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Punjab : 162 करोड़ रुपए का बुढ़ापा पेंशन घोटाला:30 से 40 साल की महिलाओं-पुरुषों को बुजुर्ग बनाकर ली पेंशन, अब वसूली होगी

2014-15 में 70 हजार लोगों के फर्जी तरीके से दर्ज कराए गए नाम, जुलाई 2020 में रिकवरी के आदेश

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17 जुलाई को सभी डीसी को विभाग की ओर से जारी पत्र।

 

राज्य में बुढ़ापा पेंशन लेने के नाम पर 162 करोड़ रुपए का बड़ा घोटाला सामने आया है। यह घोटाला उम्र में फर्जीवाड़ा करते हुए किया गया है। इसमें 30 से 40 साल की महिलाओं और पुरुषों को 65 साल तक का बुजुर्ग दिखाकर पेंशन ली गई है। वर्ष 2015 में वास्तविक उम्र ज्यादा दिखाकर, पते गलत लिखे गए। फर्जीं इनकम सर्टिफिकेट लगाकर यह लाभ लिया गया।

सूबे में हुए इतने बड़े फर्जीवाड़े में सबंधित विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की बराबर की मिलीभगत रही। ये लोग करीब 2 साल तक पेंशन का लाभ लेते रहे। पेंशन का भार बढ़ने पर सरकार ने वर्ष 2017 में इसकी जांच के आदेश दिए। लंबे समय तक चली जांच के बाद इस घोटाले का खुलासा हुआ। जांच में खुलासा हुआ कि राज्य के 22 जिलों में दो साल तक 70,137 लोगों ने सरकार को 1,62,35,25,800 रुपए गलत पेंशन के रूप में निकलवा कर करोड़ों के राजस्व का चूना लगाया।

अब सरकार ने सभी जिलों के सामाजिक सुरक्षा अधिकारियों को इस फर्जीवाड़े की रिकवरी के आदेश दिए हैं। सरकार ने सामाजिक सुरक्षा अधिकारियों से महीने में दो बार यानी हर 15 दिन में वसूली में हुई प्रगति की रिपोर्ट भेजने के आदेश दिए हैं। जो अधिकारी समय पर रिपोर्ट भेजने में कोताही बरतेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई के कड़े निर्देश दिए गए हैं।

इस संदर्भ में जालंधर जिला सामाजिक सुरक्षा अधिकारी रजिंदर बैंस का कहना है, शुक्रवार को उन्हें सरकार की ओर से वसूली का लेटर मिला है। अब विभाग द्वारा डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी को लेटर भेजा जाएगा। डीसी के द्वारा रिकवरी के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी। यह कमेटी वसूली का काम करवाएगी।

  • 22 जिलों के समाज सुरक्षा अिधकारी करेंगे वसूली

यह पेंशन पाने का नियम

  • बुढ़ापा पेंशन योजना का लाभ 65 साल के पुरुष और 58 साल की महिला को मिलता है।
  • बुढ़ापा पेंशन पाने के लिए पति-पत्नी की मासिक आय 6 हजार से अधिक नहीं होनी चाहिए ।
  • ऐसे लोग जिनके पास 2 एकड़ या इससे कम जमीन है है, उन्हें भी बुढ़ापा पेंशन का लाभ मिलता है।
  • पेंशन लगवाने को तहसील से आय प्रमाण पत्र बनवाना पड़ता है, जिसमें आय का ब्योरा देना होता है।
  • इस स्कीम के तहत लोगों को जीवन यापन के लिए हर माह सरकार की ओर से 750 रुपए दिए जाते हैं।

ऐसे हुआ फर्जीवाड़ा

वर्ष 2014-15 में तमाम स्थानीय नेताओं ने तहसील कर्मियों की मिलीभागत से गलत आय प्रमाण पत्र बनवाए। फिर 30 से 40 साल तक की महिलाओं व पुरुषों को बुजुर्ग बताकर समाज कल्याण विभाग के अफसरों से मिलीभगत कर बुढ़ापा पेंशन में नाम दर्ज करवा लिया। ऐसे लोगों की भी पेंशन लगाई गई, जिनकी आमदनी हर माह 50 हजार से ज्यादा है। वो दूध, जनरल स्टोर आदि के कारोबार से जुड़े हुए थे। ग्रामीण क्षेत्रों में भी ऐसे लोगों की पेंशन लगवाई गई, जिनके पास दस-दस एकड़ तक जमीन है। स्थानीय नेताओं ने सरकार का रौब दिखाकर यह पेंशन बनवाई।

डायरेक्टर बोले-सभी जिलों को रिकवरी के आदेश दिए गए हैं
सभी 22 जिलों में गलत तरीके से बुढ़ापा पेंशन का लाभ लेने वाले लोगों से वसूली करने के लिए लेटर भेज दिया गया है। सभी जिला समाज सुरक्षा अधिकारियों से संबंधित लोगों से जल्द से जल्द रिकवरी करने को कहा गया है। यदि रिकवरी में विलंब हुआ तो अगली कार्रवाई की जाएगी।-दीपर्व लाकड़ा, डायरेक्टर सोशल सिक्योरिटी वूमेन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट

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