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पंजाब में हुआ बड़ा बीज घोटाला, मंत्री सुखजिंदर के करीबी का नाम आया सामने

पंजाब में बीज घोटाले का मामला काफी तूल पकड़ता जा रहा है। शिअद, कांग्रेस के मंत्रियों के खिलाफ हमले बोल रहा है। इसी क्रम में बठिंडा में शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री सिकंदर सिंह मलूका की अगुवाई में अकाली दल के सभी हलका इंचार्ज डीसी बठिंडा से मिले व राज्य के राज्यपाल के नाम एक मांगपत्र सौंपकर उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। अकाली दल के हलका इंचार्ज सरुपचंद सिंगला, अमीत रत्न, दर्शन सिंह कोटफत्ता, जगदीप सिंह नकई, अमीत रत्ना की तरफ से डीसी बठिंडा को शिकायत पत्र सौंपा गया।

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नई दिल्ली। पंजाब (Punjab) में एक बड़े घोटाले को लेकर खुलासा हुआ है। जहां एक तरह पूरे देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) संकट ने देश के किसानों की कमर तोड़ दी है तो वहीं दूसरी तरफ पंजाब के सहकारिता मंत्री सुखजिंदर रंधावा के एक करीबी कारोबारी पर बीज घोटाले के आरोप लगे हैं। बता दें इस कारोबारी ने बिना किसी मान्यता के 70 रुपए वाली बीज को 200 रुपए में बेचा है।

हरियाणा की है फैक्ट्री
बता दें कि जिस फैक्ट्री ने यह बीज बेचे हैं, वह पंजाब सरकार के सहकारिता मंत्री सुखजिंदर रंधावा के विघानसभा क्षेत्र में आती है। जिसका मालिक लक्की है। इसकी कंपनी एग्री सीड हरियाणा के करनाल में स्थित है। मगर यह पंजाब में बिना किसी मान्यता के सरकारी बीज बेच रहा है। वह बीज जिसे सरकार ने बाहर बेचने की इजाजत भी नहीं दी है।

कृर्षि विश्वविद्यालय ने तैयार किए थे बीज
गौरतलब है कि पंजाब सरकार ने लुधियाना कृर्षि विश्वविद्यालय में धान की फसल के दो बीज तैयार कराए थे। जिन्हें सरकार ने अभी बाहर बेचने की इजाजत नहीं दी है। यह बीज केवल कृर्षि विश्वविद्यालय 70 रुपए के हिसाब से बेच सकता था मगर विश्वविद्यालय से बाहर बराड़ सीड स्टोर पर इस बीज का भारी स्टोर पकड़ा गया है। जिसकी जांच में पाया गया है कि यह बीज हरियाणा की एग्री सीड नाम की कंपनी ने सप्लाई किया है। जो कि पंजाब के मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के करीबी की है।

विपक्ष ने विरोध प्रदर्शन की दी चेतावनी

फिलहाल पंजाब पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है। पंजाब की राजनीति में अब इस घोटाले ने तूल पकड़ ली है। राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी अकाली दल इसे जोर-शोर से उछाल रही है। अकाली दल ने इस मामले में केंद्रीय जांच एजेंसियों से जांच कराने की मांग की है। साथ ही 28 मई को एक बड़ा विरोध प्रर्दशन भी बुलाया है। वहीं सरकार की तरफ से सुखजिंदर रंधावा ने खुद इस मामले पर अपनी चुप्पी साध रखी है। जिस कारण पूरी तरह इस घोटाले को लेकर बैकफुट पर है।

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