सफाई कर्मचारी का RAS में चयन:शादी के 5 साल बाद ही पति ने छोड़ा, 2 बच्चों की जिम्मेदारी उठाते हुए पढ़ाई की; 2 साल सड़कों पर झाड़ू लगाई
RAS-2018 (राजस्थान प्रशासनिक सेवा) में मेहनत और लगन के बूते कस्बों के अभ्यर्थियों ने भी परचम लहराया है। जीवन में आने वाली परेशानियों को चुनौती के रूप में लिया और काबिलियत का लोहा मनवाया है। इन्हीं अभ्यर्थियों में से एक हैं आशा कंडारा।
जोधपुर नगर निगम में कार्यरत आशा ने सड़कों पर झाड़ू लगाई, 2 बच्चों की परवरिश की, उसके बाद मन लगाकर पढ़ाई की। इसका फल भी उन्हें मिला। आशा का चयन RAS-2018 में हुआ है। अब वे एसडीएम के पद पर सेवा देंगी।
जोधपुर की सड़कों पर झाड़ू लगाने वाली निगम कर्मचारी आशा कंडारा 5 साल पहले पति से अनबन के बाद दो बच्चों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी निभाते हुए पहले ग्रेजुएशन किया। फिर RAS की परीक्षा दी। परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए आशा ने सफाई कर्मचरी की भर्ती परीक्षा भी इसी दौरान दी थी।
RAS परीक्षा के 12 दिन बाद ही उनकी नियुक्ति सफाई कर्मचारी के पद पर हुई थी। हालांकि, RAS के नतीजों के लिए आशा को 2 साल इंतजार करना पड़ा। इस दौरान उन्होंने सड़कों पर झाड़ू लगाई और अपने सपनों को जीती रहीं।
शादी के 5 साल बाद ही पति ने छोड़ा
आशा ने ठान लिया था कि अफसर ही बनना है। भले ही इसके लिए कितनी भी मेहनत क्यों न करनी पड़े। आशा कहती हैं कि परीक्षा देने के बाद उन्हें भरोसा था कि उनका चयन जरूर होगा। आशा बताती हैं कि 1997 में उनकी शादी हुई। 5 साल बाद पति ने छोड़ दिया। पिता राजेंद्र कंडारा अकाउंटेंट सेवा से रिटायर हो चुके हैं। ऐसे में उन्होंने पति से अलग होते ही कुछ खास करने की ठान ली थी। मुश्किल हालात में मेहनत कर 2016 में ग्रेजुएशन किया।
ग्रेजुएशन के बाद तलाक
ग्रेजुएशन करने के एक साल बाद आशा का पति से तलाक हो गया। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद 2018 में सफाई कर्मचारी भर्ती की परीक्षा दी। इसके साथ ही RAS प्री-परीक्षा की तैयारी के लिए दिन-रात पढ़ाई की। ऑनलाइन पढ़ाई के साथ कोचिंग क्लास भी की। अगस्त में प्री-परीक्षा दी। अक्टूबर में रिजल्ट आया तो पास होते ही RAS मेन्स की तैयारी में जुट गईं।
मुख्य सड़क की सफाई
सफाई कर्मचारी के पद पर नियुक्ति का पत्र आ गया तो यह नौकरी जॉइन कर ली। आशा को पावटा की मुख्य सड़क पर सफाई के लिए लगाया गया। मुख्य सड़क पर झाड़ू लगाने में भी नहीं हिचकिचाईं। जब मंगलवार को RAS में चयन हुआ, तो खुशी का ठिकाना न रहा।