सी.सी.एम इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रो होमियोपैथी, में प्रो. डॉ. हरविंदर सिंह के नेतृत्व में ट्रेनिंग वर्कशॉप का आयोजन, एलाइड प्रोफ़ेशनल सर्विस प्रा.लि (ए.पी.एस) के मैनेजिंग डायरेक्टर नूर हसन के साथ EH के टिप्स दिए
प्रो. डॉ. हरविंदर सिंह ने बताया कि इलेक्ट्रो होमियोपैथी चिकित्सा पद्धति से पिछले 100 साल से हिंदुस्तान में मरीजों का इलाज़ हो रहा है। 1865 में इटली के डॉ. काउंट सीजर मैटी ने उक्त इलेक्ट्रो होमियोपैथी का अविष्कार किया था। इसमें रक्त और रस में आई अशुद्धियों को दूर कर रोगी का उपचार किया जाता है।
बठिंडा। सी.सी.एम इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रो होमियोपैथी, बठिंडा पंजाब की ओर से अलकेमी रिसर्च लैब के एमडी प्रो. डॉ. हरविंदर सिंह ( नेशनल वाईस प्रेजिडेंट EHF) के नेतृत्व में एक ट्रेनिंग वर्कशॉप का आयोजन किया गया। एलाइड प्रोफ़ेशनल सर्विस प्रा.लि (ए.पी.एस) के मैनेजिंग डायरेक्टर नूर हसन के साथ मिलकर इस वर्कशॉप में इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति बाबत टिप्स दिए गए।
प्रो. डॉ. हरविंदर सिंह ने बताया कि इलेक्ट्रो होमियोपैथी चिकित्सा पद्धति से पिछले 100 साल से हिंदुस्तान में मरीजों का इलाज़ हो रहा है। 1865 में इटली के डॉ. काउंट सीजर मैटी ने उक्त इलेक्ट्रो होमियोपैथी का अविष्कार किया था। इसमें रक्त और रस में आई अशुद्धियों को दूर कर रोगी का उपचार किया जाता है। कोहेबेशन टैक्नीक से 114 पेड़ पौधों के अर्क (स्पेजरिक एसेंस) से बीमारियां का इलाज किया जाता है। 38 तरह की दवाओं का बहुत ही डिलीयूटिड फोरम में मरीज को दिया जाता है जिससे उसे बिमारी के निदान में अप्रत्याशित परिणाम मिलते हैं। वह कहते हैं कि कैंसर, लीवर प्राब्लम, किडनी रोग, पथरी, माइग्रेन, गठिया, चमड़ी रोग, सेक्स समस्याओं आदि में इसके चमत्कारी प्रभाव देखने को मिलें हैं। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रो होम्योपैथी पद्धति की प्रेक्टिस पर किसी तरह की रोक नहीं हैं।