पंजाब में कैप्टन के खिलाफ बगावत:बाजवा के घर 4 मंत्रियों और 28 विधायकों ने बैठक कर कहा-वादे नहीं निभा सकते CM; हरीश रावत ने बागियों को देहरादून बुलाया, सिद्धू बोले-हाईकमान को देंगे जानकारी
पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावत हो गई है। मंगलवार को राज्य के सीनियर मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा के घर पर 3 अन्य मंत्रियों, प्रदेश कांग्रेस महासचिव प्रगट सिंह समेत 28 विधायकों ने बैठक करके कैप्टन को मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाने की मांग उठा दी। इस मीटिंग के बाद चारों मंत्री और परगट सिंह PPCC प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू से मिलने पहुंचे। सिद्धू से मुलाकात के बाद इन नेताओं ने कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पार्टी के पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत से बात की। उधर पंजाब में 26 अगस्त को कैबिनेट की बैठक बुलाई जा सकती है। इसमें CM कैप्टन अमरिंदर सिंह कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं।
इस बीच रावत ने कहा है कि पंजाब के कुछ नेता उनसे और पार्टी हाईकमान से मिलना चाहते हैं इसलिए उन्होंने इन नेताओं को आज रात ही देहरादून बुलाया है। उन्होंने साथ में यह भी जोड़ा कि फिलहाल नेतृत्व परिवर्तन जैसी कोई बात उनके ध्यान में नहीं है। सूत्रों के अनुसार कैप्टन विरोधी खेमे के ये नेता मंगलवार को ही देहरादून रवाना हो गए। वहां हरीश रावत से चर्चा के बाद इनकी दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान से मुलाकात होगी। इसके लिए सोनिया गांधी से समय मांगा गया है। कैप्टन के खिलाफ बगावत करने वाले मंत्रियों में तृप्त राजिंदर बाजवा के अलावा सुखजिंदर सिंह रंधावा, सुख सरकारिया और चरणजीत सिंह चन्नी शामिल हैं।
बाजवा की कॉल के बाद इमरजेंसी मीटिंग:सिद्धू
कैप्टन के खिलाफ मंत्रियों और कांग्रेसी विधायकों की बैठक के बाद इस मुद्दे पर पंजाब प्रदेश कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू की प्रतिक्रिया भी आ गई है। मंगलवार शाम लगभग साढ़े 5 बजे सिद्धू ने ट्वीट करके कहा कि उन्हें मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा की कॉल आई थी जिसके बाद इमरजेंसी मीटिंग की गई। सिद्धू के अनुसार, पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के ऑफिस में बाजवा एवं कांग्रेस के दूसरे सीनियर नेताओं से बैठक की और अब वह पंजाब की ताजा स्थिति के बारे में हाईकमान को अवगत कराएंगे।
रावत की रिपोर्ट पर टिकी कैप्टन की कुर्सी
नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का प्रधान बनाने में हरीश रावत की मुख्य भूमिका रही है। अब देखना ये है कि कैप्टन विरोधी खेमे में शामिल इन नेताओं के साथ बैठक के बाद हरीश रावत कांग्रेस हाईकमान को क्या रिपोर्ट देते हैं? पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की कुर्सी का भविष्य एक हद तक हरीश रावत की इस रिपोर्ट पर भी टिका रहेगा।
उधर इससे पहले चंडीगढ़ में तृप्त राजिंदर बाजवा के घर हुई बैठक के बाद मंत्री चन्नी, रंधावा और बाजवा ने कहा कि पंजाब के कांग्रेसी लीडर और वर्कर इस बात को लेकर चिंतित है कि कांग्रेस के चुनावी वायदे पूरे नहीं हुए। बेअदबी करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही और न ही बिजली समझौते रद्द हुए हैं। इसके अलावा ड्रग्स सिंडीकेट, ट्रांसपोर्ट, केबल और माइनिंग माफिया पर भी कार्रवाई नहीं हो रही। अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? इसको लेकर उन्होंने कुछ नहीं कहा, लेकिन इशारा नवजोत सिद्धू की तरफ है।
माली को चुप न कराकर सिद्धू ने दिए संकेत
कैप्टन के खिलाफ बगावत की तैयारी सोमवार को ही हो गई थी। नवजोत सिद्धू से मिलने के बाद उनके सलाहकार मालविंदर माली ने कैप्टन पर व्यक्तिगत हमले शुरू कर दिए। इससे साफ हो गया है कि नवजोत सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ खुली जंग का ऐलान कर दिया है। ऐसा न होता, तो माली की बयानबाजी पर सिद्धू जरूर रोक लगाते, जबकि कैप्टन ने साफ शब्दों में सिद्धू से अपने सलाहकारों पर अंकुश लगाने को कहा था। इस पूरे मामले से अब यह माना जा रहा है कि पंजाब कांग्रेस पूरी तरह दोफाड़ में बंट चुकी है। पंजाब कांग्रेस में मची कलह का ठीकरा कैप्टन के सिर पर फोड़ने की तैयारी की जा रही है।
चन्नी बोले-हाईकमान से मिलेंगे
तृप्त राजिंदर बाजवा के घर हुई बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि मौजूदा CM से पंजाब के मसले हल नहीं हो सकते। हालात को देखते हुए पंजाब कांग्रेस का शिष्टमंडल आज ही नई दिल्ली जाकर हाईकमान से मिलेगा। चन्नी के अनुसार, इस शिष्टमंडल में उनके अलावा सुखजिंदर सिंह रंधावा, सुखविंदर सिंह सरकारिया परगट सिंह और तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा होंगे।
कांग्रेस विधायक मुख्यमंत्री की वर्किंग से संतुष्ट नहीं: परगट
पंजाब प्रदेश कांग्रेस के महासचिव और जालंधर कैंट के विधायक परगट सिंह ने कहा कि कांग्रेस के विधायक CM की वर्किंग से संतुष्ट नहीं है। विधायकों की भावनाओं को वह पार्टी हाईकमान तक पहुंचाएंगे।
हमने अच्छा काम किया, मंत्री पद जाने की चिंता नहीं: रंधावा
बाजवा के घर हुई बैठक में शामिल रहे सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि बतौर मंत्री उन्होंने अच्छा काम किया है और अब मंत्री पद जाने का कोई डर नहीं है। रंधावा ने कहा कि CM कैप्टन अमरिंदर सिंह अमृतसर में जाकर एक हजार लोगों की बैठक कर सकते हैं, विधायकों के साथ भी मीटिंग करते हैं मगर कैबिनेट की बैठक वर्चुअल की जाती है। रंधावा ने इशारों-इशारों में कह दिया कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह मंत्रियों के सवालों से बचने के लिए कैबिनेट की वर्चुअल बैठक करते हैं।
कयास: चारों को कैबिनेट से हटाने वाले थे कैप्टन
एक चर्चा यह भी है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह जल्दी ही अपनी कैबिनेट का विस्तार करने वाले थे और उन्होंने सिद्धू का खुलकर पक्ष लेने वाले तृप्त राजिंदर बाजवा, चरणजीत सिंह चन्नी, सुखजिंदर सिंह रंधावा और सुखविंदर सिंह सरकारिया को अपनी कैबिनेट से हटाने का मन बना लिया था इसकी भनक लगते ही इन चारों ने परगट सिंह के साथ मिलकर कैप्टन के खिलाफ खुला मोर्चा खोल दिया। इस बात में दम इसलिए भी लगता है क्योंकि मंगलवार को बाजवा के घर मीटिंग करके निकले सुखजिंदर रंधावा ने कह दिया कि उन्हें कैबिनेट से हटाए जाने से फर्क नहीं पड़ता। यानि कहीं न कहीं इन चारों मंत्रियों को पता चल गया था कि कैप्टन उन्हें कैबिनेट से ड्रॉप करने वाले हैं। तृप्त राजिंदर बाजवा से तो कैप्टन की नाराजगी इसी बात से समझी जा सकती है कि हाल ही में उन्होंने बाजवा के भानजे PPS अफसर नवजोत माहल को होशियारपुर के SSP से हटाकर रिजर्व बटालियन में लगा दिया। गौरतलब है कि सिद्धू को पंजाब प्रदेश कांग्रेस प्रधान बनाते समय पार्टी हाईकमान ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को मंत्रिमंडल विस्तार के लिए फ्री-हैंड देने का वादा किया था।
अकाली नेता पर कार्रवाई की मांग कर रहे सिद्धू
ये भी माना जा रहा है कि हाईकमान के 18 सूत्रीय फॉर्मूले के अलावा सिद्धू की तरफ से दी गई 5 मांगों पर कैप्टन सरकार की कार्रवाई से भी सिद्धू खेमा नाखुश है। सिद्धू अकाली नेता बिक्रम मजीठिया के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़े हुए हैं, हालांकि कैप्टन सरकार की तरफ से ऐसी कोई कार्रवाई सामने नहीं आ रही।
सिद्धू के सलाहकार का कैप्टन से सवाल:पाकिस्तानी महिला पत्रकार अरुसा आलम के साथ अमरिंदर की फोटो पोस्ट कर माली ने पूछा- आपकी प्रशासनिक और सुरक्षा सलाहकार कौन हैं?
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू के सलाहकारों के बीच जंग थम नहीं रही है। सोमवार को सिद्धू से बैठक के बाद देर रात सलाहकार मालविंदर माली ने फिर सोशल मीडिया के जरिए कैप्टन पर हमला किया। माली ने पाकिस्तानी पत्रकार अरुसा आलम के साथ कैप्टन अमरिंदर सिंह, DGP दिनकर गुप्ता व चीफ सेक्रेटरी विनी महाजन के साथ फोटो पोस्ट की। जिसमें माली ने पूछा कि कैप्टन के राष्ट्रीय सुरक्षा, पंजाब प्रशासक व आर्थिक सलाहकार कौन हैं? सोचो और बोलो। साफ तौर पर कैप्टन की फटकार के बाद माली ने अब उन पर व्यक्तिगत हमले शुरू कर दिए हैं।
मजबूरन ऐसी पोस्ट डालनी पड़ी- माली
माली ने लिखा, ”कैप्टन ने सिद्धू के सलाहकारों के साथ सियासी लड़ाई शुरू कर साबित कर दिया है कि उनका सियासी कद कितना रह गया है। आपकी राष्ट्रीय सुरक्षा व पंजाब प्रशासन की सलाहकार बीबी अरुसा आलम हैं। मैं पहले इसे आपका निजी मामला समझता था और कभी यह सवाल नहीं उठाया। अब आपने सिद्धू के सलाहकारों का मुद्दा कांग्रेस पार्टी की सियासत व देश की सुरक्षा के साथ जोड़ लिया है तो कुछ भी निजी नहीं होता। इस वजह से मैं यह पोस्ट डालने के लिए मजबूर हुआ हूं।”
कैप्टन के खिलाफ माली ने लिखी लंबी-चौड़ी पोस्ट
माली ने लिखा, “यह तस्वीरें संकेत दे रही हैं कि आपने अरुसा आलम को कभी कांग्रेस में शामिल नहीं किया, तो फिर DGP व चीफ सेक्रेटरी पाकिस्तानी नागरिक अरुसा का आशीर्वाद क्यों ले रहे हैं?। अरुसा आलम के बारे में सुना है कि वह डिफेंस मामलों की माहिर पत्रकार हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ भी उनके अच्छे संबंध हैं। इस वजह से उन्हें भारत के वीजा पर आपके सिसवां फार्म में लगातार रहने में कोई मुश्किल नहीं है।
लोग यह भी कहते हैं कि करतारपुर कॉरिडोर के वक्त सिद्धू के खिलाफ आपका डटकर साथ देने वाली हरसिमरत कौर बादल भी अरुसा के भारत वीजा के लिए बहुत मददगार रही हैं। भारत सरकार के पाकिस्तान के नागरिकों को वीजा देने के नियम हैं। उनको वीजा ठोस मकसद व तय जगहों पर जाने के लिए निश्चित समय के लिए दिया जाता है। अरुसा आलम को भारत के अंदर आने, घूमने व रहने के लिए इतनी छूट किन नियमों के तहत दी जाती रही है। मोदी सरकार के पास इसका कोई जवाब है?
कैप्टन के आर्थिक सलाहकार भरत इंदर चहल के बारे में मुझे इतनी जानकारी है कि आप वह सुनकर खुद हैरान रह जाओगे। जब मैं आपके इस मीडिया सलाहकार के साथ लोक संपर्क अफसर था तो हिमाचल में ऐसा घर बनाया था, जिसका सारा सामान विदेश से मंगवाया था। जब विजिलेंस ने चहल को गिरफ्तार किया तो इस घर का जिक्र भी हुआ था। मैंने भी शोर मचाया था कि यह कोठी हिमाचल के किसी बड़े अफसर के बेटे के नाम पर चहल साहब की बेनामी संपत्ति है। अब भी चर्चा है कि अब पंजाब प्रशासन में सभी तब्दीलियां मोदी व सुखबीर बादल की इच्छा के अनुसार हो रही हैं और आपके दस्तखत हो रहे हैं। सच्चाई क्या है? यह आप जानों..। अभी इतना ही।”
2007 में भी अमरिंदर और अरुसा का नाम चर्चा में था
अरुसा आलम पेशे से पाकिस्तानी पत्रकार हैं। वह 2004 में कैप्टन अमरिंदर सिंह से मिली थीं, जब वो पाकिस्तान गए थे। हालांकि, उनके रिश्तों की चर्चा 2007 में हुई। दोनों ने तब एक-दूसरे को अच्छा दोस्त बताया था। अरुसा 1970 के दशक में पाकिस्तानी राजनीति में दबदबा जमाने वाली रानी जनरल के नाम से मशहूर अकलीन अख्तर की बेटी हैं। अरुसा की मिलिट्री में मजबूत पकड़ थी इसलिए उन्होंने डिफेंस जर्नलिस्ट बन मिलिट्री के बारे में लिखना शुरू किया।
अरुसा को उनकी अगस्ता-90B सबमरीन डील की रिपोर्ट के लिए भी जाना जाता है, जिसकी वजह से पाकिस्तानी नौसेना अध्यक्ष मनसुरुल हक को 1997 में गिरफ्तार कर लिया गया था। उन्होंने पाकिस्तान स्थित ब्रिटिश हाई कमीशन में तैनात ब्रिगेडियर एंड्रयू डरकन के बारे में कुछ खुलासे किए थे, जिसे लेकर वहां खूब हंगामा मचा था। विवाद को बढ़ते देखकर ब्रिटिश गर्वमेंट ने अपने इस अफसर को वापस बुला लिया था।
अरुसा आलम शादीशुदा हैं और उनके दो बच्चे भी हैं। बड़े बेटे का नाम फख्र-ए-आलम है, जो एक्टर और सिंगर है, वहीं छोटा बेटा ढाका में लॉयर है। अरुसा ने अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत इस्लामाबाद के ‘डेली मुस्लिम फर्स्ट एवर’ अंग्रेजी न्यूजपेपर से की थी। इसके अलावा वो पॉलिटिकल रिपोर्टर के रूप में उर्दू के न्यूजपेपर Hurrmat, पाकिस्तान ऑब्जर्वर आदि के साथ काम कर चुकी हैं। अरुसा पाकिस्तान की जर्नलिस्ट एसोसिएशन ‘साफमा’ की प्रेसिडेंट रह चुकी हैं।
कैप्टन की बायोग्राफी में भी अरुसा का जिक्र
कैप्टन अमरिंदर सिंह की बायोग्राफी ‘द पीपुल्स महाराजा’ (The People’s Maharaja) के एक हिस्से में भी अरुसा का जिक्र है। जिसमें इस दोस्ती को कैप्टन ने बेहद खास बताते हुए गर्व होने की बात कही। हालांकि कैप्टन व अरुसा के रिश्ते को लेकर विरोधी अक्सर निशाना साधते रहे हैं। कैप्टन की सांसद पत्नी महारानी परनीत कौर ने कभी इस पर सार्वजनिक तौर पर कुछ नहीं कहा। अरुसा कभी पटियाला नहीं जातीं और चंडीगढ़ में ही रहती हैं। 2018 के दौरान चंडीगढ़ में उन्होंने कहा था कि यह रिश्ता मेरे घर में भी एक संवेदनशील मसला है। मैं एक मुस्लिम महिला हूं और आप जानते हैं कि हमारे घर पर लोग किस तरह की सोच रखते हैं।
इस तरह बढ़ा कैप्टन व सिद्धू सलाहकारों का विवाद
सिद्धू के सलाहकार माली ने अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे का स्वागत किया। फिर कश्मीर को अलग देश बता दिया। यही नहीं, अपने सोशल मीडिया पर सिख दंगों से जुड़ी इंदिरा गांधी की खोपड़ियों के ढ़ेर व हाथ में पकड़ी खोपड़ी टंगी बंदूक की फोटो डाल दी। वहीं, दूसरे सलाहकार प्यारे लाल गर्ग ने कैप्टन की पाकिस्तान विरोधी बयानबाजी को पंजाब के हितों के उलट बता डाला। इसके बाद कैप्टन ने दोनों को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि उनके बयान देश हित में नहीं हैं।