LIVE: भारत-चीन सीमा विवाद / गलवान में मेजर जनरल स्तर की बातचीत बेनतीजा; जयशंकर ने कहा- सीमा पर जो हुआ, उसके लिए चीन ही जिम्मेदार
भारत और चीन के विदेश मंत्रियों ने फोन पर चर्चा की, दोनों पक्ष शांति से मसला समझाने के पक्ष में भारत, रूस और चीन के बीच 23 जून को होने वाली विदेश मंत्री स्तर की त्रिपक्षीय बातचीत स्थगित की गई
लद्दाख. गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के लिए भारत ने सीधे तौर पर चीन को जिम्मेदार ठहराया है। इस मामले पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच फोन पर चर्चा हुई। विदेश मंत्री ने कहा कि सीमा पर जो कुछ भी हुआ है, उसके लिए चीन जिम्मेदार है और यह कदम उसने सोच-समझकर उठाया था।
इस बीच सीमा पर तनाव कम करने के लिए करने के लिए दोनों देशों के बीच मेजर जनरल स्तर पर बातचीत हुई। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रोें के हवाले से बताया कि इस बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला है। गलवान में हालात जस के तस हैं। आने वाले दिनों में दोनों पक्षों में और बातचीत होगी।
दोनों पक्ष समझौतों का सम्मान करें और एकतरफा कार्रवाई ना करें- भारत
- न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने बताया कि दोनों पक्ष जल्द से जल्द सीमा पर तनाव खत्म करना चाहते हैं। दोनों पक्ष चाहते हैं कि मसले का हल न्याय संगत तरीके से निकाला जाए। चीन के विदेश मंत्री ने भारत से अपील की है कि विवाद के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा दी जाए और फ्रंट लाइन पर तैनात जवानों को नियंत्रण में रखे।
- एस जयशंकर ने कहा कि सीमा पर इस घटना का द्विपक्षीय संबंधों पर गहरा असर पड़ेगा। वक्त की मांग यही है कि चीन अपने इस कदम का फिर से मूल्यांकन करे और कदम उठाए।
- उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों को हाई लेवल पर बनी सहमति को समझना चाहिए और उसे गंभीरता से लागू करना चाहिए। द्विपक्षीय समझौतों का दोनों ही पक्ष पालन करें। तय की गई लाइन ऑफ कंट्रोल का सम्मान करें और इसे बदलने के लिए कोई एकतरफा कार्रवाई ना करें।
मोदी ने कहा- हमारे सैनिक मारते-मारते मरे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘‘जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। देश की संप्रभुता सर्वोच्च है। देश की सुरक्षा करने से हमें कोई भी रोक नहीं सकता। हमारे दिवंगत शहीद वीर जवानों के विषय में देश को इस बात का गर्व होगा कि वे मारते-मारते मरे हैं।”
झड़प के करीब 36 घंटे बाद पहली बार भारत की तरफ से पहला बयान जारी हुआ। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने का कि गलवान में सैनिकों ने अदम्य साहस दिखाया। देश उनकी शहादत हमेशा याद रखेगा।
अपडेट्स…
- प्रधानमंत्री आवास पर मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बीच बैठक रात करीब 9 बजे खत्म हुई।
- गलवान घाटी में झड़प के दौरान बुरी तरह घायल हुए 4 भारतीय सैनिकों की हालत अब स्थिर है। ये जवान लेह में 18 जवानों के साथ लाए गए थे। इनके अलावा 58 और जवान चोटिल हुए थे। इन्हें टकराव की जगह के पास के अस्पतालों में भर्ती किया गया था।
- चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लीजियन ने कहा कि गलवान घाटी की संप्रभुता हमेशा से चीन के हिस्से ही रही है। भारतीय सेना ने बॉर्डर प्रोटोकॉल तोड़ा। उन्होंने न केवल सीमा का उल्लंघन किया, बल्कि कमांडर लेवल की बातचीत का भी ध्यान नहीं रखा।
- चीन से जारी तनाव के बीच हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति और किन्नौर जिले में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। इन जिलों की सीमाएं चीन से लगती हैं।
- भारत में ब्रिटिश हाईकमीशन के प्रवक्ता ने कहा कि हम हालात पर नजर बनाए हुए हैं। हम यही चाहेंगे कि भारत और चीन बातचीत के जरिए विवाद सुलझाएं। हिंसा से किसी को फायदा नहीं होगा।
चीन के कमांडिंग अफसर समेत 40 सैनिक मारे गए
गलवान घाटी में सोमवार रात भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए। चीन के भी 40 सैनिक मारे गए हैं। इनमें यूनिट का कमांडिंग अफसर भी शामिल है। यह अफसर उसी चीनी यूनिट का था, जिसने भारतीय जवानों के साथ हिंसक झड़प की। इसी गलवान घाटी में 1962 की जंग में 33 भारतीयों की जान गई थी।
भारत-चीन-रूस की त्रिपक्षीय बातचीत 23 जून को
रूस के विदेश मंत्रालय ने बताया कि 23 जून को रुस, भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत होगी। आरआईसी चेयरमैनशिप के अंतर्गत होने वाली इस चर्चा में ग्लोबल पॉलिटिक्स, इकोनॉमी और कोरोना महामारी से जुड़े मामलों पर बातचीत होगी
मोदी ने कहा- हमारे सैनिक मारते-मारते मरे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘‘जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। देश की संप्रभुता सर्वोच्च है। देश की सुरक्षा करने से हमें कोई भी रोक नहीं सकता। हमारे दिवंगत शहीद वीर जवानों के विषय में देश को इस बात का गर्व होगा कि वे मारते-मारते मरे हैं।”
झड़प के करीब 36 घंटे बाद पहली बार भारत की तरफ से पहला बयान जारी हुआ। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने का कि गलवान में सैनिकों ने अदम्य साहस दिखाया। देश उनकी शहादत हमेशा याद रखेगा।
अपडेट्स…
- प्रधानमंत्री आवास पर मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बीच बैठक रात करीब 9 बजे खत्म हुई।
- गलवान घाटी में झड़प के दौरान बुरी तरह घायल हुए 4 भारतीय सैनिकों की हालत अब स्थिर है। ये जवान लेह में 18 जवानों के साथ लाए गए थे। इनके अलावा 58 और जवान चोटिल हुए थे। इन्हें टकराव की जगह के पास के अस्पतालों में भर्ती किया गया था।
- चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लीजियन ने कहा कि गलवान घाटी की संप्रभुता हमेशा से चीन के हिस्से ही रही है। भारतीय सेना ने बॉर्डर प्रोटोकॉल तोड़ा। उन्होंने न केवल सीमा का उल्लंघन किया, बल्कि कमांडर लेवल की बातचीत का भी ध्यान नहीं रखा।
- चीन से जारी तनाव के बीच हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति और किन्नौर जिले में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। इन जिलों की सीमाएं चीन से लगती हैं।
- भारत में ब्रिटिश हाईकमीशन के प्रवक्ता ने कहा कि हम हालात पर नजर बनाए हुए हैं। हम यही चाहेंगे कि भारत और चीन बातचीत के जरिए विवाद सुलझाएं। हिंसा से किसी को फायदा नहीं होगा।
चीन के कमांडिंग अफसर समेत 40 सैनिक मारे गए
गलवान घाटी में सोमवार रात भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए। चीन के भी 40 सैनिक मारे गए हैं। इनमें यूनिट का कमांडिंग अफसर भी शामिल है। यह अफसर उसी चीनी यूनिट का था, जिसने भारतीय जवानों के साथ हिंसक झड़प की। इसी गलवान घाटी में 1962 की जंग में 33 भारतीयों की जान गई थी।
भारत-चीन-रूस की त्रिपक्षीय बातचीत 23 जून को
रूस के विदेश मंत्रालय ने बताया कि 23 जून को रुस, भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत होगी। आरआईसी चेयरमैनशिप के अंतर्गत होने वाली इस चर्चा में ग्लोबल पॉलिटिक्स, इकोनॉमी और कोरोना महामारी से जुड़े मामलों पर बातचीत होगी।
दिल्ली से गलवान महज 1200 किमी दूर, फिर भी सूचनाओं में देरी क्यों?
- सोमवार रात 12 से 2 बजे के बीच: लद्दाख के गलवान में बड़ी घटना होती है। पर इसकी सूचना किसी को नहीं मिलती। दिल्ली के रास्ते देश को भी नहीं।
- मंगलवार दोपहर करीब 12.45 बजे: खबर आती है कि सीओ, यानी कमांडिंग ऑफिसर समेत तीन सैनिक शहीद हो गए हैं।
- दोपहर 1 बजे: घटना के करीब 11 घंटे बाद सेना बयान जारी कर कहती है कि हां, कर्नल समेत हमारे तीन जवान शहीद हुए हैं।
- दोपहर 3 बजे: प्रधानमंत्री दिल्ली में बैठकर 20 राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत करते हैं। विषय होता है कोरोना। देश को बता रहे हैं कि मास्क पहनकर निकलिये।
- रात 8 बजे: मुख्यमंत्रियों से बैठक के बाद रात 9 बजे के करीब प्रधानमंत्री के घर पर रक्षामंत्री, गृहमंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की बैठक होती है।
- रात 10 बजे: इसी दौरान खबर आती है कि चीन की बॉर्डर पर 20 जवान शहीद हुए हैं, संख्या बढ़ सकती है। फिर खबर आती है कि चीन के भी 43 जवान या तो मारे गए हैं, या घायल हुए हैं।
- मंगलवार रात 10.30 बजे: प्रधानमंत्री के घर पर जारी बैठक खत्म। लेकिन रात तक किसी का कोई बयान नहीं।
बॉर्डर पर सेना का मूवमेंट बढ़ा / लद्दाख इलाके में तैनात सेना की सभी यूनिट की वापसी पर रोक, देमचोक और पैंगॉन्ग लेक के आसपास के गांव खाली कराए जाएंगे
- सीमा से सटे इलाकों में मोबाइल फोन बंद कर दिए हैं, यहां तक कि सेना के लैंडलाइन फोन भी बंद हैं
- लेह सिटी के बाहर सेना के अलावा सभी मूवमेंट पर रोक, श्रीनगर-लेह हाईवे भी आम लोगों के लिए बंद
नई दिल्ली. 15 जून की घटना के बाद सेना ने लेह और बाकी सरहदों पर अपना मूवमेंट बढ़ा दिया है। इसके साथ ही लद्दाख से जो भी यूनिट्स पीस स्टेशन लौटने वाली थीं, उन्हें वहीं रुकने को कहा है। सेना ने लद्दाख के आसपास के इलाकों में तैनात अपनी यूनिट्स को लेह में कभी भी मूव करने के लिए तैयार रहने के आदेश दिए हैं। खासतौर पर कश्मीर और जम्मू में मौजूद यूनिट्स को किसी भी वक्त लेह जाने के ऑर्डर दिए जा सकते हैं।
लद्दाख में सीमा से सटे गांव खाली करवाने की तैयारी शुरू हो गई है। सेना ने एहतियातन लोगों से गांव खाली करने को कहा है। देमचोक पैंगॉन्ग लेक के आसपास की बसाहट को अलर्ट रहने को कहा है। सीमा से सटे इलाकों में मोबाइल फोन बंद कर दिए हैं। यहां तक कि सेना के लैंडलाइन फोन भी बंद कर दिए गए हैं।
सिर्फ ऑपरेशन से जुड़े फोन ही काम कर रहे हैं। उन पर भी इनकमिंग फोन कॉल्स बंद हैं। लेह सिटी के बाहर सेना के अलावा सभी मूवमेंट पर रोक लगा दी है और श्रीनगर-लेह हाईवे को भी आम लोगों के लिए बंद कर दिया है।
जवानों-ऑफिसर्स की छुटि्टयां कैंसल
इसी बीच, सेना ने अपने ऑफिसर और जवानों की छुटि्टयां कैंसिल कर दी है। कोरोना के चलते जो ऑफिसर्स और जवान पहले से छुट्टी पर थे, उन्हें लॉकडाउन लगने पर लौटने से मना कर उनकी छुट्टी बढ़ा दी गई थी। अब सभी छुटि्टयों को कैंसिल कर दिया गया है।
चीन ने हरकत की तो एक्शन लेने के आदेश
चीन से सटी 3400 किमी लंबी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल को अलर्ट कर दिया गया है। सभी जगह फॉरवर्ड पोस्ट के कंपनी कमांडर को चीन की ओर से कोई हरकत होने पर एक्शन लेने के आदेश दिए गए हैं।
नौसेना के जंगी जहाज भी तैनात होंगे, फाइटर जेट की तैनाती बढ़ाई गई
इसी बीच, मंगलवार रात को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेना प्रमुखों के बीच हुई बैठक में नौसेना को भी अपने युद्धपोत चीन से सटे इलाकों में तैनात करने के आदेश मिले हैं। सेना के अलावा चीन से सटी सीमाओं पर तैनात आईटीबीपी ने भी अपने सैनिकों को अलर्ट कर दिया है। वायुसेना ने हिमाचल और उत्तराखंड में अपने फॉरवर्ड बेस पर फाइटर जेट की तैनाती बढ़ा दी है।