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महाराष्ट्र में राजनीति / उद्धव के सरकारी आवास पर महाविकास अघाड़ी के नेताओं की बैठक जारी; दो दिन से भाजपा राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग कर रही

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मुंबई. महाराष्ट्र में चल रही सियासी हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सरकारी आवास वर्षा बंगले पर महाविकास अघाड़ी गठबंधन के सहयोगियों की बैठक जारी है। बैठक इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है कि पिछले दो दिनों से दो बड़े भाजपा नेता प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर चुके हैं। इस बैठक में गठबंधन तीनों पार्टियों शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बड़े नेता शामिल हैं।

ऐसे शुरू हुआ राजनीतिक विवाद
इस राजनीतिक उथल-पुथल की खबरों को रफ्तार तब मिली जब 25 मई की सुबह शरद पवार ने महाराष्ट्र के राज्यपाल बीएस कोश्यारी से मुलाकात की। पवार और कोश्यारी के बीच इस बैठक का समय अहम माना जा रहा था क्योंकि यह शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन (महा विकास अघाड़ी) सरकार का नेतृत्व कर रही शिवसेना और राज भवन के बीच पिछले दिनों गतिरोध की खबरें सामने आईं।

ठाकरे सरकार पर कोई खतरा नहीं : शरद पवार
मंगलवार को राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने स्पष्ट कहा कि ठाकरे सरकार स्थिर है। राज्य सरकार पर कोई खतरा नहीं है। ठाकरे सरकार को समर्थन देने वाली कांग्रेस और राकांपा मजबूती से सरकार के साथ हैं। शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस तीनों दल एकजुट हैं। पवार ने यह भी कहा कि सरकार का लक्ष्य कोरोना संकट से बाहर निकलने का है। इसके लिए पूरी ताकत लगानी है। राज्यपाल ने मुझे चाय पीने बुलाया था। पवार राज्यपाल से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ठाकरे से मिलने उनके मातोश्री बंगले में गए थे। सरकार बनने के बाद पवार पहली बार मातोश्री गए थे।

राष्ट्रपति शासन के लिए गुजरात सबसे फिटः राउत
शिवसेना सांसद संजय राउत ने भी कहा कि राज्य सरकार को कोई खतरा नहीं है। अगर राष्ट्रपति शासन लागू करने की कोई बात करता है तो इसके लिए गुजरात सबसे फिट राज्य है। गुजरात हाईकोर्ट ने गुजरात सरकार के बारे में जो टिप्पणी की है, उसे महाराष्ट्र भाजपा के नेताओं को पढ़ना चाहिए। प्रदेश भाजपा के नेताओं को तुरंत गुजरात जाकर सरकार के खिलाफ आंदोलन करना चाहिए।

सरकार मजबूत: थोराट
महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और राजस्व मंत्री बालासाहब थोराट ने कहा कि राज्य सरकार की स्थिरता को लेकर किसी प्रकार की शंका करने की जरूरत नहीं है। सरकार मजबूत है और पर्याप्त  संख्याबल है। अच्छा काम हो रहा है। राज्य में राष्ट्रपति शासन को लेकर दिल्ली और मुंबई में कोई चर्चा नहीं है।

महाराष्ट्र में कांग्रेस सबसे छोटा दल, फैसला नहीं कर सकते: राहुल
राहुल गांधी ने महाराष्ट्र की राजनीति से जुड़े एक सवाल पर मंगलवार को कहा था, ‘‘सरकार का समर्थन करना और सरकार को चलाना दो अलग अलग बातें हैं। भाजपा महाराष्ट्र सरकार की आलोचना करना चाहती है तो उसमें दिक्कत नहीं है, लेकिन राष्ट्रपति शासन लगाना चाहती है तो उसमें दिक्कत है। पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पुड्डुचेरी में कांग्रेस की सरकार है, जहां हम अपने हिसाब से फैसला कर सकते हैं, लेकिन महाराष्ट्र में गठबंधन की सरकार है जहां कांग्रेस सबसे छोटा दल है। शिवसेना और राकांपा दो बड़े दल हैं। जैसे हम कांग्रेस शासित राज्यों में फैसला ले सकते है, वैसे हम महाराष्ट्र में नहीं कर सकते।’’

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