Electro homoeopathy: इलेक्ट्रो होम्योपैथी में सम्भावनाएँ हैं अपार, आजमा लो एकबार
इलेक्ट्रो होम्योपैथी के दिग्गजों में शुमार डॉ. सुरेन्द्र पांडेय, डॉ. प्रभात सिन्हा, नई दिल्ली, डॉ. अनिल श्रीवास्तवा बस्ती, डॉ. केके पाठक, जबलपुर, डॉ. परमिंदर एस पांडेय, मुम्बई, डॉ. हरविंदर सिंह बठिंडा, डॉ. परवीन कुमार बरेली, डा गुरूशरण सतसंगी, सिवान, डॉ. आर के त्रिपाठी बलरामपुर, डॉ. राजबीर गोस्वामी, के मुताबिक चिकित्सा के जगत में यह एक तेजी से उभरता हुआ क्षेत्र है, जिसमें करियर को लेकर अपार सम्भावनाएँ हैं। मेडिकल की अन्य शाखाओं की तुलना में इलेक्ट्रो होम्योपैथी की पढ़ाई सस्ती है इसलिये जो छात्र चिकित्सा के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं लेकिन, पैसों के अभाव के चलते ऐसा नहीं कर पाते, उनके सपने पूरे करने के लिये यह एक शानदार क्षेत्र है। विभिन्न सरकारी अस्पतालों और डिस्पेंसरियों में डिप्लोमा/डिग्री धारक को योग्यता और अनुभव के आधार पर आराम से 10 से 40 हजार रुपए तक वेतन मिल जाता है। अपना क्लीनिक खोलने पर आप अपनी योग्यता के हिसाब से जितना चाहें कमा सकते हैं। इतना ही नहीं विदेशों में तो और भी अच्छे वेतन पर आप काम कर सकते हैं।
इलेक्ट्रो होम्योपैथी में -पौधों का औषधीय अर्क निकालकर उसका इस्तेमाल विभिन्न रोगों में आल्टरनेट थेरेपी के तौर पर किया जाता है। इस चिकित्सा पद्धति के अनुसार रोग के लक्षण और औषधि के लक्षण में जितनी अधिक समानता होगी, रोगी के ठीक होने की सम्भावना भी उतनी अधिक बढ़ जाएगी। इस थेरेपी का मुख्य काम रक्त में आई अशुद्धियों को दूर कर शरीर को बीमारियों से मुक्त बनाना है।
कैसे काम करती है यह
इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा विज्ञान की वह शाखा है। जिसमें सभी प्रकार की बीमारियों के लिये सिर्फ पेड़-पौधों के अर्क का इस्तेमाल किया जाता है। इस पद्धति द्वारा इलाज के दौरान किसी भी जानवर या अन्य किसी प्रकार के खनिज स्रोत का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। यह पद्धति पूरी तरह प्राकृतिक तरीकों से इलाज करती है। यह पूरी तरह सुरक्षित और बिना किसी साइड इफेक्ट के काम करने वाली थेरेपी है।MEH alternative medical College jabalpur (MP) के डायरेक्टर Dr Ausutosh patakh कहते हैं कि अवसाद, आर्थराइटिस, माइग्रेन, अल्सर और अन्य अनेक प्रकार की गम्भीर बीमारियों का इलाज इस थेरेपी से सफलतापूर्वक किया जा सकता है।
योग्यता
इस कोर्स में डिप्लोमा और डिग्री दोनों स्तरों पर दाखिला लिया जा सकता है। डिप्लोमा कोर्स (D.E.H.M.) में दाखिला लेने के लिये दसवीं कक्षा अथवा उसके समकक्ष होना जरूरी है। वहीं डिग्री कोर्स (B.E.M.S.) के लिये 10+2 विज्ञान में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी विषयों के साथ उत्तीर्ण आवश्यक है। विज्ञान विषय में स्नातक भी इस कोर्स के लिये आवेदन कर सकते हैं। CCM institute of Electro homoeopathy &EH Hospital, Bathinda Punjab के Dr. Prof. Harvinder Singh कहते हैं कि यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि U.G.C. या MCI जैसे मान्यता प्राप्त संस्थान उपरोक्त कोर्स को मान्यता नहीं देते। हालांकि इसे मान्यता देने पर सरकार अब विचार कर रही है। आईडीसी कमेटी के पास मान्यता का केस पेंडिंग है। सरकार ने इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के प्रेक्ट्रिशियनर को सेल, डेवलपमेंट, प्रमोशन यानी प्रेक्टिक्स, रिसर्च, एजूकेशन, मेडिसिन सेल आदि का अधिकार है।
अवसर
इलेक्ट्रो होम्योपैथिक फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. परमिंदर एस पांडेय के मुताबिक चिकित्सा के जगत में यह एक तेजी से उभरता हुआ क्षेत्र है, जिसमें करियर को लेकर अपार सम्भावनाएँ हैं। मेडिकल की अन्य शाखाओं की तुलना में इलेक्ट्रो होम्योपैथी की पढ़ाई सस्ती है इसलिये जो छात्र चिकित्सा के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं लेकिन, पैसों के अभाव के चलते ऐसा नहीं कर पाते, उनके सपने पूरे करने के लिये यह एक शानदार क्षेत्र है। विभिन्न सरकारी अस्पतालों और डिस्पेंसरियों में डिप्लोमा/डिग्री धारक को योग्यता और अनुभव के आधार पर आराम से 10 से 40 हजार रुपए तक वेतन मिल जाता है। अपना क्लीनिक खोलने पर आप अपनी योग्यता के हिसाब से जितना चाहें कमा सकते हैं। इतना ही नहीं विदेशों में तो और भी अच्छे वेतन पर आप काम कर सकते हैं।
क्या है इलेक्ट्रो होम्योपैथी
JP Electro Homoeopathy medical college, sivaan Bihar के Dr. Guru sharan satsangi कहते हैं कि इस चिकित्सा पद्धति का नाम सुनकर दो तरह की भ्रांतियां व्यक्ति के मन में आती है। (1) क्या यह कोई करंट थेरेपी है? जिसमें उपचार के लिए इलेक्ट्रिक सेक या करंट दिए जाते हैं। (2) यह कोई होम्योपैथी की शाखा होगी।
ये दोनों ही धारणाएं सर्वथा गलत है। यह न तो करंट थेरैपी है और ना ही यह होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति है। यह अपने आप में एक नवीन व अलग चिकित्सा पद्धति है। वास्तव में यहां इलेक्ट्रो व होम्यो शब्द प्रयुक्त होने के कारण भ्रांति स्वाभाविक है, लेकिन यहां पर इन दोनों को ही भिन्न प्रकार के अर्थ में प्रयुक्त किया है।
इलेक्ट्रो होम्योपैथी के मशहूर ट्रेनर और लेखक डा. आरके त्रिपाठी बलरामपुर कहते हैं कि
इलेक्ट्रो शब्द इलेक्ट्रिसिटी के अर्थ में तथा होम्यो-समानता के अर्थ में प्रयोग हुआ है। Homoeostasis अवधारणा का उपयोग और वर्तमान इलेक्ट्रोड्स अथवा बॉडी में पाए जाने वाले एना आयन व केटा आयन से भी इलेक्ट्रो होमियो शब्द की व्याख्या करने का प्रयास हो ही रहा है। बरहाल दोनों शब्दों का अर्थ किसी भी रूप में समझे या समझाएं, यह निश्चित है कि Electricity व Similarity से ही इलेक्ट्रो व होमियो शब्द निकला है इसकी विस्तृत व्याख्या इस प्रकार है :-
इलेक्ट्रोहोम्योपैथी 3 शब्दों का समुच्चय है :-
इलैक्ट्रो/Electro :– मनुष्य शरीर एवं वनस्पति में भगवान के द्वारा दी हुई दो शक्तियां होती है पहली ऋणात्मक वह दूसरी धनात्मक इन्हें शरीर की इलेक्ट्रिसिटी कहते हैं यह धनात्मक/ positive एवं ऋणआत्मक /negative शक्तियां जब शरीर में समान होती है तो वह स्वास्थ्य /healthy अवस्था कहलाती हैं। इन शक्तियों अर्थात इलेक्ट्रिसिटी की शरीर में असमानता रोग/ diseases कहलाती है। अर्थात इलेक्ट्रिसिटी के लिए ही यहां इलेक्ट्रो शब्द लिया गया है ना कि कोई करंट से संबंध है।|
होमियो/Homeo :– यह एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है समानता अर्थात किसी असमानता को समानता में बदलना। क्योंकि इस चिकित्सा पद्धति में शारीरिक इलेक्ट्रिसिटी की असमानता/रोग/disease को पौधों की इलेक्ट्रिसिटी से समानता/स्वस्थता/health में बदला जाता है इस लिए यहां होमियो शब्द प्रयोग में लिया गया है। अर्थात होमियो शब्द का यहां पर होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति से कोई संबंध नहीं है।
पैथी/pathy :- इसका अर्थ है कोई चिकित्सा पद्धति या चिकित्सा साइंस। कुल मिलाकर इलेक्ट्रोपैथी वह वैज्ञानिक चिकित्सा पद्धति है जो हमें पेड़ पौधों की इलेक्ट्रिसिटी से मनुष्य शरीर की असमान इलेक्ट्रिसिटी/disease को समान/healthy/cure करना सिखाती है।
इलेक्ट्रोपैथी सिद्धांत एवं आधार
Complexa-complexis curenter संयुक्त का संयुक्त से शमन
ट्रेनर डॉ. राजबीर गोस्वामी बताते हैं कि
मैटी जी का कहना था अपना शरीर एवं शरीर के अंग सब जुड़े हुए (complex) हैं अतः यदि रोग पैदा होता है तो वह संपूर्ण अंग को प्रभावित करता है। इस प्रभावित अंग को ठीक करने के लिए हमें कोई complex medicine संयुक्त औषधि ही देनी होगी।
रस व रक्त का अशुद्ध होना ही रोगों का कारण
रसे: रक्त: च शुद्ध प्राणी दीर्घायु रापनौती का सिद्धांत हमारे भारतवर्ष में कई सदियों से प्रचलित है। मनुष्य (जीवों) के शरीर में दो प्रकार के चैतन्य तरल रक्त (blood) एवं रस (Lymph) निरंतर शरीर में भ्रमण कर जीवन व स्वास्थ्य प्रदान करते हैं। इनका शुद्ध अवस्था में संपूर्ण शरीर में भ्रमण स्वास्थ्य को बनाए रखने के साथ-साथ शारीरिक विकास में सहायक होता है तथा इन दोनों का अशुद्धता के साथ शरीर में भ्रमण रोग उत्पत्ति का कारण बनता है एवं शारीरिक क्षति को जन्म देता है। इस विज्ञान सम्मत तथ्य को मेटी ने न केवल स्वीकार किया बल्कि इलेक्ट्रोपैथी के प्रमुख सिद्धांतों में शामिल करते हुए कहा कि “vitiation of Lymph and Blood is causes of diseases”
इलेक्ट्रोपैथी का औषधीय आधार केवल और केवल पेड़ पौधे हैं। अर्थात 100% हर्बल
Doctor parbath Sinha, new delhi कहते हैं की
इलेक्ट्रोपैथी की सभी औषधियां वनस्पति जगत से निर्मित है। इस पद्धति के अलावा अन्य पद्धतियों में औषधियों का निर्माण पादप जगत के अलावा खनिज-लवण जीव-जंतुओं तथा संश्लेषित रसायनों द्वारा होता है तथा यह औषधियां मानव शरीर पर कई हानिकारक और अहितकर प्रभाव डालती है। परंतु एकमात्र इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति की संपूर्ण औषधियां पूर्ण रूपेण पौधों पर आश्रित होने के कारण हानि रहित होती है। मेटी की स्पष्ट सोच थी कि हमारा भोजन पेड़-पौधे ही हैं, तो रोगों की चिकित्सा भी हमें इन प्रकृति प्रदत्त पेड़ पौधों में ही हो जानी चाहिए तभी हम अपने को हमेशा निरोग व स्वस्थ रख सकते हैं।
इलेक्ट्रोपैथी ही क्यों ? :-
काफी लोग पूछते हैं कि इलेक्ट्रोपैथी ही क्यों अपनाएं! वर्तमान समय में तो आयुर्वेद, एलोपैथी, होम्योपैथी जैसी अनेक विकसित पद्धतियां प्रचलित है फिर क्यों इलेक्ट्रोपैथी दवाओं का सेवन करें? मित्रों, विज्ञान निरंतर श्रेष्ठतम की खोज में रहा है| विज्ञान द्वारा किया गया सबसे बाद का आविष्कार ही सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इलेक्ट्रोपैथी, चिकित्सा विज्ञान की सबसे कम उम्र की पद्धति है। इसलिए निसंदेह यह पद्धति श्रेष्ठ होनी चाहिए।
सोशल मीडिया पर इलेक्ट्रो होम्योपैथी पद्धति की निःशुल्क शिक्षा देने वाले डाक्टर अनिल श्रीवास्तव, बस्ती (यूपी) कहते हैं कि
इलेक्ट्रोपैथी के जन्मदाता काउंट सीजर मेटी का यह प्रयत्न रहा कि उस समय में प्रचलित सभी पद्धतियों के अवगुणओं अर्थात कमियों से छुटकारा कैसे मिले इसी विचार ने इलेक्ट्रोपैथी को जन्म दिया और मेटी साहब ने प्रयत्नपूर्वक उस समय में प्रचलित पद्धतियों के अच्छे गुणों का समावेश इलेक्ट्रोपैथी में किया तथा उनके गुणों का समाधान भी इस पद्धति के साथ जोड़ा। वह कौन सी अच्छाइयां हैं जो हमें इलेक्ट्रोपैथी को ही अपनाने की दिशा दिखाती है? आइए जानते हैं
(1) ऐसी दवाएं जो प्रकृति प्रदत्त हों अर्थात केमिकल्स, मेटल्स या एनिमल्स के बाहरी प्रयोग से न बनी हो अर्थात इलेक्ट्रोपैथी पूर्णत: प्राकृतिक है, क्योंकि इसकी सारी दवाओं का आधार केवल और केवल पेड़ पौधे हैं। अर्थात इलेक्ट्रोपैथी एक संपूर्ण हर्बल चिकित्सा विज्ञान है|
(2) कोई ऐसी समग्र पैथी हो जो रोगों को जड़ मूल से बाहर निकाल दें। अर्थात इलेक्ट्रोपैथी में यह गुण अन्य चिकित्सा पद्धतियों की बजाय बहुत अधिकता से विद्यमान है।
(3) रोग को जड़मूल से निकालने के साथ उन दवाओं का शरीर के किसी भी अंग पर दुष्प्रभाव(Drug bad effect or side effect) नहीं हो, अर्थात इलेक्ट्रोपैथी की दवाएं पूर्णत: हानिरहित है इनका कोई दुष्प्रभाव(side effect) नहीं है।
(4) दवाएं शीघ्र लाभ देने वाली हो, भागदौड़ के इस युग में इंतजार कर पाना मुश्किल है।
अर्थात इलेक्ट्रोपैथी दवाएं नवीन रोगों पर शीघ्र प्रभावी है कुछेक पुराने रोगों (chronic diseases) की जरूर कुछ लंबी चिकित्सा चलती है, जो रोग मुक्ति के लिए जरूरी भी है।
(5) दवाई लेने में सरल हो जिसे बच्चे, बूढ़े, जवान सभी स्तर के लोग, रोगों की विभिन्न अवस्थाओं में आसानी से ले सके। अर्थात इलेक्ट्रोपैथी की दवाएं लेने में बहुत सरल है इनको तरल रूप में पाउडर में टेबलेट्स में सिरप रूप में कैप्सूल अवस्था में तथा इंजेक्शन के सहयोग से भी रोगी के शरीर में पहुंचाया जा सकता है।
(6) आपातकालीन एवं दुर्घटना जनित स्थितियों को छोड़कर शल्यक्रिया कि कम से कम आवश्यकता पड़े। अर्थात इलेक्ट्रोपैथी शल्यक्रिया संबंधित अनेक रोगों को केवल दवाओं के सेवन से ठीक करने में समर्थ है। जैसे टॉन्सिलाइटिस, साइनोसाइटिस पाइल्स युटेरस फाइब्रॉयड, युटेरस सिस्ट, गाल ब्लैडर स्टोन, किडनी स्टोन इत्यादि।
*डॉक्टर ऋतेश श्रीवास्तव +919216000037
प्रमुख संस्थान
1. CLS council of Electro homoeopathy, thane, Maharastra Dr Surinder pandaye+91 90042 55648
2. CCM institute of Electro homoeopathy &EH Hospital, Bathinda Punjab Dr.Harvinder Singh+91 90412 22271
3 Electro homoeopathy & alternative medicine board up (Nice Medical colleage barelli) Dr parveen kumar+91 86304 50312
4.Medical Board of Alternative System of Medicines, new Delhi(MEH alternative medical College jabalpur (MP)Dr Ausutosh patakh +91 95891 89994
5. JP Electro Homoeopathy medical college, sivaan Bihar
Dr. Guru sharan satsangi+
*SenioR TrainerS
Dr RK Tripathi, Balrampur writer and EH trainer +91 99356 56181
Dr Rajbeer Gousowami EH trainer
+91 92137 89045
Dr Anil Shrivastav, basti writer and EH online class creater +91 97932 52355