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शतायु होने का सीक्रेट:100 साल से अधिक उम्र तक जीने वालों की एक वजह है गट बैक्टीरिया, यह संक्रमण का खतरा घटाकर बढ़ती उम्र के असर को कम करता है

टोक्यो की कियो यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के वैज्ञानिकों का दावा

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जापानी वैज्ञानिकों ने 100 साल और इससे अधिक जीने वालों के बारे में एक सीक्रेट बताया है। उनका कहना है, इतनी लम्बी उम्र होने की एक वजह आंतों में मौजूद खास तरह का बैक्टीरिया है। यह बैक्टीरिया सेकंडरी बाइल एसिड का निर्माण करता है, जो संक्रमण से लड़ने में मदद करता है, आंतों को स्वस्थ रखता है और बढ़ती उम्र के असर को घटाने में मदद करता है।

यह दावा टोक्यो की कियो यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के वैज्ञानिकों ने किया है।

आंतों के बैक्टीरिया कैसे स्वस्थ रखते हैं, इसे समझें
आंतों में खास तरह के बैक्टीरिया पाए जाते हैं। इसे गट बैक्टीरिया या गट माइक्रोबियोम भी कहते हैं। जब भी हम खाना खाते हैं तो ये बैक्टीरिया उसे तोड़ते हैं। इससे खाना आसानी से पचता है और खाने में मौजूद पोषक तत्व शरीर में मिल जाते हैं। ये बुरे बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने की कोशिश करते हैं। जब आंतों में गट बैक्टीरिया की संख्या घटती है और नुकसान पहुंचाने वाले बैक्टीरिया की संख्या बढ़ती है तो पेट की बीमारियां, जैसे अल्सेरेटिव कोलाइटस, बढ़ने लगती हैं।

ऐसे हुई रिसर्च
वैज्ञानिकों ने अधिक उम्र वाले 160 लोगों पर रिसर्च की। इनकी औसत उम्र 107 साल थी। इनके शरीर में मौजूद गट बैक्टीरिया की तुलना 85 से 89 उम्र के 112 और 21 से 55 साल के 47 लोगों से की गई। वैज्ञानिकों ने पाया कि 85-89 और 21-55 साल की उम्र वालों के मुकाबले 100 से अधिक उम्र वालों में सेकंडरी बाइल एसिड की मात्रा अधिक थी।

क्या काम करता है बाइल एसिड
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के मुताबिक, बाइल एसिड एक तरल पदार्थ है। इसका निर्माण तो लिवर करता है और यह गॉलब्लेडर में स्टोर रहता है। यह खाना पचाने में मदद करता है। खासतौर फैट वाला फूड। लिवर से निकलने के बाद यह बाइल एसिड आंतों में पहुंचता है और यहां मौजूद गट बैक्टीरिया इसे सेकंडरी बाइल एसिड में बदल देते हैं। यही सेकंडरी बाइल एसिड स्वस्थ रखने में मदद करता है।

ये बैक्टीरिया गंभीर बीमारियों का खतरा घटाता है
जापानी रिसर्चर्स के मुताबिक, जो लोग 100 साल की उम्र तक पहुंचते हैं उनमें ऐसे खास तरह के बैक्टीरिया अहम रोल अदा करते हैं और गंभीर बीमारियों का खतरा घटाते हैं।

रिसर्चर डॉ. केन्या हॉन्डा का कहना है, 100 साल की उम्र वालों और आंतों के बैक्टीरिया के बीच एक कनेक्शन मिला है, लेकिन इससे यह पूरी तरह साबित नहीं होता है कि लम्बी उम्र की एकमात्र वजह यह बैक्टीरिया है। इस पर और रिसर्च किए जाने की जरूरत है। यह बैक्टीरिया लम्बी उम्र की एक वजह हो सकता है।

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