Newsportal

सरकार की नई एडवाइजरी:वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद ही ट्रैवल करें, 32% लोग अभी भी हाई रिस्क में; बड़ों के मुकाबले बच्चों को कम खतरा

0 184

करीब 67.6% भारतीयों ने SARS-COV-2 के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित कर ली है। इसका मतलब है कि आधे से अधिक भारतीय कोरोना से लड़ने में सक्षम हो चुके हैं। सरकार के चौथे सीरो-सर्वे से इसका खुलासा हुआ है। कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने यात्रा को लेकर गाइडलाइन जारी की है। इसमें कहा गया है कि बिना फुल वैक्सीनेशन के यात्रा से बचने की जरूरत है। मंत्रालय ने ये 7 बातें कही हैं…

1. ढिलाई की कोई जगह नहीं: सीरो-सर्वे में कोरोना के खिलाफ आशा की किरण दिखी है, लेकिन अभी किसी तरह की ढिलाई नहीं दी जा सकती है। 32% लोग अब भी कोरोना से सुरक्षित नहीं हैं।

2. जिलेवार हालात पर बयान नहीं: सरकार ने कहा कि लोकल या जिला स्तर पर हालात अलग हो सकते हैं। सीरो-सर्वे में देश की स्थिति पर ओवरऑल नजर डाली गई है।

3. स्टेट-लेवल पर एक्शन जरूरी: राज्यों को स्थानीय सीरो-सर्वे जारी रखना चाहिए ताकि यह पता लगाया जा सके कि कोविड के खिलाफ आबादी का प्रतिशत कितना सुरक्षित है।

4. तीसरी लहर का आना संभव: मंत्रालय ने कहा कि भविष्य में संक्रमण की लहरें आ सकती हैं। दरअसल, कुछ राज्यों में कोरोना के खिलाफ हाई लेवल पर इम्यूनिटी मिली है, जबकि कहीं पर यह बहुत नीचे है।

5. गैर-जरूरी यात्रा से बचें: जुलाई के पहले हफ्ते से कई राज्यों ने पाबंदियों में ढील देनी शुरू की है। इससे टूरिस्ट स्पॉट और मार्केट में भीड़ उमड़ रही है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। लोगों को गैर-जरूरी यात्रा से बचने की जरूरत है।

6. सभाओं से बचें: कई राज्यों ने सभाओं के लिए पाबंदियों में ढील दी है, लेकिन अभी इससे बचने की जरूरत है। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और दिल्ली सरकार ने हाल ही में कांवड़ यात्रा रद्द की है।

7. फुल वैक्सीनेशन के बाद यात्रा: सरकार ने कहा कि फुल वैक्सीनेशन के बाद ही यात्रा करें। यानी कि वैक्सीन की दोनों डोज तय अंतराल के बाद ले चुके लोग ही यात्रा पर जाएं।

सीरो-सर्वे की 4 बड़ी बातें

1. 6 से 9 साल के 57.2% और 10 से 17 साल के 61.6% बच्चों में एंटीबॉडी मिली।

2. 18 से 44 साल के 66.7%, 45 से 60 साल के 77.6%, 60 साल से ऊपर के 76.7% में एंटीबॉडी मिली।

3. 69.2% महिलाओं और 65.8% पुरुषों में कोविड के खिलाफ एंटीबॉडी मिली।

4. शहरी इलाकों में रहने वाले 69.6% और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले 66.7% में एंटीबॉडी मौजूद।

सीरो-सर्वे में प्राइमरी स्कूल खोलने की सलाह
एंटीबॉडी डेवलप करने वालों में बड़ी संख्या में बच्चे भी शामिल हैं। स्कूल खोले जाने के सवाल पर ICMR के डायरेक्टर जनरल डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि स्कूल खोले जा सकते हैं, क्योंकि छोटे बच्चों में एडल्ट की तुलना में संक्रमण का खतरा कम है। उन्होंने सुझाव दिया कि शुरुआती दौर में प्राइमरी स्कूल खोलने चाहिए, इसके बाद सेकेंड्री स्कूल खोले जा सकते हैं।

टीचर्स और स्टाफ हों वैक्सीनेटेड
डॉ. भार्गव ने बताया कि एडल्ट्स की तुलना में छोटे बच्चे वायरस को बहुत आसानी से हैंडल करते हैं। छोटे बच्चों के लंग्स में वे रिसेप्टर्स कम होते हैं, जहां वायरस अटैक करता है। इसके साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि अगर स्कूल खोले जाते हैं तो टीचर से लेकर सभी सपोर्ट स्टाफ पूरी तरह वैक्सीनेटेड होने चाहिए। साथ ही कोरोना के नियमों का पूरी तरह पालन होना चाहिए।

Leave A Reply

Your email address will not be published.