पंजाब पुलिस ने जारी की एडवाइजरी और हाईअलर्ट:टिफिन बॉक्स दिखे तो दूर रहें; किसी भी लावारिस चीज को हाथ न लगाएं, वो कोई हथियार या बम हो सकती है
अमृतसर बार्डर के गांव बच्चीविंड लोपोके में ड्रोन के माध्मय से हथियार व एक्सप्लोसिव मिलने के बाद पंजाब पुलिस हरकत में आ गई है। बॉर्डर से मिले टिफिन बॉक्स बम को बनाने के तरीके से पंजाब पुलिस सकते में है। एक बम ने इतना हड़कंप मचा दिया। अगर ऐसे और भी बम पंजाब में भेजे गए हैं तो लोगों को अलर्ट होने की आवश्यकता है।
पंजाब पुलिस ने सोशल साइट्स के माध्मय से पंजाब के लोगों से टिफिन बम को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। वहीं टिफिन व ऐसे प्रकार की कोई वस्तु दिखने पर विभाग के उच्चाधिकारियों से संपर्क करने को कहा है। खास बात है कि जो बम बॉर्डर से मिला, वह बच्चों को आकर्षित करने वाले टिफिन में था। इसलिए पुलिस ने पंजाबवासियों से अपील की है कि अगर कोई भी टिफिन नुमा चीज कहीं भी लावारिस मिले तो उसके पास न जाएं और पुलिस को इसकी जानकारी दें।
पुलिस की तरफ से जारी वार्निंग…
1. बच्चों के लिए लावारिस रखा गया लंच बॉक्स बम हो सकता है।
2. कार्टून बना हुआ ब्राइट ब्रैंडेट टिफिन बॉक्स से सावधान रहें।
3. कोई भी आश्चर्यचकित करने वाली वस्तु दिखे तो उसे हाथ ना लगाएं।
4. अगर कुछ भी संदिग्ध या लावारिस दिखे तो पुलिस को उसकी सूचना दें।
भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर मिला टिफिन बम और हथियार:NIA को सौंपा जा सकता है केस; जांच का विषय किसको भेजी गई थी हथियारों की खेप और किसके पास पहुंचनी थी
ड्रोन के जरिए एक टिफिन बम और हथियार अमृतसर में भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के पास उतारे गए। पुलिस ने उन्हें रिकवर करके एक साजिश को नाकाम कर दिया। लेकिन यह गंभीर जांच का विषय है कि यह हथियार किसने पाकिस्तान से भेजे थे। किसे भेजे गए और किसके लिए भेजे गए। पिछले कुछ मामलों पर ध्यान दें तो यह मामला भी नेशनल इनवेस्टिगेटिव एजेंसी (NIA) अपने हाथ में ले सकते है।
ड्रोन का इस तरह देश की सीमा में घुसना और हथियारों की खेप फेंककर नजरों से बचकर लौट जाना, गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है। डीजीपी दिनकर गुप्ता ने स्पष्ट कहा है कि यह हथियार पाकिस्तान से लाए गए थे और स्वतंत्रता दिवस पर इनका प्रयोग हो सकता था। यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी पंजाब में ड्रोन के जरिए हथियार भारत आने की घटनाएं सामने आती रही हैं।
दो साल पहले तरनतारन के चोहला साहिब से खालिस्तान समर्थक 4 आतंकियों बलवंत सिंह उर्फ बाबा उर्फ निहंग, अर्शदीप सिंह उर्फ आकाश रंधावा, हरभजन सिंह और बलबीर सिंह को गिरफ्तार किया गया था। इनके पास से 5 एके-47 और 16 मैगज़ीन, 4 पिस्टल, 8 मैगज़ीन, 9 हैंड ग्रनेड, 5 सैटेलाइट फ़ोन और 10 लाख रुपए की जाली भारतीय करंसी मिली थी।
जांच में सामने आया कि हथियार ड्रोन के जरिए पाकिस्तान से भेजे गए थे और इन्हें कश्मीरी आतंकवादियों तक पहुंचाया जाना था। यह मामला एनआईए ने अपने हाथों में ले लिया था। ताजा मामला भी ड्रोन के जरिए हथियार भेजे जाने का है। इसके अलावा इस खेप में भेजा गया टिफिन बम इतना अधिक पेचीदा था कि उसे डिफ्यूज करने के लिए नेशनल सिक्योरिटी गार्ड्स के कमांडो की जरूरत पड़ी।
गंभीर जांच की आवश्यकता है
पंजाब पुलिस ने खेप को जब्त करके एक बड़े आतंकी हमले काे नाकामयाब किया है। लेकिन इसमें कुछ जांच के विषय हैं। जिनकी NIA अगर गंभीरता से जांच करेगी तो कई परतें खुल सकती हैं और सच्चाई भी सामने आ सकती है। सबसे बड़ा विषय है कि यह हथियार किस घटना को अंजाम देने के लिए यहां भेजे गए थे। हथियार किसने यहां भेजे और लोपोके के बच्चीविंड गांव के खेतों से इन्हें किसने उठाना था। इसके बाद यह हथियारों की खेप किसके पास पहुंचनी थी। इन सभी सवालों के जवाब मिलना बेहद जरूरी है।
100 गोलियां 9 एमएम की मिली हैं
एक अधिकारी ने जानकारी दी कि इस खेप में टिफिन बॉक्स बम के साथ 5 हैंड ग्रेनेड और 100 गोलियां 9 एमएम की भेजी गई हैं। इससे स्पष्ट होता है कि जिसके पास भी यह खेप जानी थी, उसके पास पिस्टल या राइफल की खेप भी पहले पहुंच चुकी है। जिसे प्रयोग करने के लिए अब 100 गोलियां भी भेजी गईं।
चिंता का विषय- अलर्ट के बावजूद ड्रोन आया सरहद पार:बॉर्डर सिक्योरिटी हाईटेक करने की जरूरत; BSF की नजर से बचकर हुई सप्लाई, किसी को आवाज तक नहीं दी सुनाई
हाई अलर्ट होने के बावजूद ड्रोन ने सरहद पार की और BSF की नजर से बचकर हथियारों की खेप बॉर्डर के इस पार फेंक दी। यह भारत के लिए बड़ी चिंता का विषय है। हैरानी की बात है कि रात के समय जब वातावरण शांत होता है, तब भी BSF के जवानों को ड्रोन की आवाज सुनाई तक नहीं दी। शनिवार और रविवार की रात को हुई घटना ने बॉर्डर सिक्योरिटी पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि बॉर्डर सिक्योरिटी को अब हाईटेक करने की जरूरत है। ड्रोन जैसी गतिविधियों को पकड़ने के लिए बीएसएफ पूरी तरह से तैयार नहीं है। जम्मू में ड्रोन से बम गिराने की घटना के बाद से ही पूरे बॉर्डर एरिया में ड्रोन पर नजर रखने के आदेश जारी हैं। पंजाब के बॉर्डर एरिया में ऐसा क्यों नहीं हो रहा है? क्या वहां आदेश जारी नहीं किए गए हैं या आदेशों की पालना नहीं हो रही।
डीजीपी दिनकर गुप्ता द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, शनिवार-रविवार को हथियार ड्रोन की सहायता से लोपोके के खेतों में लैंड होते हैं। वहीं दूसरी तरफ जब हथियार खेत में फैंके जाते हैं तो पूर्व सरपंच को इसकी भनक लग जाती है, जो सो रहा होता है। लेकिन बॉर्डर पर पहरा दे रहे जवान इसे भांपने में चूक जाते हैं। जबकि BSF के अधिकारियों के अनुसार, ड्रोन को डिटेक्ट करने के लिए आवाज ही काफी है।
जम्मू कश्मीर बॉर्डर पर भी ड्रोन की कुछ गतिविधियां बीएसएफ ने रिपोर्ट की, लेकिन उन्हें रोकने के लिए मात्र हवा में फायर किए गए। जिसके बाद ड्रोन वापस चले गए। ड्रोन को पकड़ने या विफल करने का कोई साधन इस समय बीएसएफ के पास नहीं है। वहीं पंजाब फ्रंट लाइन के अधिकारियों के अनुसार, ड्रोन की आवाज BSF जवान सुन नहीं पाए और न ही ड्रोन की कोई एक्टिविटी डिटेक्ट हुई।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने फहराना है अमृतसर में ध्वज
बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 15 अगस्त को अमृतसर के गुरु नानक स्टेडियम में राष्ट्रीय ध्वज फहराना है। जबकि विदेश में बैठे खालिस्तानी समर्थक कैप्टन और राज्यपाल को मारने की धमकियां दे चुके हैं। ऐसे में चिंता और ज्यादा हो जाती है कि अलर्ट के बावजूद बीएसएफ ड्रोन जैसी गतिविधियां को बॉर्डर पर रिपोर्ट नहीं कर पा रही है।