जमीन से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में पंजाब विजिलेंस की कार्रवाई:4 घंटे पूछताछ के बाद पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी को विजिलेंस ने किया गिरफ्तार, विजिलेंस के नोटिस पर मोहाली स्थित ऑफिस पहुंचे थे
बताया जा रहा है कि हाईकोर्ट की फटकार के बाद पूर्व डीजीपी सैनी बुधवार की देर रात विजिलेंस टीम के पास जांच में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। हाईकोर्ट ने हाल ही में जांच में शामिल होने का दिया था आदेश
लंबे समय से विवाद में फंसे पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी को बुधवार को पंजाब विजिलेंस की टीम ने देर रात गिरफ्तार कर लिया है। पूर्व डीजीपी आय से अधिक संपत्ति के मामले में वांछित थे तथा विभिन्न स्तर पर उन्होंने अग्रिम जमानत के लिए पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट से गुहार लगाई थी।
इस मामले में उन्हें हाई कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल चुकी थी, और उन्होंने अंदेशा जताया था की विजिलेंस इस एफआईआर में अन्य धाराएं जोड़कर उन्हें गिरफ्तार कर सकती है। हाईकोर्ट की फटकार के बाद उन्हें याचिका वापस लेनी पड़ी थी।
बताया जा रहा है कि हाईकोर्ट की फटकार के बाद पूर्व डीजीपी सैनी बुधवार की देर रात विजिलेंस टीम के पास जांच में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। जहां पर उन्हें विजिलेंस की टीम ने गिरफ्तार किया है। बताया यह भी जा रहा है कि जिस समय सैनी जांच में शामिल होने के लिए पहुंचे थे, उस समय उनके साथ में उनका वकील भी था।
सैनी को मोहाली से किया गया गिरफ्तार
सूत्रों की माने तो पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी जांच में शामिल होने के लिए मोहाली विजिलेंस की टीम के पास पहुंचे थे। जहां पर टीम ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में कुछ अन्य धाराओं को जोड़ते हुए उन्हें वहीं से गिरफ्तार कर लिया है। अभी विजिलेंस की टीम उन्हें पूछताछ के लिए विजिलेंस की ऑफिस ले गई है। जहां पर उनसे लगातार पूछताछ की जा रही है।
क्या है पूरा मामला
सूत्रों के मुताबिक डब्ल्यूडब्लयूआईसीएस एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के दविंदर सिंह संधू, नागेंद्र राव, अशोक कुमार सिक्का, शक्ति सागर भाटिया व अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार के आरोप में दर्ज किया गया था। यह मामला डब्लयूडब्ल्यूआईसीएस एस्टेट कंपनी द्वारा सिसवां रोड कुराली में बनाई गई ड्रीम मिडोस-1 व ड्रीम मिडोस-2 नामक कॉलोनियों के संबंध में किया गया था। आरोप लगाया गया था कि इन कॉलोनियों को डेवलप करने के लिए न सिर्फ सरकार बल्कि कई लोगों के साथ हेराफेरी की गई। विजिलेंस ने एफआईआर नंबर-11 में सैनी के करीबी निमरदीप सिंह को भी नामजद किया था। सैनी पर घोटाले को अंजाम देने का आरोप है। मामले में पूर्व पीसीएस अशोक सिक्का अभी फरार हैं।
सिक्योरिटी को भेजा वापस
बुधवार को सैनी शाम को विजिलेंस ब्यूरो के कार्यालय पहुंचे थे। विजिलेंस के नोटिस पर सैनी अपनी सिक्योरिटी के साथ रात तकरीबन सवा आठ बजे मोहाली स्थित विजिलेंस आफिस पहुंचे थे। वे अपनी गाड़ी में ही बैठे रहे और उतरने में आनाकानी करने लगे। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। विजिलेंस ने सिक्योरिटी को वापस भेज दिया। सिक्योरिटी विंग को सूचित कर दिया गया कि फिलहाल सैनी की सिक्योरिटी वापस बुला ली जाए, क्योंकि अब सैनी विजिलेंस की सुरक्षा में रहेंगे।
डायरेक्टर विजिलेंस करेंगे पूछताछ
अगली पूछताछ के लिए एक टीम का गठन कर दिया गया। यह टीम डायरेक्टर विजिलेंस एलके यादव के नेतृत्व में गठित की गई है। यह टीम अब सैनी से उन पर चल रहे मामलों को लेकर पूछताछ करेगी।
पुलिस भर्ती घोटाले की भी शुरू की जांच
विजिलेंस ब्यूरो ने सुमेध सिंह सैनी के डीजीपी पद पर तैनाती के दौरान करीब 5200 पुलिसकर्मियों की भर्ती मामले में जांच शुरू कर दी है। विजिलेंस के पास आई शिकायतों में आरोप लगाया गया था कि भर्ती में नियमों का पालन नहीं किया गया।