंडा संसदीय क्षेत्र की उम्मीदवार बीबा हरसिमरत कौर बादल के समर्थन में एक विशाल सार्वजनिक सभा को संबोधित किया। उन्होने भारतीय जनता पार्टी के बठिंडा ग्रामीण अध्यक्ष रविप्रीत सिंह सिद्धू का अकाली दल में वापिस आने का स्वागत किया। उन्होने कहा कि रविप्रीत एक पंथक परिवार से हैं और पहले इस हलके में अकाली दल के लिए काम कर चुके हैं, वे एक ईमानदार व्यक्ति के रूप में जाने जाते हैं और उनकी वापसी से इस हलके में पार्टी मजबूत होगी।

इस अवसर पर अकाली दल अध्यक्ष ने यह भी स्पष्ट किया कि यह अकाली दल कैडर ही था, जिसने तलवंडी साबो के पूर्व विधायक जीत मोहिंदर सिद्धू को पार्टी से बाहर कर दिया था। ‘‘ कैडर जीत मोहिंदर के अंहकार और गलत व्यवहार से तंग आ गया था और पार्टी को यह कदम उठाने के लिए मजबूर किया गया था।’’

 

इस अवसर पर बोलते हुए बीबा हरसिमरत कौर बादल और सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने भी रविप्रीत के पार्टी में वापिस आने पर स्वागत किया। उन्होने कहा कि रविप्रीत अकाली परिवार का हिस्सा रहे हैं और उनकी वापसी से पार्टी के अभियान को बल मिलेगा। रविप्रीत सिद्धू ने कहा कि मैं ढ़ाई साल पहले अकाली दल छोड़कर भाजपा में शामिल होकर गलती की थी। उन्होने कहा,‘‘ प्रधानमंत्री द्वारा माफी मांगने और खेती कानूनों को वापिस लेने के बाद मुझे लगा कि केंद्र सरकार किसान समुदाय को न्याय देगी। लेकिन मेरी सभी उम्मीदें झूठी साबित हुई और अब मुझे एहसास हुआ कि अकाली दल ही अकेली ऐसी पार्टी है जो पंजाबियों की आकांक्षाओं को पूरा कर सकती है और मैंने बिना शर्त पार्टी की सेवा करने का फैसला किया है।’’

इस अवसर पर बोलते हुए बीबा हरसिमरत कौर बादल ने कहा,‘‘ पहले अकाली दल में अपने कार्यकाल के दौरान जीत मोहिंदर ने टकसाली परिवारों को पार्टी से बाहर कर दिया था और यहां तक कि मुझे इस हलके में कोई ग्रांट भी नही देने दिया था। वह 2022 में हार के बाद चंडीगढ़ चले गए और अपने मतदाताओं से सभी तरह के संपर्क तोड़ दिए। उन्होने लोगों को यह भी याद दिलाया कि कैसे कांग्रेस के पंाच साल के कार्यकाल और वर्तमान आम आदमी पार्टी के कार्यकाल के दौरान हलके के सभी विकास कार्य ठप्प हो गए हैं।

सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने एक जोरदार भाषण में बताया कि कैसे बठिंडा से आप उम्मीदवार गुरमीत सिंह खुडिडयां ने कृषि मंत्री के रूप में इस हलके के लिए कुछ भी नही किया है। उन्होने कहा,‘‘ वह फसल तबाही के लिए 25000 रूपये प्रति एकड़ का अग्रिम मुआवजा देने और सभी फसले एमएसपी पर खरीदने की पार्टी की घोषणा लागू करना तो दूर की बात है, उन किसानों के लिए मुआवजा सुनिश्चित नही कर सके जिनकी फसलें ओलावृष्टि के कारण तबाह हो गई ।’’

सरदार मजीठिया ने भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष सुनील जाखड़ द्वारा चुनाव आयोग को किसानों के खिलाफ शिकायत देकर उनका अपमान करने की भी निंदा करते हुए कहा कि किसान जाखड़ भाजपा प्रतिनिधियों को गांवों में प्रवेश नही करने दे रहे हैं। उन्होने कहा,‘‘ ये किसान केवल विरोध के अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। वे भाजपा के प्रतिनिधियों पर आंसू गैस और रबड़ की गोलियों से हमला नही कर रहे हैं ,जैसा कि उनके साथ तब किया गया था जब वे केंद्र सरकार के सामने अपनी मांगों को उठानेे के लिए शंातिपूर्वक दिल्ली जाना चाहते थे।’’

सरदार मजीठिया ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कैसे बीबा हरसिमरत कौर बादल ने हमेशा किसान समुदाय और खेत मजदूरों की आवाज उठाई और प्रधानमंत्री द्वारा एम्स के उदघाटन समारोह के दौरान भी उनके लिए खड़े रहकर उन्होने किसानों के साथ न्याय सुनिश्चित करने की जोरदार अपील की थी।

इस अवसर पर वरिष्ठ नेता मोहन सिंह बंगी भी मौजूद थे।

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