Bathinda railways देश के बड़े जक्शनों में शुमार है लेकिन यहां के सैकड़ो कर्मचारियों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो रही। रेलवे के अधिकाश क्वार्टर्स खस्ता हाल है जो किसी भूत बंगले से कम नहीं। बहुत से क्वार्टर्स जर्जर हो गए है यह रहने लायक नहीं। बरसात के दिनों में तो रेलवे कर्मचारियों के बच्चे पतिला, कड़ाईयां, बालटिया, लेकर छत से टपकते पानी को सहेजने की जुगत लड़ाते दिखते है। उत्तर रेलवे मजदूर यूनियन (यूआरएमयू) के सचिव संजीव चौहान गार्ड कहते है कि आला अधिकारियों को कई बार इस बाबत कहा गया है लेकिन उनके कानों पर जूं नहीं रेंगती रेलवे के जोन में भी अफसरों के क्वार्टरों की मुरम्मत की जाती है।
यूआरएमयू के सचिव का कहना है कि संबंधित अधिकारी अपनी कुंभकरणी नींद से न जागे और जर्जर्ज क्वाटरों की मुरम्मत जल्द न करवाई तो यूनियन तीखे संघर्ष का रास्ता अपनाएगी। इसके तहत डीआरएम अम्बाला से मुलाकात करके मामले का उखाखा जाएगा व यूआरएमयू इस मामले में धरने प्रदर्शन करने में भी गुरेज नहीं करेगी।
फोटो– बठिंडा के रेलवे कालोनी के रेलवे क्वार्टरों की खस्ता हालत की मुंह बोलती तस्वीरे (फोटो-अशोक)