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काम की बात:व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके आधार, पैन, वोटर आईडी और पासपोर्ट को संभालना परिवार की जिम्मेदारी; यहां जानें इनका क्या होता है

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कोरोना महामारी में कई लोगों ने अपनों को खोया है। हमारे देश में अब तक 3.45 लाख लोग कोरोना महामारी से जान गवां चुके हैं। बहुत से लोग नहीं जानते हैं कि किसी व्यक्ति की मृत्यु होने के बाद उसके डॉक्युमेंट्स जैसे पैन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड और पासपोर्ट का क्या करना है। आज हम आपको बता रहे हैं कि व्यक्ति की मृत्यु होने के बाद परिवार वालों को इन डॉक्युमेंट का क्या करना चाहिए।

आधार कार्ड
व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके आधार कार्ड को रद्द करने की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में मृतक के आधार कार्ड को संभालकर रखने और उसका गलत उपयोग न हो, ये देखने की जिम्मेदारी मृतक के परिवार की होती है। जिस व्यक्ति की मृत्यु हुई है, अगर वो व्यक्ति आधार के जरिए किसी योजना या सब्सिडी का लाभ ले रहा था तो संबंधित विभाग को व्यक्ति की मौत की जानकारी देनी चाहिए। इससे उसका नाम उस योजना से हटा दिया जाएगा।

क्या करें: कोई व्यक्ति एमआधार ऐप या UIDAI वेबसाइट के माध्यम से मृतक व्यक्ति के आधार को लॉक कर सकता है। इससे मृत व्यक्ति के आधार नंबर के दुरुपयोग को रोकने में मदद मिलेगी। इसकी प्रोसेस जानने के लिए यहां क्लिक करें

पैन कार्ड
परमानेंट अकाउंट नंबर या पैन कार्ड हमारे देश में एक बहुत ही जरूरी डॉक्युमेंट है। इनकम टैक्स भरने के साथ ही बैंक और डीमैट अकाउंट खुलवाने जैसे कई कामों में पैन कार्ड की जरूरत पड़ती है। यह आपके खाते से लिंक होता है। ऐसे में किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर पैन कार्ड को बंद कराना जरूरी है। नहीं तो उसके पैन कार्ड का गलत इस्तेमाल किया जा सकता है। बता दें कि मृतक का पैन सरेंडर करना अनिवार्य नहीं है यानी अगर मृतक का पैन सरेंडर नहीं किया गया है तो इसके लिए कोई जुर्माना नहीं है।

क्या करें: यदि आपको लगता है कि बाद में किसी काम के लिए आपको इसकी जरूरत पड़ सकती है तो आप इसे अपने पास रख सकते हैं। वहीं अगर आपको लगता है कि इसकी कोई आवश्यकता नहीं है और कोई दूसरा व्यक्ति इसका दुरुपयोग कर सकता है तो आप इसे सरेंडर कर सकते हैं।

इसके लिए मृतक के परिवार को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में संपर्क कर पैन कार्ड को सरेंडर कर देना चाहिए। पैन कार्ड सरेंडर करने से पहले मृतक के सभी खाते बंद करा देने चाहिए या उन्हें किसी दूसरे व्यक्ति के नाम पर ट्रांसफर कर देना चाहिए।

वोटर आईडी कार्ड
वोटर आईडी भी हमारे देश में एक मुख्य डॉक्युमेंट के तौर पर जाना जाता है। वोट डालने के लिए वोटर आईडी होना जरूरी है। व्यक्ति की मृत्यु के बाद इसे रद्द कराया जा सकता है। रद्द न होने पर अगर यह किसी गलत हाथ में पड़ जाता है तो चुनाव में मृतक के नाम से फर्जी वोट डालने का प्रयास किया जा सकता है।

क्या करें: यदि आपके परिवार में किसी की मृत्यु हो गई है, तो परिवार का कोई सदस्य चुनाव कार्यालय में जाकर फॉर्म नंबर 7 को भरकर इसे रद्द करा सकता है। इसके लिए मृतक के मृत्यु प्रमाण पत्र की जरूरत होगी।

पासपोर्ट
आधार कार्ड की तरह ही व्यक्ति की मृत्यु होने पर पासपोर्ट को सरेंडर या रद्द करने का कोई प्रावधान नहीं है। जब पासपोर्ट की समय-सीमा समाप्त हो जाती है, तो यह डिफॉल्ट तौर पर अमान्य हो जाता है।

क्या करें: इसे संभालकर रखें ताकि ये किसी गलत हाथ में न पड़े, ताकि कोई भी व्यक्ति इसका एड्रेस प्रूफ या अन्य किसी काम में दुरुपयोग न कर सके।

अगर ये डॉक्युमेंट्स खो गए हैं या चोरी हो गए हैं तो क्या करें?
अगर ये डॉक्युमेंट्स खो गए हैं या चोरी हो गए हैं तो आप इसकी शिकायत नजदीकी थाने में भी कर सकते हैं। इससे डॉक्युमेंट्स का गलत उपयोग होने से रोका जा सकेगा।

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