ICMR ने कहा- देश में अभी कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं, प्रभावित जिलों में 0.73% आबादी ही कोरोना की चपेट में; लॉकडाउन की वजह से असर कम
लॉकडाउन में सर्वे हुआ, इसमें 28 हजार परिवार शामिल थे; पता चला- प्रभावित जिलों की 0.73% आबादी ही संक्रमित पिछले एक महीने में रिकवरी रेट में 11% की बढ़ोतरी, 18 मई को यह 38.29% था, अब यह 49.21% हो गया
नई दिल्ली. देश में अभी कोरोना का कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू नहीं हुआ है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने गुरुवार को यह दावा किया है। आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल डॉ. बलराम भार्गव ने सरकार की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कम्युनिटी ट्रांसमिशन शब्द पर बहस जोरों पर है। डब्ल्यूएचओ ने इसके मायने नहीं बताए हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे देश में कोरोना का असर 1% आबादी से भी कम है। शहरी इलाकों और कंटेनमेंट जोन में असर ज्यादा है। लेकिन, यह बात साफ है कि हमारे यहां कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं है।
वायरस की चपेट में प्रभावित जिलों की महज 0.73% आबादी
आईसीएमआर ने एक सर्वे के नतीजे भी देश के सामने रखे हैं। यह सर्वे अप्रैल-मई में यानी लॉकडाउन के दौरान देश के 83 जिलों के 28 हजार परिवारों पर किया गया। आईसीएमआर के मुताबिक, कोरोना से प्रभावित जिलों में 0.73% आबादी ही वायरस की चपेट में आई। यानी लॉकडाउन कोरोना को फैलने से रोकने में कामयाब साबित हुआ। सर्वे की रिपोर्ट 30 अप्रैल तक के डेटा पर है।
रिकवरी रेट में 11% बढ़ोतरी हुई
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि पिछले एक महीने में रिकवरी रेट में 11% की बढ़ोतरी हुई है। 18 मई को यह 38.29% था। आज यह 49.21% हो गया है। अब तक देश में 1.41 लाख से ज्यादा लोगों को ठीक करके घर भेजा जा चुका है। एक महीने में मृत्यु दर में 1% गिरावट हुई है। 15 मई को देश में डेथ रेट 3.73% था, यह अब 2.78% हो गया है।
तारीख | रिकवरी रेट |
25 मार्च | 8.34% |
15 अप्रैल | 11.42% |
03 मई | 26.59% |
11 मई | 38.29% |
1 जून | 48.19% |
6 जून | 48.20% |
11 जून | 49.21% |
स्वदेशी टेस्टिंग किट पर्याप्त मात्रा में मौजूद
आईसीएमआर ने कहा- देश में स्वदेशी टेस्टिंग किट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। हम लगातार अपनी टेस्टिंग की क्षमता बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। हालांकि, जब हम बड़े पैमाने पर कोई काम करते हैं तो कभी-कभी इसमें कई दिक्कतें भी आती हैं। हम उन तमाम दिक्कतों को दूर करते हुए आगे बढ़ रहे हैं।