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MP में संडे लॉकडाउन फेल:इंदौर, भोपाल और जबलपुर में लॉकडाउन के बाद नए केसों की रफ्तार बढ़ी, पर महाराष्ट्र जैसी स्ट्रैटजी यहां अब भी नहीं

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भोपाल। मध्य प्रदेश में लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू के बावजूद कोरोना के नए केसों की रफ्तार बढ़ रही है। खासतौर से इंदौर, भोपाल और जबलपुर में लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू बेअसर नजर आ रहा है और हालात बिगड़ते जा रहे हैं। इंदौर में नए केस मिलने की रफ्तार संडे लॉकडाउन के बाद दोगुनी हो गई है। यहां लॉकडाउन से पहले करीब साढ़े तीन सौ केस मिल रहे थे और अब रोजाना 700 केस आ रहे हैं। भोपाल में रोजाना करीब 500 मरीज मिल रहे हैं, जबकि ये संख्या पहले 400 से कम थी। जबलपुर की बात करें तो यहां पाबंदियों से पहले रोजाना 100 मरीज आ रहे थे और अब ये संख्या 175 के करीब पहुंच चुकी है।

महाराष्ट्र ने तरीका बदला, ट्रेसिंग-सीलिंग पॉलिसी के अलावा लंबा लॉकडाउन
बिगड़ते हालात के बावजूद मध्य प्रदेश के ज्यादातर शहरों में केवल संडे लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू लागू है। जबकि, महाराष्ट्र सरकार ने स्ट्रैटजी बदली है। महाराष्ट्र में हर दिन करीब 30 हजार केस आ रहे हैं। यहां पॉजिटिविटी रेट 23.44% पहुंच चुका है। अब यहां जिन इलाकों में ज्यादा केस आ रहे हैं, उनको सील कर दिया जा रहा है। जिन जिलों में केस ज्यादा सामने आ रहे हैं, वहां लॉकडाउन लगाया जा रहा है, पर मध्य प्रदेश की तरह हफ्ते में केवल एक दिन नहीं। ऐसे जिलों में 7 से 15 दिन तक लॉकडाउन लगाया जा रहा है ताकि केसों पर लगाम लग सके। मंुबई में जिन सोसाइटियों में 5 से ज्यादा केस निकल रहे हैं, उन्हें भी सील कर दिया जा रहा है।

परभणी में ज्यादा मामले सामने आए तो वहां 24 मार्च से 31 मार्च तक लॉकडाउन लगाया गया। बीड में 26 से 4 अप्रैल, नांदेड़ में 25 मार्च से 4 अप्रैल और नंदूरवार में 31 मार्च से 15 अप्रैल तक लॉकडाउन लगाया गया है।

मध्य प्रदेश में हालात बदले, पर कोरोना से लड़ने की स्ट्रैटजी नहीं

इंदौर, भोपाल और जबलपुर सहित 13 शहरों में कोरोना के मामलों में तेजी देखते हुए संडे लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू लगाया गया है। लेकिन, लॉकडाउन और कर्फ्यू बेअसर ही है। भीड़ लगातार नजर आती है। सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का पालन भी नहीं होता दिख रहा। भास्कर ने भोपाल में टेस्टिंग और उनके नतीजों की जानकारी मांगी। एरिया के हिसाब से ट्रेसिंग का डेटा मांगा, लेकिन प्रशासन इस जानकारी पर पर्दा डाल रहा है। 15 दिन पूछताछ के बावजूद ये जानकारी नहीं दी गई यानी संक्रमण कहां और कितनी तेजी से फैल रहा है, ये अभी तक स्पष्ट नहीं है।

हालांकि, इंदौर में प्रशासन जागरूक है। यहां एरिया के हिसाब से डेटा जारी किया जा रहा है। प्रदेश की बात करें तो पॉजिटिविटी रेट 10% पहुंच गया है। बीते 7 दिन में कुल 172894 टेस्ट हुए। 15883 लोग पॉजिटिव निकल चुके हैं। यानी जिस रफ्तार से पिछले साल सितंबर में केस मिल रहे थे, वही रफ्तार अब लौट आई है।

MP में अगले 15 दिन अहम, संक्रमण के मामले और बढ़ेंगे

कार्रवाई की बात करें तो भोपाल में सख्ती अब शुरू हुई है। मास्क नहीं पहनने पर सख्ती करते हुए जुर्माना वसूला जा रहा है, पर भीड़-भाड़ वाले इलाकों में अभी भी ढिलाई है। अधिकतम 100 लोगों की पाबंदी के बाद भी लगातार ऐसे कार्यक्रम हो रहे हैं, जहां भीड़भाड़ ज्यादा है।

हमीदिया अस्पताल के रिटायर्ड अधीक्षक डॉ. एसके सक्सेना ने कहा कि अभी के हालात देखते हुए कहा जा सकता है कि आने वाले 15 दिन अहम रहेंगे। 15 अप्रैल तक कोरोना के केस बढ़ेंगे। संक्रमण बढ़ने का सबसे बड़ा कारण लोगों का आना-जाना है और इस पर कंट्रोल जरूरी है।

छत्तीसगढ़: रोजाना 3 हजार केस पर लॉकडाउन कहीं नहीं

छत्तीसगढ़ में रोजाना औसतन तीन हजार केस आ रहे हैं। बुधवार को 4563 केस आए थे। पाजिटिविटी रेट 7% तक पहुंच गया है। जिलों के शहरी क्षेत्रों में नाइट कर्फ्यू लगा है। बड़े और व्यस्त शहरों में रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक और छोटे शहरों में रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक दुकानें-कारोबारी संस्थान बंद हैँ। लॉकडाउन कहीं नहीं है।

राजस्थान: 1300 केस रोजाना, यहां पर भी सिर्फ नाइट कर्फ्यू

राजस्थान में अब रोजाना 1300 केस आ रहे हैं। यह संख्या 21 मार्च को 476 थी। तभी से जयपुर, अजमेर समेत 8 शहरों में नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया, पर केसों की रफ्तार नहीं थमी। 31 मार्च के बाद ये रफ्तार और बढ़ गई।

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