घूमने के शौक में नियम ताक पर:कोरोना की फर्जी निगेटिव रिपोर्ट लेकर देहरादून-मसूरी घूमने पहुंचे 13 टूरिस्ट अरेस्ट, अब तक 100 फेक रिपोर्ट मिलीं
कोरोना की दूसरी लहर से देश को राहत मिलते ही पहाड़ी राज्यों में पर्यटकों की लंबी कतारें लग रही हैं। उत्तराखंड में पर्यटन स्थलों पर भारी भीड़ जुटती देख राज्य सरकार ने नियम बना दिया कि आने वाले सैलानियों को कोरोना टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी, लेकिन लोग हैं कि मान ही नहीं रहे।
घूमने के शौक में लोग अब तो कोराेना की फर्जी रिपोर्ट भी बनवा रहे हैं। उत्तराखंड पुलिस ने गुरुवार को ऐसे 13 टूरिस्ट को गिरफ्तार है, जो फर्जी कोरोना रिपोर्ट लेकर राज्य में घुस रहे थे। इनके खिलाफ महामारी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है।
दो गाड़ियों में मिले 13 लोग
सरकार की तरफ से कोरोना टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट को अनिवार्य करने के बाद स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप की टीमें राज्य में आने वाले पर्यटकों की रिपोर्ट चेक करती हैं। राज्य के क्लेमेंट टाउन में चेकिंग के दौरान पुलिस को दो वाहनों में सवार पर्यटकों पर शक हुआ। रिपोर्ट देखी तो वह फर्जी निकली। इसमें से एक वाहन गाजियाबाद से था, जिसमें 10 लोग सवार थे। दूसरा वाहन बिहार से था, जिसमें 3 लोग थे। पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया।
अब तक 100 से ज्यादा फर्जी रिपोर्ट मिलीं
पुलिस के मुताबिक अब तक 100 से भी ज्यादा लोग फर्जी रिपोर्ट के साथ पकड़े गए हैं। दरअसल, राज्य सरकार ने कुछ दिन पहले राज्य में आने पर लगे प्रतिबंधों में ढील दी थी, तभी से मसूरी और नैनीताल जैसे पर्यटन स्थलों पर लोगों की भीड़ बढ़ने लगी है। हालांकि कोरोना कर्फ्यू 20 जुलाई तक लगा रहेगा, लेकिन आर्थिक गतिविधियों काे फिर से शुरू करने के लिए राज्य सरकार ने कई नियमों में छूट दी है।
वीकेंड पर वापस लौटाए गए 4000 वाहन
उत्तराखंड पुलिस हेडक्वार्टर के मुताबिक राज्य में आने वाले टूरिस्ट्स के पास निगेटिव कोरोना रिपोर्ट और होटल में पहले से बुकिंग का होना अनिवार्य है। बीते वीकेंड में इन मानकों पर खरे न उतरने के कारण तकरीबन 4000 वाहनों में सवार पर्यटकों को मसूरी और नैनीताल से लौटा दिया गया।
मोदी ने हिल स्टेशनों पर उमड़ रही भीड़ पर जताया था ऐतराज
दो दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था, ‘कुछ लोग सीना तानकर बोलते हैं कि तीसरी लहर आने से पहले एंजॉय करना चाहते हैं। लोगों को समझना होगा कि तीसरी लहर अपने आप नहीं आएगी। सवाल होना चाहिए कि इसे कैसे रोकना है? प्रोटोकॉल का पालन कैसे करना है? कोरोना अपने आप नहीं आता, कोई जाकर ले आए, तो आता है। हम सावधानी बरतेंगे, तो ही इसे रोक पाएंगे।’