4 थर्मल प्लांटों से ग्राउंड रिपोर्ट:थर्मल प्लांटों में कोयला पर्याप्त तकनीकी खराबी से संकट बढ़ा
पंजाब में बिजली संकट:सरकारी दफ्तर आज से सुबह 8 से 2 बजे तक ही खुलेंगे, ज्यादा खपत वाले उद्योगों को 2 दिन बिजली नहीं मिलेगी
♦राज्य में बिजली संकट गहरा गया है। सभी थर्मल प्लांट अपनी हिस्सेदारी डाल रहे हैं पर फिर भी डिमांड के बराबर बिजली नहीं तैयार हो पा रही। namastaayindia.com टीम ने पाया कि फिलहाल किसी भी प्लांट में कोयले की कमी नहीं है। जून में गर्मी बढ़ी तो बिजली की डिमांड भी चरम पर पहुंच गई। इससे कई प्लांटों में खराबी आ गई। जिसे ठीक किया गया।
राजपुरा
नाभा पावर के नाम से 1400 मेगावाट का थर्मल प्लांट है। यहां 26 दिन का कोयला उपलब्ध है। यहां 1321 मेगावाट बिजली उत्पादन हो रहा है। अभी सभी मशीनें ठीक चल रही हैं। हालात सामान्य हैं।
तलवंडी साबो (मानसा)
प्लांट में 660-660 के 3 यूनिट हैं। अभी 2 चल रहे हैं। एक यूनिट 4 महीने से बंद है। सितंबर तक चालू होगा। 1234 मेगावाट बिजली उत्पादन हाे रहा है। यहां 24 दिन का कोयला है।
गुरु गोबिंद सिंह सुपर थर्मल प्लांट, रोपड़
840 मेगावाट कपैस्टी है। चारों यूनिट चल रहे हैं। 6 नंबर यूनिट में 26 जून को खराबी आ गई थी। उसे 1:05 बजे कई दिनों बाद चलाया गया।
गोइंदवाल साहिब
गोइंदवाल साहिब में स्थित जीवी के थर्मल पावर प्लांट के दोनों यूनिट पूरी क्षमता से 540 मेगावाट बिजली की पैदावार कर रहे हैं। प्लांट ऑपरेशन हेड विवेक शुक्ला ने बताया कि तकरीबन एक हफ्ता पहले टरबाइन खराब होने कारण प्लांट का एक यूनिट बंद हो गया था, जो 1 दिन से ज्यादा समय तक बंद रहा। प्लांट में इस समय तक 1.5 लाख टन कोयला मौजूद है।
माहिर बोले- बठिंडा प्लांट चलता होता तो नहीं बनते ये हालात
गुरु नानक देव थर्मल प्लांट के चार यूनिटों की क्षमता 460 मेगावाट थी। सरकार द्वारा डिमोलिश करने के बाद बिजली संकट गहराया है। बिजली माहिरों ने कहा कि थर्मल प्लांट चालू होता तो ये संकट नहीं आता।
सूबे का पारा हाई:लुधियाना में जेई को बंधक बनाया, जालंधर में 4 घंटे हाईवे जाम, बरनाला में पावर ग्रिड में घुसकर खुद चालू की बिजली
- बिजली कट से परेशान लोगों ने कहीं ट्रैक्टर लगा किया जाम ताे कहीं चौक पर दिया धरना, किसानाें ने मांगी 8 घंटे बिजली
बिजली कटों के खिलाफ वीरवार को प्रदेश भर में प्रदर्शन हुए। लुधियाना में ताजपुर रोड स्थित बिजली विभाग के दफ्तर पर तोड़फोड़ हुई और जेई को बंधक बना लिया। जालंधर में आदमपुर हाईवे जाम रखा। इसके अलावा किसानों 4 घंटे तक जालंधर-होशियारपुर हाईवे को भी जाम किया गया। कहीं पर तोड़फोड़ नहीं हुई। अमृतसर में भी प्रदर्शन हुए। बरनाला में किसान हिंसक होते हुए ग्रिड में घुस गए और तोड़फोड़ करते हुए बिजली खुद चालू कर दी।
कई जगह पावरकॉम अधिकारियों को मांगपत्र सौंपा। किसानों ने खेती के लिए 8 घंटे बिजली मांगी। बटाला में किसान संगठनों ने बुधवार आधी रात को प्रदर्शन किया क्याेंकि 300 गांवों में 7 घंटे से ज्यादा का कट लगा। मलोट में 200 लोगों ने गुरु नानक देव चौक में ढाई घंटे धरना दिया। होशियारपुर में ट्रैक्टर लगाकर जाम लगा दिया। पावरकॉम ने सूबे के सभी सरकारी दफ्तरों में 3 दिन एसी न चलाने की अपील की है।
पावरकॉम की अपील- सूबे में बिजली की कमी, सभी सरकारी दफ्तर 3 दिन एसी न चलाएं
बरनाला में दुकानदारों ने स्टेट हाईवे जाम किया इंडस्ट्री चेंबर में भी रोष, संघर्ष का किया एलान
42 डिग्री तापमान में पावर कट से लोगों का आक्रोश बढ़ रहा है। गांव चीमा में पावर कट लगने से गुस्साए लोगों ने बुधवार रात 11:00 बजे के करीब ग्रिड की तोड़फोड़ कर दी। वहीं, महलकला वालों में पावर कट से गुस्साए लोगों ने देर रात विरोध प्रदर्शन किया और खुद ही कटी हुई लाइट चालू कर दी। साथ ही चेतावनी दी कि अगर लाइट कटी तो पावरकॉम मुलाजिमों को बंधक बनाएंगे।
महल कला में दुकानदारों ने स्टेट हाईवे जाम करके धरना दिया। वहीं जिला इंडस्ट्री चेंबर ने सरकार के खिलाफ कड़े संघर्ष का ऐलान किया। पावरकॉम के कर्मचारी महेंद्र सिंह, रघुवीर सिंह व इंद्रजीत सिंह ने बताया कि रात को करीब 11:00 बजे चीमा ग्रिड पर गांव नाईवाल, जोधपुर, पत्ती के बड़ी संख्या में लोग आ गए। उन्होंने आते ही तोड़फोड़ शुरू कर दी। लोगों ने मेन गेट तोड़ दिया। इसके बाद ग्रेड के अंदर लगे शीशे के गेट को तोड़ दिया। सरकार के आदेश का वह पालन कर रहे हैं। अपनी तरफ से कुछ नहीं कर रहे हैं।
बटाला के 300 गांवों में 7 घंटे से अधिक का कट रात में लोगाें ने रोड जाम तो दिन में किए प्रदर्शन
300 गांवों में बुधवार दिन में कटी बिजली 7 घंटे तक नहीं आई तो बटाला में लोग देर रात ही जालंधर राेड पर 66केवी बिजली दफ्तर के सामने और नेहरू गेट नजदीक बिजली दफ्तर के सामने लोगों ने प्रदर्शन किया। वीरवार को भी दिन में कई जगहाें पर प्रदर्शन हुए।
पंजाब में मानसून के कदम ठहरे:बारिश के मौसम में बरसी गर्मी; 44 डिग्री पहुंचा प्रदेश का तापमान, 3 दिन से चल रही भीषण लू
मानसून की शुरुआती झमाझम से जो राहत मिली थी, उसे गर्म हवाएं बहा ले गईं। मानसून दो हफ्ते से अटका हुआ है, जिससे गर्मी लौट आई है। पंजाब समेत उत्तर भारत के राज्यों में पारा सामान्य से 7 डिग्री ऊपर चल रहा है। पंजाब में वीरवार को अधिकतम पारा 44 डिग्री के करीब था, जो इन दिनों 36-37 डिग्री रहता है। पंजाब के साथ दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़ और पश्चिमी यूपी के इलाके 3 दिन से जबरदस्त लू की चपेट में हैं। हुआ यूं कि केरल में दो दिन की देरी से पहुंचा मानसून इतना तेज दौड़ा कि 10 दिन में ही देश के 80% हिस्से में छा गया, लेकिन अब अटका हुआ है।
वहीं, पंजाब में 17 दिन एडवांस अमृतसर में मानसून ने दस्तक दी है। लेकिन जितनी तेजी से यहां पर मानसून पहुंचा, जो अभी आगे नहीं बढ़ पाया है। अमृतसर में मानसून अटक गया है। पिछले 10 सालों में पहली बार देखने को मिला है कि पंजाब में बरसाती सीजन में लू चलने लगी है। वहीं, मौसम विभाग के संकेत हैं कि अभी मानसून पूरे सूबे को 5 से 6 दिनों तक कवर नहीं कर पाएगा। हालांकि, उत्तर-पूर्वी पंजाब के जिलों में अगले 4 दिन बारिश के आसार बताए गए हैं, जबकि बाकी के पंजाब के जिलों में बीच-बीच में छिटपुट बूंदाबांदी हो सकती है और वहां पर लू के आसार भी हैं।
सूबे के कई जिलों में पारा 44 डिग्री तक पहुंच गया है। दरअसल, पाकिस्तान से आने वाली हवाएं पश्चिमी यूपी के आसमान में मानसूनी हवाओं को दो हफ्ते से रोके हुए हंै। मौसम विभाग का कहना है कि 3 जुलाई से अरब सागर से नम हवाएं गुजरात, राजस्थान और दिल्ली पहुंचने लगेंगी, तब राहत मिल सकती है लेकिन मानसून का ब्रेक 7 जुलाई तक जारी रह सकता है। इसके बाद बंगाल की खाड़ी से आने वाली हवाएं उत्तर भारत में पहुंचने लगेंगी, तब मानसून सक्रिय होगा। 11-12 को बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र भी बनेगा, जिससे कमजोर पड़े मानसून को ताकत मिलेगी।
मानसून में ब्रेक आम तौर पर इतना लंबा नहीं होता
मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि मानसून का रुख हमेशा एक जैसा नहीं रहता। हर साल मानसून में 5-6 दिन का ब्रेक आता है, लेकिन कुछ वर्षों में 10-12 दिन ब्रेक का भी रिकॉर्ड है। लेकिन, इस साल का ब्रेक सामान्य से कुछ ज्यादा है।
मुश्किल डगर है बारिश करने वाले बादलों की
पंजाब-हरियाणा-राजस्थान में लगातार पश्चिमी हवाएं चल रही हैं, जिसके चलते मानसून की उत्तरी रेखा का पूर्वी छोर 13 जून और पश्चिमी छोर 19 जून को जहां पहुंचा था, एक जुलाई को भी वहीं ठहरा रहा। अगले 7 दिन भी शायद आगे नहीं बढ़े।
- आईएमडी के मुताबिक, मानसून के दौरान जून में देशभर में 16.7 सेमी बारिश होती है, इस बार 18.3 सेमी बारिश हुई है। यानी मानसून के पहले महीने में सामान्य से 10% ज्यादा बारिश हुई है। मध्य भारत में सर्वाधिक 17% ज्यादा बारिश हुई है।
- वहीं पंजाब में 1 जून से लेकर 30 जून तक सूबे में 50 एमएम के करीब बारिश रिकार्ड हुई है, जो सामान्य ही है।
- मानसून रेखा अमृतसर, बाड़मेर, भीलवाड़ा, धौलपुर, अलीगढ़, मेरठ और अंबाला में बीते दो हफ्ते से अटकी हुई है। इस बार मानसून दस्तक देने के 10वें दिन ही चार राज्यों को छोड़ देश के 80% भूभाग में छा गया था। अब आगे नहीं बढ़ रहा है।
पंजाब में बिजली संकट:सरकारी दफ्तर आज से सुबह 8 से 2 बजे तक ही खुलेंगे, ज्यादा खपत वाले उद्योगों को 2 दिन बिजली नहीं मिलेगी
- धान के सीजन में कमजोर पड़ा मानसून, बढ़ती गर्मी में बिजली उत्पादन घटने से सूबे में जबरदस्त कटौती, लोगों में हाहाकार, 1500 मेगावाट बिजली की कमी बरकरार
धान के सीजन में कमजोर मानसून और कई थर्मल प्लांटों में कम प्रोडक्शन से बिजली संकट गहरा गया है। इस कारण शुक्रवार से सरकारी विभागों का समय सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक किया गया है, जाेकि 10 जुलाई तक लागू रहेगा। पर्सोनल विभाग की सुपरिंटेंडेंट प्रिया उप्पल की ओर से जारी रिलीज में सरकारी दफ्तरों में एसी नहीं चलाने के निर्देश दिए गए। हालांकि, इससे पहले सीएम की ओर से बताया गया था कि सरकारी दफ्तरों में एसी पर रोक का आदेश नहीं है।
1500 मेगावाट की कमी दूर करने के लिए पावरकॉम को ज्यादा खपत वाली इंडस्ट्री पर 48 घंटे का लॉकडाउन लगाना पड़ा है। लॉकडाउन के पहले दिन लोड 1000 मेगावाट कम हुआ है। इससे पहले 2016-17 में ऐसा संकट पैदा हुआ था। पंजाब में सबसे ज्यादा बिजली पैदा करने वाले तलवंडी साबाे थर्मल प्लांट में तीन यूनिट हैं और इसकी 1980 मेगावाट क्षमता है।
660 मेगावाट पैदा करने वाला यूनिट इस साल मार्च से खराब है। पावरकॉम अब इसे नोटिस जारी करेगा। पीएसपीसीएल के चेयरमैन ए वेणुप्रसाद ने कहा कि पंजाब में 3 जुलाई को मानसून एक्टिव होने की उम्मीद है। ऐसे में अगले सप्ताह डिमांड और सप्लाई सामान्य होने पर कट लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
यहां बंद रहेगी इंडस्ट्री
7 शहरों में 100 किलाेवाट से ज्यादा खपत वाली इंडस्ट्री को बिजली सप्लाई बंद रहेगी
बिजली संकट के कारण नाॅर्थ और सेंट्रल जाेन के 7 शहरों की 100 किलाेवाट से ज्यादा खपत वाली इंडस्ट्री में 48 घंटे का लाॅकडाउन लगाया है। नाॅर्थ जाेन जालंधर, कपूरथला, नवांशहर, होशियारपुर और सेंट्रल जोन के इलाकों लुधियाना के 5 सर्किल, खन्ना व मंडी गोबिंदगढ़ शामिल हैं। जो लोग प्रतिबंध को तोड़कर इंडस्ट्री को चालू रखेंगे उनका बिजली कनेक्शन काटा जा सकता है।
बिजली कट से ये बाहर…
सीवरेज प्लांट, न्यूज पेपर, खाद कारखाने, गैस प्लांट, शूगर मिल, वनस्पति मिल, मिल्क प्लांट, शराब डिस्टिलरी, फ्लोर मिल, आॅयल डिपो, एलपीजी डिपो, दवा निर्माता, एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट, पाॅल्यूशन कंट्रोल उपकरण।
इधर, सीएम की अपील पर इंजीनियर्स ने हड़ताल टाली
सीएम अमरिंदर ने पीएसपीसीएल इंजीनियर्स से हड़ताल खत्म करने की अपील की। सीएम ने कहा धान के लिए ज्यादा बिजली की जरूरत है। अपील के बाद इंजीनियर्स ने हड़ताल टाल दी।
बिजली न मिलने पर किसानाें में रोष, आज हाईवे राेकेंगे
धान को 8 घंटे बिजली नहीं मिल पा रही। किसान शुक्रवार को कई जगह धरना दे हाईवे रोकेंगे। बिजली कट से दुखी लोगों ने कई जिलों में प्रदर्शन किया।
यहां दूसरे दिन भी कट
सूबे में वीरवार को भी कट लगते रहे। नवांशहर में वीरवार दाेपहर 5 घंटे बिजली बंद रही। माेगा में 1 घंटे का कट लगा। अमृतसर में करीब दाे घंटे तक कट लगा। बरनाला के महलकला में लोगों ने देर रात विरोध में खुद ही लाइट जोड़ दी और कहा, कट लगा तो बंधक बनाया जाएगा।
- मानसून कमजोर पड़ने से किसान दिन-रात मोटरें चला खेत पानी से भर रहे हैं। खेतीबाड़ी सेक्टर में डिमांड बढ़ी है। पीएसपीसीएल के चेयरमैन ए वेणुप्रसाद ने फसली चक्र में बदलाव की मांग की। कहा धान की पैदावार के कारण ग्राउंड वाटर बहुत नीचे चला गया है। खेतों में अब ज्यादा पावर की मोटरें लग गई हैं।