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ICSE और ISC की पेंडिंग परीक्षा छोड़ सकते हैं स्टूडेंट्स, प्री- बोर्ड और इंटरनल एग्जाम के आधार पर होगा मूल्यांकन

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ICSE और ISC की परीक्षा में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स अगर चाहे तो परीक्षा छोड़ सकते हैं। इस बारे में इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CICSE) बोर्ड ने मुंबई हाईकोर्ट से कहा है कि अगर कोई स्टूडेंट ICSE और ISC बोर्ड की परीक्षा से गैरहाजिर रहना चाहता तो ऐसे छात्रों का मूल्यांकन प्री- बोर्ड और इंटरनल एग्जाम के आधार पर किया जाएगा। लॉकडाउन की वजह से स्थगित ये परीक्षाएं जुलाई में होने वाली थीं। जारी नई डेटशीट के मुताबिक 10वीं की परीक्षा 2 जुलाई से 12 जुलाई और 12वीं की परीक्षा 1 से 14 जुलाई तक आयोजित होनी है।

22 जून तक देनी होगी सूचना

दरअसल, अदालत में दायर हुई एक याचिका के जवाब में बोर्ड ने यह बात कही। ऐसे में यदि कोई स्टूडेंट परीक्षा छोड़ने का फैसला करता है तो उसे 22 जून तक इस बारे में बोर्ड को जानकारी देनी होगी। एक स्टूडेंट् के पैरेंट की ओर दीखिल की गई याचिका में परीक्षा को स्थगित करने की मांग की गई थी। हालांकि, इस मामले की अगली सुनवाई बुधवार को होगी। बोर्ड ने कहा है कि जिन विषयों की परीक्षाएं हो गई हैं, उनमें छात्रों का मूल्यांकन उनके एग्जाम के हिसाब से किया जाएगा।

पहले 27 फरवरी से 30 मार्च तक होनी थी परीक्षा

दायर याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 2 विकल्प प्रस्तावित किए हैं। पहला नए शेड्यूल के अनुसार जुलाई में परीक्षा आयोजित करें। दूसरा इंटरनल असेसमेंट मूल्यांकन / प्री-बोर्ड परीक्षा में प्रदर्शन के आधार पर फाइनल परिणाम घोषित किया जाए। अभी इस दोनों विकल्प पर काम किया जाएगा। इससे पहले 10वीं की यह परीक्षाएं 27 फरवरी से 30 मार्च के बीच आयोजित थीं, लेकिन कोरोना महामारी के बढ़ते प्रसार के कारण 19 मार्च से परीक्षाएं रद्द कर दी गई थीं। मौजूदा समय में महाराष्ट्र में ICSE संबद्ध कुल 226 स्कूल के 23,347 स्टूडेंट्स को कक्षा 10 की परीक्षा में शामिल होना था।

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