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गलतफहमी में न रहें:माउथवॉश करने से भी कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा कम नहीं होता, नाक में मौजूद वायरस कुछ ही समय में गले तक पहुंच जाता है

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कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के साथ ही साइंटिस्ट इसे मारने या फैलने से रोकने के तरीके ढूंढने में लग गए। साल 2020 और 2021 में इससे जुड़े एक आइडिया पर साइंटिस्ट रिसर्च करने में लग गए कि माउथवॉश से कोरोना वायरस को मारा जा सकता है, लेकिन अब एक्सपर्ट्स का मानना है कि माउथवॉश से कोरोना वायरस मरता नहीं है।

अंतरराष्ट्रीय वायरस विशेषज्ञों की एक टीम ने पिछले साल यह दावा किया था कि माउथवॉश कोरोना वायरस को खत्म कर सकता है और कोविड-19 से बचा सकता है। शोधकर्ताओं ने कहा था कि कोरोना वायरस के चारों तरफ एक चर्बी से बनी खोल होती है जिसे माउथवॉश में मौजूद रसायन गला सकते हैं। इस तरह इसे मुंह में ही खत्म करके गले तक पहुंचने से रोका जा सकता है।

इस रिसर्च को लेकर शोधकर्ताओं ने कहा था कि माउथवॉश में क्लोरहेक्सिडिन ग्लूकोनेट, हाइड्रोजन परऑक्साइड और पोविडोन-आयोडीन जैसे रसायन होते हैं। इन सभी में संक्रमण को रोकने की क्षमता है। कोरोना की ऊपरी सतह ग्लाइकोप्रोटीन की होती है। यही इम्यून सिस्टम पर हावी होते हुए शरीर में कोशिकाओं को संक्रमित करती है।

बाहरी सतह गलने पर कोशिकाओं को संक्रमित नहीं कर पाता वायरस

इस रिसर्च में शोधकर्ताओं ने कहा था कि माउथवॉश में मौजूद रसायन कोरोना वायरस में ग्लाइकोप्रोटीन से बनी ऊपरी सतह को गलाने की कोशिश करते हैं। एक बार जब इसकी बाहरी सतह गलने लग जाती है तो यह वायरस कोशिकाओं को संक्रमित नहीं कर पाता है।

माउथवॉश के कोरोना पर असर को लेकर लगातार होती रही स्टडी

एक्सपर्ट्स का मानना है कि माउथवॉश कोरोना वायरस की बाहरी खोल को तोड़ सकते हैं, लेकिन कोरोना से लड़ने के लिए माउथवॉश प्रभावी है या नहीं, इस पर पर्याप्त रिसर्च नहीं हुई है। गला और लार ग्रंथियां वायरस रिप्रोडक्शन के लिए हॉट स्पॉट के रूप में जानी जाती हैं, लेकिन यह इंफेक्शन का प्राइमरी टारगेट नहीं है।

हालांकि कुछ स्टडी में पाया गया है कि कुछ माउथवॉश वायरस को नष्ट कर सकते हैं, लेकिन ये रिजल्ट केवल उन लोगों में पाए गए, जो बहुत लंबे समय तक वायरस से संक्रमित नहीं थे।

कुछ स्टडी में इस बात की भी पुष्टि हुई कि कुछ माउथवॉश सलाइवा में वायरस का लेवल कम या फिर पूरी तरह खत्म भी कर सकते हैं, अगर माउथवॉश का इस्तेमाल 30 सेकेंड के लिए किया गया हो। हालांकि रिसर्चर्स उस वक्त भी ऐसी सिफारिशें करने से बचते रहे।

एक माउथवॉश कंपनी लिस्टरीन के मेकर्स ने अपने स्टेटमेंट में कहा था कि ऐसा कोई सबूत उन्हें नहीं मिला है कि माउथवॉश से कोरोना वायरस खत्म हो जाता है।

माउथवॉश के कोरोना पर असर को लेकर क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

माउथवॉश कई तरह के बैक्टीरिया मार सकता है और हाइजीन के लिए जरूरी भी है, लेकिन अब तक ऐसे कोई सबूत नहीं मिले हैं कि यह कोरोना संक्रमण को फैलने से रोक सकता है। इस बात का भी कोई सबूत नहीं है कि यह सक्रिय संक्रमणों के उपचार में प्रभावी है।

  • एक्सपर्ट्स के मुताबिक नया कोरोना वायरस नेजल पैसेज यानी नाक से मिला है, इसलिए माउथवॉश अगर इफेक्टिव भी है, तो नाक में वायरस रह ही जाते हैं। कुछ समय बाद ये वायरस नाक से गले तक पहुंच जाते हैं।
  • अब तक कोई लार्ज स्केल क्लिनिकल स्टडी नहीं हुई है, जिससे यह पता चले कि माउथवॉश कोरोना वायरस को फैलने से रोकता है या फिर उसे खत्म कर सकता है।

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